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महायोजना 2031: आर्बिट रेल, आर्बिट एक्सप्रेस-वे कारिडोर का भविष्य बुनकर सामने आई मेरठ महायोजना 2031

मेरठ महायोजना- 2031 सार्वजनिक कर दी गई है। बुधवार को इसके ड्राफ्ट की प्रदर्शनी लगा दी गई और महायोजना ड्राफ्ट को आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई। इस बार आवासीय व औद्योगिक क्षेत्र को अलग करने के लिए दोनों के बीच ग्रीन बफर जोन रखा गया है।

By Taruna TayalEdited By: Updated: Thu, 02 Jun 2022 02:58 PM (IST)
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मेरठ महायोजना- 2031 सार्वजनिक कर दी गई है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। सुनियोजित विकास और गति को प्रगति में बदलने में मार्गदर्शन करने वाला खाका यानी मेरठ महायोजना- 2031 सार्वजनिक कर दी गई है। बुधवार को इसके ड्राफ्ट की प्रदर्शनी लगा दी गई और महायोजना ड्राफ्ट को आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई। इसमें आर्बिट रेल कारिडोर, आर्बिट एक्सप्रेसवे कारिडोर का भविष्य का सपना है तो वहीं रैपिड रेल कारिडोर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे और मेरठ के विभिन्न हाईवे का लाभ लोगों तक पहुंचाने के लिए भूउपयोग की प्लानिंग की गई है। इन्हीं परियोजनाओं को ध्यान में रखकर मोहिउद्दीनपुर और दौराला में 400 हेक्टेयर के विशेष विकास क्षेत्र रखे गए हैं। काली नदी के किनारे और गंगा एक्सप्रेसवे किनारे औद्योगिक क्षेत्र रखे गए हैं।

सभी प्रमुख मार्गों पर ट्रांसपोर्ट नगर और बस अड्डे रखे गए हैं। डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर और देहरादून बाईपास के बीच का क्षेत्र, दिल्ली रोड और बागपत रोड होते हुए मोदीपुरम को जोड़ने वाले पूरे क्षेत्र में आवासीय क्षेत्र विकसित होने को ध्यान में रखकर अधिकांश जमीन का भूउपयोग आवासीय रखा गया है।

2021 के भूउपयोग में बदलाव नहीं, सिर्फ रैपिड कारिडाेर किनारे बदलेगा

मेरठ महायोजना 2021 के तय किए गए भूउपयोग में कोई बदलाव नहीं किया गया है, उस भूउपयोग को मेरठ महायोजना 2031 में यथावत शामिल किया गया है। सिर्फ रैपिड रेल कारिडोर की वजह से दिल्ली रोड और रुड़की रोड पर भूउपयोग बदला जाएगा, जिसकी योजना कुछ माह बाद सामने आएगी। क्योंकि इसके लिए प्रदेश सरकार ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट नीति (टीओडी) और वैल्यू कैप्चर फाइनेंस नीति के तहत भूउपयोग तैयार कर रही है। जब शासन से तय हो जाएगा तब इस कारिडोर के किनारे नया भूउपयोग लागू होगा। यह भूउपयोग मिश्रित होगा। यानी एक साथ आवास और फैक्ट्री तो वहीं एक ही भवन में घर और दुकान का प्रविधान रहेगा। इसी के लिए रैपिड रेल कारिडोर के सभी स्टेशनों के 1.50 किमी परिधि और कारिडोर के 500 मीटर परिधि तक इंफ्लूएंसर जोन रखा गया है।

एक्सप्रेस-वे- हाईवे के 300 मीटर तक मिलेगी सभी सुविधाएं

एक्सप्रेस-वे व सभी हाईवे, हाईवे के बाईपास के दोनों तरफ 300 मीटर तक के क्षेत्र को सुविधा क्षेत्र में शामिल किया गया है। इसमें होटल, मोटेल, पेट्रोल पंप, सीएनजी आदि के लिए विशेष छूट रहेगी। इन सभी के साथ ग्रीन बेल्ट का भी प्रविधान किया गया है।

हरियाली-आक्सीजन से भरा रहेगा मेरठ

एक्सप्रेस-वे व हाईवे, रिंग रोड किनारे ग्रीन बेल्ट तो हमेशा की तरह रखा ही गया है। इस बार आवासीय व औद्योगिक क्षेत्र को अलग करने के लिए दोनों के बीच ग्रीन बफर जोन रखा गया है। काली नदी व सभी नहरों के किनारे ग्रीन बेल्ट रखी गई है। सोफीपुर फायरिंग रेंज के पास रक्षा मंत्रालय द्वारा चिह्नित क्षेत्र में किसी भी तरह का मानचित्र स्वीकृत नहीं होगा। उसे खुले क्षेत्र, पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। प्राधिकरण क्षेत्र के सभी नगरों में पार्क, खुले क्षेत्र, हरित क्षेत्र के लिए भूउपयोग कम से कम उसके क्षेत्रफल का 15 प्रतिशत अनिवार्य किया गया है। हापुड़ की ओर जाने वाली रेलवे लाइन के दोनों ओर ग्रीन बेल्ट रखा गया है। सभी प्रमुख मार्गेां पर ग्रीन एरिया विकसित किया जाएगा।

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