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2 नए बाईपास-3 फ्लाईओवर, यूपी के एक शहर की पूरी तरह बदलने वाली है तस्वीर; सड़कों की चौड़ाई भी बढ़ेगी

नवरात्र के पावन अवसर पर यातायात क्रांति की तरफ कदम बढ़ाने के लिए ऐसी निर्णायक सहमति बनी है जिसे दशकों तक याद रखा जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो मोदीनगर के जाम की तरह मेरठ शहर के अंदर का जाम भी इतिहास हो जाएगा। शहर की तस्वीर पूरी तरह से बदल जाएगी। इसके लिए तमाम प्रस्तावों पर मुहर लग गई है।

By pradeep diwedi Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 08 Oct 2024 09:26 PM (IST)
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मेरठ की पूरी तरह बदलने वाली है तस्वीर - प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, मेरठ। नवरात्र के पावन अवसर पर यातायात क्रांति की तरफ कदम बढ़ाने के लिए ऐसी निर्णायक सहमति बनी है जिसे दशकों तक याद रखा जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो मोदीनगर के जाम की तरह मेरठ शहर के अंदर का जाम भी इतिहास हो जाएगा। शहर की तस्वीर पूरी तरह से बदल जाएगी। इसके लिए तमाम प्रस्तावों पर मुहर लग गई है।

इन प्रस्तावों को विश्वास के साथ धरातल पर उतरने का सपना इसलिए देखा जा सकता है क्योंकि इसके लिए 300 करोड़ रुपये धनराशि की व्यवस्था पहले कर ली गई है और प्रस्ताव बाद में बनाया जा रहा है। इससे पहले यह होता था कि प्रस्ताव शासन को भेजा जाता था, लेकिन वहां से धनराशि नहीं मिलती थी। या फिर किसी कार्य के लिए धनराशि मिली तो विभागाध्यक्ष ने गंभीरता नहीं दिखाई।

मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय का दावा है कि एक महीने में इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली जाएगी। इसके बाद टेंडर निकाल कर कार्य शुरू करा दिया जाएगा। पूरे शहर को छह जोन में बांटा गया है इसलिए व्यवस्थित तरीके से कार्य होगा। हैकेथान में मेडा के सचिव आनंद कुमार सिंह, प्रभारी मुख्य नगर नियोजक विजय कुमार सिंह की प्रमुख भूमिका रही।

ये बनेंगे नए बाईपास

दिल्ली रोड से मोहिउद्दीनपुर, महरौली होते हुए डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर के किनारे से बागपत रोड, शामली-करनाल रोड तक। इसके लिए डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड से बात करके उसकी जमीन ली जाएगी।

जमीन फ्रेट कारिडोर की रहेगी और सड़क निर्माण का खर्च मेडा वहन करेगा। इसका लाभ सामान्य यातायात के साथ ही फ्रेट कारिडोर के स्टेशनों को भी सीधे तौर पर मिलेगा। गौरतलब है कि कारिडोर के दोनों तरफ अतिरिक्त जमीन का अधिग्रहण किया गया था। अभी इस पर धनराशि खर्च का आकलन नहीं हुआ है।

भूड़बराल से रजवाहे के किनारे होते हुए घाट गांव तक सड़क का चाैड़ीकरण। इससे देहरादून बाईपास के वाहन मेरठ साउथ स्टेशन तक जाने के लिए बाईपास के रूप में इसका उपयोग कर सकेंगे। इस पर 12.61 करोड़ रुपये खर्च करने का अनुमान लगाया गया है।

ये बनेंगे एलिवेटेड रोड और फ्लाईओवर

  • बच्चा पार्क से जली कोठी चौराहा तक थापर नगर के समानांतर नाले के ऊपर एलिवेटेड रोड।
  • हापुड़ अड्डा चौराहा व कमिश्नरी आवास चौराहे के ऊपर ओवरब्रिज का निर्माण।

चौड़ा होगा बिजली बंबा बाईपास, बनेगा डिवाइडर

जाम से जूझ रहा बिजली बंबा बाईपास का चाैड़ीकरण किया जाएगा। चौड़ीकरण के बाद बीच में डिवाइडर बनाया जाएगा। चौड़ीकरण के लिए अतिरिक्त जमीन खरीदी जाएगी न ही रजवाहे को पाटा जाएगा। रजवाहे की जो पूर्ण चौड़ाई है उसकी पूरी चौड़ाई तक सड़क बनाई जाएगी। इससे एक तरह से आने व दूसरे तरफ से जाने वाले वाहनों के लिए लेन हो जाएगी। इस पर 80 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

ये होंगे प्रमुख कार्य

  • सभी प्रमुख सड़कों की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। डिवाइडर व फुटपाथ बनेगा। रेलिंग लगेगी।
  • ई-रिक्शा का लेन अलग होगा।
  • सभी चौराहों की चौड़ाई बढ़ाकर बाएं निकलने का रास्ता दिया जाएगा।
  • ओडियन नाला व आबूनाला समेत सभी नाले की पुलिया की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी।
  • काली नदी की पुलिया की चौड़ाई चार लेन की जाएगी।

यहां बनेगी मल्टीलेवल भूमिगत/पार्किंग

बच्चा पार्क, टाउनहाल, जिमखाना, कचहरी।

यहां बनेंगे फुटओवरब्रिज

तेजगढ़ी क्रासिंग से कृष्णा प्लाजा, बेगमपुल पर साईं टेंपल से लालकुर्ती, शास्त्री पार्क व हापुड़ अड्डा।

जनप्रतिनिधियों ने यह रखे प्रस्ताव

शहर में एक भी एलिवेटेड रोड नहीं है। एनएचएआइ ने परतापुर से मोदीपुरम तक सर्विस रोड नहीं बनाई उस पर ध्यान दिया जाए। रिंग रोड का जो हिस्सा रह गया है उसे पूर्ण किया जाए। थ्रीव्हीलर के लिए पार्किंग बने। मल्टीलेवल पार्किंग जल्द बनाया जाए। डेरी, ट्रांसपोर्टनगर व सभी मंडी शहर से बाहर की जाएं। -अमित अग्रवाल, विधायक छावनी।

आबूनाले के किनारे पूरी लंबाई तक एलिवेटेड रोड बनाई जाए। आबूनाले के सभी पुलियों का चौड़ीकरण किया जाए। दौराला से सरधना रोड होते हुए बागपत रोड तक नए मार्ग से जाेड़ा जाए। -अश्वनी त्यागी, विधान परिषद सदस्य।

शहर में आवश्यकतानुसार कई एलिवेटेड रोड बनाई जाएं। आटो रिक्शा, ई-रिक्शा के लिए स्टैंड बनाया जाए। अधूरी रिंग रोड को पूरा करके बागपत रोड से जोड़ा जाए। दिल्ली रोड से डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर के किनारे होते हुए सलावा में मेजर ध्यान चंद नगर खेल विश्वविद्यालय तक रोड बनाई जाए। -धर्मेंद्र भारद्वाज, विधान परिषद सदस्य।

आबूराले पर एलिवेटेड रोड आवश्यक है। रोहटा रोड से खड़ौली गांव के अंदर से होते हुए भोला रोड तक एक रोड बनाई जाए, इससे बाईपास से जाम घटेगा। भोला रोड के जो वाहन देहरादून बाईपास जाते हैं उसके लिए एक फ्लाईओवर बनाया जाए। डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर का लाभ लेने के लिए बाईपास से एक एलिवेटेड रोड महरौली तक बनाई जा सकती है। मल्टीलेवल पार्किंग अवश्य बनाएं नहीं तो धरना देकर बैठ जाएंगे। -राजकुमार सांगवान, सांसद बागपत।

सभी सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने की आवश्यकता है। सड़क किनारे के बिजली के खंभे व ट्रांसफार्मर हटाकर दूसरे स्थान पर लगाए जा सकते हैं। चौराहों पर बाईं तरफ निकलने की जगह नहीं है इसलिए लेफ्ट कैरिजवे बनाएं। दुकानों के आगे दुकान चलाने वाला अतिक्रमण हटाते रहें नहीं तो सड़कों का लाभ नहीं मिलेगा। मंडी या ट्रांसपोर्ट नगर शहर से बाहर करना कोई ठोस समाधान नहीं है क्याेंकि शहर का विस्तार हो रहा है, इसे व्यवस्थित रूप देने की आवश्यकता है। कहां क्या किया जाना चाहिए इसके लिए पांच-छह विभागों की एक कमेटी बने, इसमें व्यापार संगठन भी रहे। -अरुण गोविल, सांसद मेरठ।

सबसे जरूरी यह है कि जिस भी परियोजना के लिए शिलान्यास करें तो उसका लोकार्पण का भी समय आना चाहिए। बेहतर गुणवत्ता वाली कार्यदायी कंपनी का चयन करें। अतिक्रमण हटाने के लिए सभी पर समान रूप से कार्रवाई करें। एलिवेटेड रोड व फ्लाईओवर की आवश्यकता है। मल्टीलेवल पार्किंग अवश्य बनाएं। मेडा ने जो प्रस्ताव सुझाए हैं वे ठीक हैं, बस बातें न हाें, काम शुरू हो। -डा. लक्ष्मीकान्त बाजपेयी, राज्यसभा सदस्य व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा।

प्राधिकरण क्षेत्र में जिला पंचायत के जिन गांवों को शामिल किया गया है उनमें भी विकास कार्य कराएं। उसके लिए भी बजट बनाएं। -गौरव चौधरी, जिला पंचायत अध्यक्ष।

अतिक्रमण हटाने के लिए कड़ाई की आवश्यकता है। कैटल कालोनी विकसित करके डेरी बाहर करनी आवश्यक है। जो भी सड़कें बनें उससे पहले संबंधित विभागों से समन्वय करके यह तय हो जाए कि अगले 10 साल में क्या-क्या करने वाले हैं। ऐसा न हो कि सड़क बनने के बाद कोई दूसरा विभाग आकर खोदाई कर दे। डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर के साथ यदि सड़क बना दी जाएगी तो बड़ी सुविधा हो जाएगी। -डा. सोमेंद्र तोमर, ऊर्जा राज्यमंत्री।

नया मेरठ बनाना है, इसके लिए बहुत परिश्रम और सहयोग की आवश्यकता है। इसके लिए कई परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। दो साल पहले तक ऐसी स्थिति नहीं थी कि मेडा अपनी आय में से शहर के विकास के लिए बड़ी परियोजना पर धन खर्च कर सके लेकिन अब सुनियोजित प्लान से आर्थिक स्थिति बेहतर हो गई है। अभी इस 300 करोड़ से यातायात पर चर्चा की जा रही है। अन्य मदों से कई और भी बड़े कार्य किए जाने हैं। -सेल्वा कुमारी जे., कमिश्नर।

इन्होंने दिए प्रमुख सुझाव

रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन की ओर से कमल ठाकुर ने प्रस्तुतीकरण दिया। अतुल गुप्ता, अशोक गर्ग ने भी विचार रखे। आर्किटेक्ट एसोसिएशन की ओर से ईशान ने प्रस्तुतीकरण दिया। जागेश कुमार, अंकित अग्रवाल ने भी विचार रखे। व्यापारियों की ओर से विपुल सिंघल रहे।

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