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सीसीएसयू परिसर : गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके...हमें तो परीक्षा पसंद है Meerut News

कोविड के संकटकाल में बहुत से शिक्षक घर बैठे भी अपनी जिम्मेदारियों को नहीं भूले। गुरु को समर्पित कबीरदास का मशहूर दोहा है गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पांय।

By Prem BhattEdited By: Updated: Sat, 05 Sep 2020 04:00 PM (IST)
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सीसीएसयू परिसर : गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके...हमें तो परीक्षा पसंद है Meerut News

मेरठ, [विवेक राव]। गुरु को समर्पित कबीरदास का मशहूर दोहा है, गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय।। अर्थात गुरु और ईश्वर साथ खड़े हों तो पहले गुरु के श्रीचरणों में शीश झुकाना उत्तम है। यह है गुरु की महत्ता। हालांकि इसपर भी ग्रहण लगने लगा है। कोविड के संकटकाल में बहुत से शिक्षक घर बैठे भी अपनी जिम्मेदारियों को नहीं भूले। विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेज के छात्रों से ऑनलाइन जुड़ते हुए उनकी दुश्वारियों को दूर करते रहे। वहीं कुछ ऐसे शिक्षक भी रहे, जिन्हें छात्रों के मोबाइल नंबर नहीं मिल पाए, तो कैसे पढ़ाएं। यह वही शिक्षक हैं जो कक्षा में छात्रों की गैरहाजिरी का कारण बताकर वहां भी नहीं पढ़ाते। उन्हें यह सोचना चाहिए वह केवल वेतनभोगी नहीं हैं। उनकी जिम्मेदारी अहम है। शिक्षक खुद को महज वेतनभोगी समझेंगे तो छात्र खुद को कस्टमर समझकर सवाल जवाब वैसे ही करेंगे।

उच्च शिक्षा में दर्जनों अनामिका

बेसिक शिक्षा में एक अनामिका क्या मिली, पूरे सूबे में खलबली मच गई थी। फिर 'अनामिका' की तलाश उच्च शिक्षा में भी शुरू हुई। पहले सभी को लगा यह टाइम पास होगा, लेकिन नतीजे चौंकाने लगे हैं। अब चौधरी चरण ङ्क्षसह विवि और संबद्ध डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों की जांच हुई तो कई अनामिका पकड़ में आने वाली हैं। प्रदेश में उच्च शिक्षा की पहली अनामिका चौ. चरण ङ्क्षसह विवि से जुड़े बादलपुर कॉलेज से मिली, जिसे निलंबित कर मेरठ शिक्षा कार्यालय से अटैच कर दिया। मेरठ में ऐसे दर्जनों अनामिका के कारनामें चौंकाने वाले हैं। बताया जा रहा कि मेरठ में जिनके शैक्षणिक प्रमाणपत्र और नियुक्ति की प्रक्रिया की जांच हुई है, उनमें अधिकांश शिक्षिकाएं ही हैं। मतलब साफ, उच्च शिक्षा में कई अनामिका सालों से सिस्टम को धता बताते हुए सेवा कर रहीं हैं। अब एक पर कार्रवाई हुई, बाकी प्रतीक्षा सूची में हैं।

हमें तो परीक्षा पसंद है

कोविड के खतरे के बीच चौधरी चरण सिंह विवि और नेशनल टेस्ङ्क्षटग एजेंसी की जेईई मेन की परीक्षा हो रही है। मेरठ सहित पूरे प्रदेश में इन परीक्षाओं का विरोध होता रहा। परीक्षा के विरोधी तर्क देते रहे कि छात्र तो परीक्षा ही नहीं देना चाहते हैं। परीक्षा हुई तो संक्रमण और फैलेगा। डर को भगाते हुए परीक्षा अब शुरू है। प्रदेश में बरेली  और मेरठ विश्वविद्यालय की परीक्षाएं एक साथ शुरू हुईं। परीक्षार्थियों को इस परीक्षा का बेसब्री से इंतजार था, क्योंकि उन्हें अपने भविष्य की ङ्क्षचता है। चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय की ओर से जब जब परीक्षा के कार्यक्रम जारी हुए, छात्र अपनी तैयारी तेज करते रहे। उन्हें अब परीक्षा देना पसंद आ रहा है। जेईई के छात्र तो परीक्षा न होने से तनाव में थे। उनके चेहरे से अब वह तनाव दूर होने लगा है। बातचीत में ज्यादातर छात्र परीक्षा के पक्षधर दिखे।

जरा फासले से मिला करो

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यलय की परीक्षा शुरू हो चुकी है। करीब पांच महीने बाद परीक्षा के दौरान कॉलेज में छात्र-छात्राएं एक दूसरे से मिल रहे हैं। कोविड के डर के बीच परीक्षा का तनाव उनके चेहरे से गायब है। परीक्षा देने का जो संतोष है वह तो अलग है, लेकिन छात्र महीनों बाद एक दूसरे से मिलकर और उत्साहित नजर आ रहे हैं। विवि की ओर से शारीरिक दूरी रखकर परीक्षा कराई जा रही है। परीक्षा के केंद्रों को इसके लिए खास निर्देश भी दिए जा रहे हैं। इस व्यवस्था के बीच बहुत से छात्र परीक्षा केंद्रों पर हुजूम में पहुंच रहे हैं। एक दूसरे से वैसे मिल रहे हैं, जैसे पहले मिलते थे। उन्हें कोरोना क्या है इसका भी डर नहीं। ऐसी बेफिक्री कहीं भारी न पड़ जाए। अभी यह वक्त फासले से मिलने का है। इसका ध्यान छात्रों को भी जरूर रखना चाहिए।