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मेरठ में पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी के घर पर कार्रवाई की तैयारी, अवैध रूप से बनाया है बेसमेंट

Yakub Qureshi News पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी पर प्रशासन की ओर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। एमडीए उनके घर पर कार्रवाई कर सकता है। यहां सराय वहलीम स्थित घर में चार साल पहले बनाया था अवैध रूप से बेसमेंट। वहीं पुलिस उनके घर पर ताला लटका मिला।

By Prem Dutt BhattEdited By: Updated: Fri, 08 Apr 2022 08:45 AM (IST)
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Yakub Qureshi Latset News मेरठ में याकूब कुरैशी के अस्पताल पर हुआ था ध्वस्तीकरण का आदेश।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Yakub Qureshi News मेरठ में पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी के सराय वहलीम स्थित घर पर एमडीए कार्रवाई कर सकता है। उनके घर का लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है। दरअसल, करीब चार साल पहले याकूब ने अपने पुराने घर को नए तरह से बनवाया था। इसी निर्माण के दौरान उसमें बेसमेंट भी बनवा लिया था। जबकि इसकी अनुमति नहीं ली गई थी।

पुन: बाहर निकाली गई फाइल

पुराना शहर होने के नाते बेसमेंट की अनुमति मिल भी नहीं सकती थी और न ही उसका मानचित्र पास हो सकता था। इसलिए शिकायत पहुंची तो एमडीए ने उस बेसमेंट को पाटने का निर्देश दिया था। उसके बाद याकूब की ओर से एमडीए में बताया गया कि रेत से बेसमेंट पाट दिया गया है। हालांकि अब फिर से उस पुराने बेसमेंट प्रकरण को फाइल से बाहर निकाली जा रही है। बताया गया है कि याकूब ने बेसमेंट पाटा नहीं था, झूठ बोला था।

अस्पताल पर हुआ था ध्वस्तीकरण का आदेश

याकूब के अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग की ओर से सील किया गया है। अब एमडीए भी कार्रवाई की तैयारी में है। दरअसल इस अस्पताल पर ध्वस्तीकरण का आदेश कुछ साल पहले हुआ था। फिर इस पर जुर्माना लगाते हुए शमन मानचित्र पर बात बढ़ी। जुर्माने के खिलाफ याकूब की ओर से अपील स्थानीय कोर्ट में लंबित है। एमडीए ने अभियोजन से फाइल मांगी है।

दबिश में याकूब के घर लटका मिला ताला

पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की अल फहीम मीटेक्स प्राइवेट लि. फैक्ट्री में मीट पैकेजिंग और प्रोसेसिंग के मामले में पुलिस फरार आरोपितों को पकडऩे के लिए दबिश डाल रही है। गुरुवार को इंस्पेक्टर किठौर ने फोर्स के साथ याकूब के सराय बहलीम स्थित मकान पर दबिश डाली। घर के अंदर कमरों पर ताले लटके हुए थे। पुलिस अब एनबीडब्ल्यू का इंतजार कर रही है।

पुलिस ने डाली थी दबिश

पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी उनकी पत्नी संजीदा, बेटा इमरान और फिरोज की धरपकड़ को किठौर पुलिस ने दबिश डाली। शाम करीब पांच बजे किठौर इंस्पेक्टर फोर्स के साथ याकूब के आवास पर पहुंचे थे। इंस्पेक्टर ने बताया कि घर के अंदर के सभी गेट पर ताला लटका हुआ था। ड्राइंग रूम खुला हुआ था। दबिश के दौरान वहां कोई नहीं मिला है। पुलिस मान रही है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद याकूब का परिवार फरार हो गया था। पुलिस कोर्ट से एनबीडब्ल्यू जारी कराने के बाद 82 सीआरपीसी की कार्रवाई करेगी। उधर, याकूब कुरैशी के अधिवक्ता पैनल ने इस मामले में हाईकोर्ट की शरण ली है। रिट में पुलिस और प्रशासनिक अफसरों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि याकूब कुरैशी समेत सभी आरोपितों के खिलाफ धरपकड़ की कार्रवाई की जा रही है। साथ ही विवेचना पूरी तरह से निष्पक्षता के दायरे में रखी जाएगी।

याकूब ने अस्पताल के नाम पर बना रखा है ट्रस्ट

याकूब कुरैशी ने सिटी अस्पताल के नाम पर ट्रस्ट भी बना रखा है। पुलिस अस्पताल और ट्रस्ट की भी जांच कर रही है। देखा जा रहा है कि याकूब के ट्रस्ट में कहां से रकम आती थी और इसका प्रयोग कहां किया जाता था। अन्य विभाग भी ट्रस्ट के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं।

एजुकेशनल ट्रस्ट के नाम पर पंजीकृत था अस्पताल

मेरठ : हापुड़ रोड स्थित सिटी हास्पिटल पर सील लगाने के बाद स्वास्थ्य विभाग एक्शन में आ गया है। तबादले पर बाहरी जिलों में डयूटी कर रहे पंजीकरण सेल के पूर्व क्लर्कों से भी जानकारी तलब की गई है। दर्जनभर अस्पतालों को नोटिस जारी करने की तैयारी है, वहीं कई अस्पतालों पर गाज भी गिर सकती है। पूर्व मंत्री एवं बसपा नेता याकूब कुरैशी प्रशासन के निशाने पर हैं। हापुड़ रोड स्थित उनका अस्पताल एक एजुकेशनल ट्रस्ट के नाम पर पंजीकृत था। दो दिन पहले अस्पताल को सील कर दिया गया। जांच पड़ताल में पता चला कि इस अस्पताल का वर्ष 2017 के बाद से आनलाइन पंजीकरण नहीं हुआ था।

सभी नर्सिंग होमों एवं अस्पतालों की रिपोर्ट तलब

अस्पताल के संचालन में स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध मानी गई है, जिसे देखते हुए सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने गुरुवार को स्टाफ के साथ बैठक करते हुए सभी नर्सिंग होमों एवं अस्पतालों की रिपोर्ट तलब किया है। सीएमओ ने बताया कि जिले में बड़ी संख्या में अस्पताल मानकों के खिलाफ संचालित हैं, जिन पर सख्ती से कारवाई तय है। उन्होंंने बताया कि सिटी हास्पिटल एक ट्रस्ट द्वारा संचालित था, लेकिन पंजीकरण के मानकों का पालन नहीं किया गया। अन्य पहलुओं की भी जांच कराने के लिए दो डाक्टरों की टीम गठित की गई है, जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देंगे। कोरोना संक्रमण के दौरान दर्जनों अस्पतालों को नोटिस जारी किए गए थे, जिस पर अब तक हुई कायवाई की समीक्षा होगी।

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