Meerut Master Plan : सुविधाओं और विकास पर फोकस होगी मेरठ महायोजना-2031 Meerut News
NCR Regional Plan 2041 बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सभी संबंधित शहरों से आंकड़े एकत्र किए जा रहे हैं। इसके लिए मूलभूत सुविधाओं पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है।
By Prem BhattEdited By: Updated: Wed, 21 Aug 2019 05:00 PM (IST)
मेरठ, [जागरण स्पेशल] । शहर के विकास के लिए बनाई जाने वाली महायोजना-2031 में जनजीवन को आसान व सुखद बनाने के साथ ही विकास को गति पर फोकस होगा। इसे भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआइएस) के आधार पर डिजिटल तैयार किया जाएगा। अमृत योजना के तहत भारत सरकार का भी इस योजना में दखल होगा। महायोजना-2021 से यह पूरी तरह अलग होगी।
अमृत योजना का यह है लक्ष्य
जीवन शैली की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए घरों को मूलभूत सुविधाएं जैसे जलापूर्ति, सीवेज, नगरीय परिवहन देना, शहरों में सुविधाओं का जुटाना है। हरियाली और उचित खुली जगह पर विशेष फोकस। सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना। शहरों की अहमियत बढ़ाना। क्षमता वृद्धि और बेहतर कार्यप्रणाली तैयार करना।
वीडियो कांफ्रेंसिंग पर मांगी गई जानकारी
एनसीआर रीजनल प्लान 2041 बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सभी संबंधित शहरों से आंकड़े एकत्र किए जा रहे हैं। एनसीआर रीजनल प्लान को एनसीआर प्लानिंग बोर्ड तैयार करता है। आंकड़े एकत्र करने की कड़ी में सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई, जिसमें मेरठ की ओर से एमडीए के चीफ टाउन प्लानर शामिल हुए। वीडियो कांफ्रेंसिंग में शहर से संबंधित आंकड़े और परियोजनाओं की जानकारी मांगी गई। दरअसल, जिले में वर्तमान में चल रही परियोजनाओं की जानकारी के साथ ही भविष्य में प्रस्तावित परियोजनाओं की जानकारी भी एकत्र हो रही है।
बुकलेट भी उपलब्ध कराई
साथ ही जिला प्रशासन व नगरीय विभाग की मदद से जनसंख्या, आवास, सड़क, तालाब, नदी, स्कूल, अस्पताल, पर्यटन स्थल, बस अड्डे, रेल स्टेशन आदि के आंकड़े भी जुटाए जा रहे हैं। एमडीए के चीफ टाउन प्लानर इश्तियाक अहमद ने बताया कि एमडीए से संबंधित जानकारी दे दी गई है। जिले के आंकड़े के लिए सांख्यिकी विभाग की बुकलेट भी उपलब्ध कराई गई है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की ओर से अन्य संबंधित विभागों से अलग से भी आंकड़े लिए जा रहे हैं।
मेरठ महायोजना 2021 का यह है मैनुअल मैप
अमृत योजना का यह है लक्ष्य
जीवन शैली की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए घरों को मूलभूत सुविधाएं जैसे जलापूर्ति, सीवेज, नगरीय परिवहन देना, शहरों में सुविधाओं का जुटाना है। हरियाली और उचित खुली जगह पर विशेष फोकस। सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना। शहरों की अहमियत बढ़ाना। क्षमता वृद्धि और बेहतर कार्यप्रणाली तैयार करना।
वीडियो कांफ्रेंसिंग पर मांगी गई जानकारी
एनसीआर रीजनल प्लान 2041 बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सभी संबंधित शहरों से आंकड़े एकत्र किए जा रहे हैं। एनसीआर रीजनल प्लान को एनसीआर प्लानिंग बोर्ड तैयार करता है। आंकड़े एकत्र करने की कड़ी में सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई, जिसमें मेरठ की ओर से एमडीए के चीफ टाउन प्लानर शामिल हुए। वीडियो कांफ्रेंसिंग में शहर से संबंधित आंकड़े और परियोजनाओं की जानकारी मांगी गई। दरअसल, जिले में वर्तमान में चल रही परियोजनाओं की जानकारी के साथ ही भविष्य में प्रस्तावित परियोजनाओं की जानकारी भी एकत्र हो रही है।
बुकलेट भी उपलब्ध कराई
साथ ही जिला प्रशासन व नगरीय विभाग की मदद से जनसंख्या, आवास, सड़क, तालाब, नदी, स्कूल, अस्पताल, पर्यटन स्थल, बस अड्डे, रेल स्टेशन आदि के आंकड़े भी जुटाए जा रहे हैं। एमडीए के चीफ टाउन प्लानर इश्तियाक अहमद ने बताया कि एमडीए से संबंधित जानकारी दे दी गई है। जिले के आंकड़े के लिए सांख्यिकी विभाग की बुकलेट भी उपलब्ध कराई गई है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की ओर से अन्य संबंधित विभागों से अलग से भी आंकड़े लिए जा रहे हैं।
मेरठ महायोजना 2021 का यह है मैनुअल मैप
- हर खसरा नंबर के साथ उसका भू-उपयोग दर्ज होगा। प्रॉपर्टी का प्रारूप यानी रेजिडेंशियल, कॉमर्शियल, इंडस्टियल आदि का भी ब्योरा होगा। बिल्डर फ्रॉड नहीं कर पाएंगे।
- शहर का मौजूदा मास्टर प्लान मैनुअल है। इसमें शहर के मैप में सड़कों व एरिया के बारे में माकिर्ंग की गई है। इसमें अकेली किसी प्रॉपर्टी के बारे में पता नहीं चलता। इसलिए कुछ भी जानने के लिए एमडीए या आर्किटेक्चर के भरोसे रहना पड़ता है। इतने बड़े डॉक्यूमेंट्स को चेक करने में भी देरी होती है। डिजिटल मास्टर प्लान पर यह एक क्लिक पर उपलब्ध होगा।
- विकास के लिए निर्णय शीघ्र लिए जा सकेंगे। सरकारी विभाग, निजी व्यक्ति, कंपनियां जमीन को लेकर निर्णय जल्द ले सकेंगी।
- जमीन या अंडरग्राउंड सुविधाओं की मैपिंग से विकास एजेंसियों को पूरी जानकारी रहेगी। कोई भी विभाग काम करना चाहेगा तो प्लानिंग एरिया तय करने से पहले इन सभी स्थितियों को देख सकेगा।
- नक्शे व ले-आउट तकनीकी रूप से पूर्ण होंगे। क्षेत्रों का निर्धारण, प्रॉपर्टी की जानकारी, सड़कों और रास्तों की बारीकियां होने से भूल या गलती की संभावना कम होगी।
ये होंगे फायदे
रैपिड और एक्सप्रेस-वे था रीजनल प्लान का हिस्सा
नए प्लान में यह भी शामिल होगा कि पिछले प्लान के मुताबिक शहरों में क्या-क्या हुआ और क्या अभी बाकी है। दरअसल, रैपिड रेल और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को वर्षो पहले बने रीजनल प्लान में जरूरी बताया गया था।
इनका कहना है
मेरठ महायोजना-2031 भारत सरकार की अमृत योजना के तहत बन रही है। यह मौजूदा महायोजना से काफी अलग होगी। बहुत कुछ नया होगा और सुव्यवस्थित होगा। एक क्लिक पर ही प्लॉट के भू उपयोग की जानकारी भी मिल जाएगी।
- इश्तियाक अहमद, चीफ टाउन प्लानर, एमडीए
जीआइएस ऐसे कार्य करता है
जीआइएस डाटाबेस और स्प्रेडशीट से टर्म्स और नंबर एकत्र करता है और मैप पर उसे साफ तौर पर दिखाता है। डाटा दिखाने के बाद उस स्थान को मैप पर दिखाता है, जिसे हम खोज कर रहे होते हैं।
रैपिड और एक्सप्रेस-वे था रीजनल प्लान का हिस्सा
नए प्लान में यह भी शामिल होगा कि पिछले प्लान के मुताबिक शहरों में क्या-क्या हुआ और क्या अभी बाकी है। दरअसल, रैपिड रेल और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को वर्षो पहले बने रीजनल प्लान में जरूरी बताया गया था।
इनका कहना है
मेरठ महायोजना-2031 भारत सरकार की अमृत योजना के तहत बन रही है। यह मौजूदा महायोजना से काफी अलग होगी। बहुत कुछ नया होगा और सुव्यवस्थित होगा। एक क्लिक पर ही प्लॉट के भू उपयोग की जानकारी भी मिल जाएगी।
- इश्तियाक अहमद, चीफ टाउन प्लानर, एमडीए
जीआइएस ऐसे कार्य करता है
जीआइएस डाटाबेस और स्प्रेडशीट से टर्म्स और नंबर एकत्र करता है और मैप पर उसे साफ तौर पर दिखाता है। डाटा दिखाने के बाद उस स्थान को मैप पर दिखाता है, जिसे हम खोज कर रहे होते हैं।
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