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माय सिटी माय प्राइड का असर : मेरठ में लोग अपनी जेब से खर्चा कर पार्क को कर रहे सुंदर, मदद के लिए की यह खास अपील

न्यू आर्य नगर और आसपास की कॉलोनी के लोग 45 बीघे जमीन पर अपना पैसा खर्च कर सुंदर पार्क बना रहे हैं।

By Krishan KumarEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 04:42 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 04:42 PM (IST)
माय सिटी माय प्राइड का असर : मेरठ में लोग अपनी जेब से खर्चा कर पार्क को कर रहे सुंदर, मदद के लिए की यह खास अपील

जागरण संवाददाता, मेरठ : कभी-कभार कुछ लोग ऐसी इबारत लिख देते हैं जो उदाहरण बन जाता है या यूं कहें कि वह शहर के लिए गर्व बन जाता है। ऐसी ही काबिले तारीफ इबारत लिख रहे हैं न्यू आर्य नगर और आसपास की कॉलोनी के कुछ लोग। ये लोग 45 बीघे जमीन पर अपना पैसा खर्च करके सुंदर पार्क बना रहे हैं। काम दिखाई देने लगा है क्योंकि अब तक करीब दो लाख रुपये तक खर्च हो गए हैं। दैनिक जागरण के 'माय सिटी माय प्राइड अभियान' की सार्थक पहल दिखाई देने लगी है। जिसका मकसद है कि आपसी सहयोग से कुछ ऐसा किया जाए जिस पर शहर गर्व कर सके।

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शास्त्रीनगर के एच ब्‍लॉक में जनसहयोग से बदलाव हाल ही में दिखा था। न्यू आर्यनगर व आसपास के लोग भी जन सहयोग से बहुत बड़ा बदलाव करने में जुट गए हैं। सपा जिला कार्यालय के बराबर में जेल रोड पर नगर निगम की करीब 45 बीघे जमीन है। इसे प्रदेश की अखिलेश सरकार ने राममनोहर लोहिया पार्क बनाने की घोषणा की थी और तत्कालीन कैबिनेट मंत्री आजम खान ने शिलान्यास का पत्थर भी लगवा दिया था।

उसी समय बाउंड्री बना दी गई मगर उसके बाद कुछ नहीं हुआ। उस जमीन पर अवैध कब्जा होने लगा। किसी ने खेती शुरू की तो किसी ने अपना मकान उस ओर बढ़ा लिया। मृत मवेशी भी वहीं फेंके जाने लगे। उसी पार्क के सामने न्यू आर्य नगर स्थित है। यहां के लोगों ने कई बार नगर निगम के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से उस जमीन पर पार्क बनवाने की मांग की, पत्र दिए लेकिन किसी को इसके लिए फुर्सत नहीं थी।

इन लोगों ने की पहल : न्यू आर्य नगर और आसपास की कॉलोनी के कुछ लोगों ने आपस में बात की और ठान लिया कि पार्क खुद विकसित करेंगे और इसके लिए पैसे भी खुद खर्च करेंगे। विपिन पंवार, गौरव चौधरी, राजेश आर्य, मनीष यादव, राहुल चौधरी व नरेंद्र गिरि लोग तन-मन-धन से इसके लिए जुट गए। उनकी जान-पहचान के लोगों का भी सहयोग मिला और तीन माह पहले इसकी सूरत बदलनी शुरू कर दी।

बदल गई पार्क की सूरत : जिस जमीन पर गड्ढा था उसे मिट्टी से भर दिया गया है। फूल-पौधे लगा दिए गए हैं। सुबह-शाम घूमने के लिए ट्रैक बना दिया गया है। किशोरों-युवाओं के लिए कबड्डी ग्राउंड भी बना दिया गया है। नियमित काम करने के लिए जेसीबी, टै्रक्टर-ट्राली और माली आदि की मदद ली जा रही है। पौधों की सिंचाई के लिए बोरिंग भी करा दी गई है। शायद अधिकारियों-जनप्रतिनिधिों की नींद खुल जाए पार्क के बाहर जेल रोड की तरफ क्षेत्रवासियों की अपील वाला एक बोर्ड लगा दिया गया है।

इसमें लिखा है कि 'हम क्षेत्रवासी पार्क का निर्माण एवं सौंदर्यीकरण का कार्य समस्त क्षेत्र वासियों के सहयोग से कर रहे हैं। हम अपने माननीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों से पार्क में सहयोग की अपेक्षा करते हैं। इस बोर्ड लगे काफी दिन हो गए हैं फिर भी उम्मीद है कि किसी न किसी दिन अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की नींद खुल जाएगी। आप भी बढ़ाएं मदद का हाथ, ताकि पार्क संवरे अगर आप इस पार्क को संवारने व बेहतर बनाने में सहयोग कर सकते हैं तो बेझिझक वहां सहयोग को पहुंच सकते हैं। सिस्टम के निकम्मेपन को कोसने के बजाय आपसी सहयोग से भी बदलाव लाया जा सकता है। 


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