Meerut College: बस नाम ही काफी है, आज 15 जुलाई को 129 वर्ष का हुआ मेरठ कालेज
चौधरी चरण सिंह विवि बनने से पहले मेरठ कालेज कलकत्ता विश्वविद्यालय फिर आगरा विश्वविद्यालय से जुड़ा रहा। कालेज के पहले भारतीय प्रिंसिपल बीआर चटर्जी अंग्रेजी राज में मेरठ कालेज को मान्यता इस शर्त पर मिली थी कि पहला प्रिंसिपल अंग्रेज होगा।
By Prem Dutt BhattEdited By: Updated: Thu, 15 Jul 2021 06:00 AM (IST)
मेरठ, जागरण संवाददाता। Meerut College उत्तर भारत के हेरिटेज कालेजों में शामिल मेरठ कालेज 15 जुलाई को 129 साल को हो जाएगा। आज ही के दिन 1892 में मेरठ कालेज का स्थापना हुआ था। 100 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैले इस कालेज की इतिहास गौरवपूर्ण रहा है, लेकिन समय के साथ इसकी चमक थोड़ी फीकी भी हुई है। अंग्रेजी राज में स्थापित इस कालेज ने आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। महात्मा गांधी से लेकर जेपी नारायण यहां आकर छात्रों को संबोधित किया था।
पहले प्रचार्य
चौधरी चरण सिंह विवि बनने से पहले मेरठ कालेज कलकत्ता विश्वविद्यालय फिर आगरा विश्वविद्यालय से जुड़ा रहा। कालेज के पहले भारतीय प्रिंसिपल बीआर चटर्जी अंग्रेजी राज में मेरठ कालेज को मान्यता इस शर्त पर मिली थी कि पहला प्रिंसिपल अंग्रेज होगा। 1942 में कर्नल आडोनल को आयरलैंड से बुलाया गया था। उनके समय में पुलिस उनके इजाजत के बगैर अंदर प्रवेश नहीं कर पाती थी। कालेज में पहले भारतीय प्रिंसिपल बीआर चटर्जी थे।
कुछ चर्चित हस्तियां
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह,पूर्व उप राष्ट्रपति हिदायतुल्ला,पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व वित्त व शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश कैलाश प्रकाश,राज्यपाल सत्यपाल मलिक, जनरल विपिन रावत, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल,फिल्म अभिनेता भारत भूषण, फिल्म एक्टर शेखर, बशीर बद्र।कालेज में विजयंत टैंक बढ़ा रहा शोभा
1971भारत पाक युद्ध में कहर बरपाने वाला विजयंत टैंक आज मेरठ कालेज की शोभा बना हुआ है। कालेज के रक्षा अध्ययन विभाग से जनरल बिपिन रावत पीएचडी कर चुके हैं। सेना के दो दर्जन से अधिक अधिकारी यहां से शोध कर चुके हैं, कुछ कर रहे हैं।इस समय चुनावी हलचल मेरठ कालेज का महत्व आज भी कम नहीं हुआ है। यहां के प्रबंध समिति के चुनाव में जिस तरह से गहमागहमी रहती है। वैसा अन्य किसी कालेज में नहीं। कालेज के प्रबंध समिति का चुनाव एक अगस्त को होने वाला है। जिससे यह साल और भी खास हो गया है।
इनका कहना है छात्रों को शिक्षा के साथ रोजगार मिले, इसकी कोशिश की जा रही है। छात्रों के कौशल को बढ़ाने के लिए इंडस्ट्रीज से भी करार किया जा रहा है। 129 साल स्थापना के होना गौरव की बात है। इस समय परीक्षाएं चल रहीं हैं। स्थापना दिवस पर विशेष कार्यक्रम नहीं होगा। पौधारोपण किया जाएगा।- डा. युद्धवीर सिंह, प्राचार्य, मेरठ कालेज
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