CCSU में ये क्या चल रहा है? यूनिवर्सिटी ने शिक्षकों को भौतिक सत्यापन के लिए फिर बुलाया, मामला कोर्ट में
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने एमएड एमपीएड और बीपीएड कॉलेजों के शिक्षकों के लिए भौतिक सत्यापन कार्यक्रम फिर से जारी किया है। शिक्षकों को 25 से 27 अगस्त तक अपने कागजात के साथ विश्वविद्यालय में उपस्थित होना है। वित्तविहीन कॉलेजों ने इस प्रक्रिया का विरोध किया है और मामला न्यायालय में है। विश्वविद्यालय ने सत्र 2025-26 से कुछ पाठ्यक्रमों के नाम और सीटें भी बदली हैं।

जागरण संवाददाता, मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने एमएड, एमपीएड व बीपीएड पाठ्यक्रम संचालित करने वाले कालेजों के शिक्षकों को एक बार फिर भौतिक सत्यापन का कार्यक्रम जारी कर दिया है।
विश्वविद्यालय की ओर से बुधवार को जारी निर्देश में शिक्षकों को अपने सभी कागजातों के साथ 25 से 27 अगस्त तक विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में सुबह 11 बजे भौतिक सत्यापन के लिए पहुंचना है। सत्र 2025-27 के लिए की गई इस व्यवस्था का पहले भी वित्तविहीन कालेजों ने विरोध किया है और उच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन हैं।
सितंबर के पहले पखवाड़े में न्यायालय में इस मामले में सुनवाई होगी। इससे पहले ही विश्वविद्यालय ने भौतिक सत्यापन का कार्यक्रम जारी कर दिया है। कालेजों ने विश्वविद्यालय के इस सत्यापन को शिक्षकों की परेड का नाम देते हुए इसे शिक्षकों का सम्मान आहत करने वाली प्रक्रिया के साथ ही शासनादेश विरोधी व्यवस्था कराकर दिया है।
विश्वविद्यालय ने बदले पाठ्यक्रमों के नाम
सीसीएसयू ने सत्र 2025-26 से कुछ पाठ्यक्रमों के नाम बदलने के साथ ही सीटें भी बढ़ाई हैं। इनमें बीएससी बायोटेक आनर्स पाइ्यक्रम का नाम बदलकर बीएससी बायोटेक आनर्स एनईपी कर दिया गया है। इसमें अब 33 सीटों पर प्रवेश होगा। इसी तरह बीएससी फूड माइक्रोबायोलाजी, सेफ्टी एंड क्वालिटी कंट्रोल का नाम बदलकर बीएससी आनर्स माइक्रोबायोलाजीएनईपी करते हुए 33 सीटें कर दी गई हैं।
एमएससी बायोटेक-सीबीसीएस का नाम बदलकर एमएससी बायोटेक एनईपी और एमए व एमएससी योग साइंस काे एमए योग साइंस में 44 सीटें व बीए व बीएससी योग साइंस पाठ्यक्रमों के नाम बदले हैं। बीएससी बायोटेक आनर्स का नाम भी एनईपी के तहत कर दिया गया है।
बीएससी रसायन आनर्स या आनर्स विद रिसर्च एनईपी में 60 सीटें हैं जिसके संचालन की अनुमति इस सत्र में मिल चुकी है। सी तरह एआइसीटीई निर्देशों के अनुसार बीबीए का नया करिकुलम जारी किया जा रहा है। इसके अलावचा ज्वेलरी डिजाइन से जुड़े पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए शिक्षकों की िनियुक्ति भी होगी।
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