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बेटी हूं तो क्या हुआ, आपके हर सपने पूरे करती... एक्सप्रेस-वे पर मिली 15 दिन की बच्ची

Meerut News एक मां ने अपनी ममता का गला घोंट दिया और उसे सरेराह मरने के लिए दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर छोड़ दिया। यह तो 15 दिन की बच्ची की किस्मत अच्छी थी कि लोगों ने रोने की आवाज सुन ली और उसकी जान बच गई। मेरा नाम मुझे मालूम नहीं। उम्र करीब डेढ़ माह है। मेरी पहचान पहले क्या थी पता नहीं।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Thu, 17 Aug 2023 09:50 AM (IST)
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बेटी हूं तो क्या हुआ, आपके हर सपने पूरे करती... एक्सप्रेस-वे पर मिली 15 दिन की बच्ची
जागरण संवाददाता, मेरठ : एक मां ने अपनी ममता का गला घोंट दिया और उसे सरेराह मरने के लिए दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर छोड़ दिया। यह तो 15 दिन की बच्ची की किस्मत अच्छी थी कि लोगों ने रोने की आवाज सुन ली और उसकी जान बच गई।

मेरा नाम मुझे मालूम नहीं। उम्र करीब डेढ़ माह है। मेरी पहचान पहले क्या थी, पता नहीं। अब क्या होगी, यह भविष्य तय करेगा। जिस माता-पिता को मुझे जहानभर की खुशियां देनी थी, मेरे सब सपने पूरे करने थे, वो मेरी इस हालत के जिम्मेदार हैं।

आखिर क्या कसूर था मेरा, जो मुझे अपने आंचल से दूर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के किनारे फेंक दिया। क्या यह कसूर था कि मैं एक बेटी हूं? ऐसे तो कोई घर का सामान भी नहीं फेंकता। आपकी क्या मजबूरियां रही होंगी, यह तो मुझे नहीं मालूम पर क्या मेरे जन्म के बाद आपकी कुछ जिम्मेदारी नहीं थी?

अगर आपको मेरी जरूरत ही नहीं थी तो मुझे इस दुनिया में डेढ़ माह पहले क्यों लेकर आए थे? मम्मी-पापा आप दोनों मजबूर थे या कोई एक, यह भी मुझे मालूम नहीं, लेकिन मैं आपको कुछ भरोसा जरूर दिला सकती हूं। मैं भी कल काबिल बन सकती हूं।

शायद डॉक्टर, इंजीनियर, टीचर या खिलाड़ी बनकर आपका नाम रोशन करती...लेकिन आपने तो मुझे जीवन की शुरुआत में ही अकेला और बेसहारा छोड़ दिया। बेटियां आज क्या नहीं कर रहीं। किस क्षेत्र में आज नाम नहीं रोशन कर रहीं।

हमारी राष्ट्रपति भी महिला हैं। काश, आप मुझे भी मौका देते। वाहनों के शोर के बीच थी बच्ची की किलकारी एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की आवाज के बीच बच्ची की किलकारी आ रही थी। पता नहीं वहां से कितने वाहन गुजर गए होंगे, लेकिन इश्तकार के कानों में बच्ची की आवाज पड़ी तो उसने आसपास के लोगों को जानकारी दी थी।

परतापुर पुलिस को भी बुलाया गया। पुलिस बच्ची को थाने ले आई। उसके कपड़ों से पहचान करने का प्रयास किया गया लेकिन सफलता नहीं मिली। टोल की सीसीटीवी से भी यह पता नहीं चल सका कि आखिर बच्ची को कौन रखकर चला गया।

थाना प्रभारी रामफल ने बताया कि बच्ची को एलएंडटी के सुपरवाइजर मनीष वर्मा निवासी हापुड़ रेलवे लाइन मेरठ, को सौंपा गया है। मनीष की शादी को सात साल होने के बाद कोई संतान नहीं है। ऐसे में बच्ची को उन्होंने गोद लेने का दावा पुलिस के सामने किया था। हालांकि गोद की प्रक्रिया बाल कल्याण समिति के द्वारा पूरी की जाती है।

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