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मेरठ के कोचिंग सेंटर पर भी लटकेगा ताला! मेडा को सर्वे में मिले 66 बेसमेंट अवैध, दिल्ली हादसे के बाद टूटी नींद

दिल्ली के कोचिंग सेंटर हादसे के बाद अन्य शहरों में भी बेसमेंट में चल रहे अवैध कोचिंग सेंटर का सर्वे किया जा रहा है। मेरठ जिले में सर्वे के दौरान मेडा को 66 बेसमेंट अवैध मिले हैं । अब इन बेसमेंट को सील किया जाएगा। मेडा ने दो दिन में अवैध कांप्लेक्सों के बेसमेंट का 60 प्रतिशत सर्वे पूरा किया।

By sanjeev Kumar Jain Edited By: Aysha Sheikh Updated: Wed, 31 Jul 2024 02:06 PM (IST)
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गढ़ रोड स्थित वैष्णो प्लाजा के बेसमेंट में इस तरह चल रहा कोचिंग सेंटर। जागरण।
जागरण संवाददाता, मेरठ। दिल्ली में बेसमेंट में अवैध रूप से संचालित कोचिंग सेंटर के हादसा प्रकरण को देखते हुए शहर में मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) बुधवार को कार्रवाई करने की उम्मीद है। दो दिन से मेडा सर्वे कर रहा है इसमें 66 बेसमेंट में संचालित व्यावसायिक गतिविधियां अवैध पाई गई हैं। इन बेसमेंट को सील किया जाएगा।

मेडा ने दो दिन में अवैध कांप्लेक्सों के बेसमेंट का 60 प्रतिशत सर्वे पूरा किया। मंगलवार तक 123 बेसमेंट का सर्वे हुआ। इसमें 74 बेसमेंट का मानचित्र स्वीकृत पाया गया। इन स्वीकृत बेसमेंट में से 34 में अवैध रूप से व्यावसायिक उपयोग पाया गया। 49 ऐसे हैं जिनका मानचित्र स्वीकृत नहीं है फिर भी उनमें से 32 में व्यावसायिक उपयोग हो रहा है।

इस तरह से कुल मिलाकर 66 बेसमेंट अवैध पाए गए हैं। इन बेसमेंट को सील किया जाएगा। जिनका भवन भी अवैध है उन्हें पहले कंपाउंडिंग मानचित्र का अवसर दिया जाएगा। जिन भवनों में कंपाउंडिंग के दायरे में भी बेसमेंट नहीं आएंगे उसका भराव करा दिया जाएगा। मेडा के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि आज इस मामले में कार्रवाई के लिए टीम को आवश्यक निर्देश दिये गए है।

बेसमेंट में अवैध से संचालित मिले

  • कोचिंग
  • बैंक
  • ओपीडी, लैब
  • गोदाम, स्टोर
  • वाहन वर्कशाप
  • दुकानें
  • बरातघर
  • ब्यूटीपार्लर
  • साड़ी, चद्दर की दुकानें

बिना रजिस्ट्रेशन-फायर एनओसी के चल रहे कोचिंग सेंटर

शहर में कोचिंग सेंटरों का हाल देखिए। सारे नियम ताक पर रखकर बिना रजिस्ट्रेशन-फायर एनओसी के कोचिंग सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। दिल्ली की घटना के बाद भी जिम्मेदार खानापूरी का रवैया अपना रहे हैं। दिशा-निर्देश और नोटिस देकर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर रहे हैं। किसी भी अधिकारी ने एक भी कोचिंग सेंटर का हाल जानना मुनासिब नहीं समझा।

हालात ऐसे हैं कि शहर भर में 300 से ज्यादा छोटे-बड़े कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। लेकिन क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सिर्फ 77 कोचिंग सेंटरों का ही रजिस्ट्रेशन है। सबसे ज्यादा पीएल शर्मा रोड, नेहरू रोड, तिलक रोड, बेगमपुल, गढ़ रोड स्थित व्यावसायिक भवनों के बेसमेंट में कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं। वहीं, शहर के अन्य क्षेत्रों मेंं भी कोचिंग सेंटर चल रहे है।

ऐसे में रजिस्ट्रेशन का यह आंकड़ा दर्शाता है कि विभाग का रवैया कैसा है। अग्निशमन विभाग भी नोटिस देकर हर बार शांत बैठ जाता है। जबकि व्यावसायिक भवनों में कई बार आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसी घटनाओं के बाद भी अग्निशमन विभाग के अधिकारी नहीं चेते। कभी भी बेसमेंट में संचालित कोचिंग सेंटरों या दुकानों में फायर फाइटिंग सिस्टम की जांच नहीं की गई। नतीजा, खुलेआम काेचिंग संचालन व बेसमेंट के लिए बने नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

तीन साल के लिए होता है रजिस्ट्रेशन

अग्निशमन विभाग कोचिंग सेंटर का संचालन करने के लिए तीन साल की फायर एनओसी देता है। वहीं, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय भी तीन साल के लिए रजिस्ट्रेशन करता है। अवधि पूरी होने पर दोबारा एनओसी व रजिस्ट्रेशन लेना होता है।

बंद चल रहे हैं कोचिंग सेंटर

इसे दिल्ली की घटना के बाद कार्रवाई का डर कहें या फिर कांवड़ यात्रा। जो भी हो। कोचिंग सेंटरों का संचालन इन दिनों बंद है। मंगलवार को पीएल शर्मा रोड, गढ़ रोड के कोचिंग सेंटर बंद मिले। गढ़ रोड पर वैष्णो प्लाजा के बेसमेंट में नालेज हब नाम से कोचिंग चलती है। इस कोचिंग के अंदर जाने-आने के लिए एक ही रास्ता है। वेंटिलेशन तक नहीं है। फायर फाइटिंग सिस्टम भी नहीं लगा है। इसी तरह नेहरू रोड पर बेसमेंट के अंदर एसडी क्लासेस संचालित है।

दिल्ली की घटना के बाद सभी कोचिंग संचालकों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। अग्निशमन, मानचित्र एवं अन्य मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं। पंजीकरण नहीं कराया है। उनको समुचित व्यवस्था के बाद ही कोचिंग संचालित करने को कहा गया है। निरीक्षण कराया जाएगा यदि किसी भी कोचिंग सेंटर में नियमों का उल्लंघन पाया गया तो उनके विरूद्ध कार्रवाई अमल में लायी जाएगी। असुरक्षा के कारण किसी कोचिंग सेंटर में कोई अप्रिय घटना होती है तो इसके लिए पूरी तरह कोचिंग संचालक जिम्मेदार होंगे। - डा. मोनिका सिंह, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी मेरठ।

कांवड़ यात्रा समाप्त होने के बाद सभी व्यावसायिक भवनों के बेसमेंट की जांच कराई जाएगी। बेसमेंट में कोचिंग सेंटर का संचालन नहीं हो सकता है। फायर फाइटिंग सिस्टम समेत आग से बचाव के इंतजाम व्यावसायिक भवनों में हैं या नहीं। यह भी जांच की जाएगी। इस संबंध में नोटिस दिया जा रहा है।संतोष राय, सीएफओ, मेरठ।

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