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मेरठ: गगोल तीर्थ बनेगा पर्यटन केंद्र, शासन को भेजा गया 2 करोड़ का प्रस्‍ताव

ऋषि विश्वामित्र की तपोस्थली तथा भगवान राम द्वारा राक्षसों के संहार की गवाह रहने वाले गगोल तीर्थ को अब पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस आस्था के केंद्र के विकास के लिए 199.70 लाख रुपये की योजना तैयार करके शासन को भेजी गई है।

By Himanshu DwivediEdited By: Updated: Sun, 18 Jul 2021 10:02 AM (IST)
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मेरठ गगोल तीर्थ बनेगा पर्यटन स्‍थल ।
जागरण संवाददाता, मेरठ। ऋषि विश्वामित्र की तपोस्थली तथा भगवान राम द्वारा राक्षसों के संहार की गवाह रहने वाले गगोल तीर्थ को अब पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस आस्था के केंद्र के विकास के लिए 199.70 लाख रुपये की योजना तैयार करके शासन को भेजी गई है। कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि योजना के तहत यहां विकास कार्य, सुंदरीकरण तथा श्रद्धालुओं के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

दक्षिण विधायक सोमेंद्र तोमर ने फरवरी महीने में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति विभाग से मिलकर गगोल तीर्थ, पांचली खुर्द तथा ग्राम भांभौरी के शहीद स्थल के विकास की मांग की थी। प्रमुख सचिव ने महानिदेशक पर्यटन से प्रस्ताव और इस्टीमेट तैयार कराने का निर्देश दिया था। कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि गगोल तीर्थ रामायण काल से जुड़ा है। यह गुरु विश्वामित्र से संबंधित पौराणिक महत्व एवं धाíमक आस्था का बड़ा केंद्र है। प्रतिवर्ष यहां भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन, स्नान व पिंडदान के लिए आते हैं। शासन के निर्देश पर उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन से गगोल तीर्थ के विकास, सुंदरीकरण तथा यहां आने वाले श्रद्धालुओं के सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार कराया गया है। यह प्रस्ताव 199.70 लाख का है। इस प्रस्ताव को वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में ही स्वीकृति दिलाकर कार्य पूर्ण कराया जाएगा। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अंजू चौधरी को इस प्रस्ताव की लगातार मानिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सरोवर में स्नान करने से खत्म होती हैं बीमारियां : यूपी प्रोजेक्टस कारपोरेशन ने अपने प्रस्ताव में लिखा है कि गगोली तीर्थ आज पौराणिक महत्व तथा धार्मिक आस्था का केंद्र है। पुराणों में ऐसा वर्णन है कि यहां ऋषि विश्वामित्र की तपोस्थली थी। राक्षसों के विनाश के लिए वे यहां भगवान राम और लक्ष्मण को लाए थे। यहां भगवान विष्णु का प्राचीन धार्मिक महत्व का मंदिर है। यहां स्थित सरोवर में पानी का प्राकृतिक स्नोत है। सरोवर में स्नान करने से बीमारियां खत्म होती है। यहां खिचड़ी वाले बाबा का मेला भी लगता है।

ये कार्य हैं प्रस्तावित

गगोल तीर्थ का प्रवेश द्वार, लगभग 150 मीटर चाहरदीवारी, महिला पुरुषों के लिए शौचालय, कुंड में स्नान के बाद कपड़े बदले का स्थान, हाई मास्ट लाइट, इंटरलॉकिंग टाइल्स का फुटपाथ, कुंड के तीन ओर सुरक्षा रेलिंग, पर्यटको हेतु पिंक स्टोन शेल्टर हट, स्टोन बेंच, प्लांटेशन, सोलर लाइटें आदि कार्य का कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। पूरे क्षेत्र का सुंदरीकरण भी कराया जाएगा।

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