मेरठ: अब्दुल ने विक्की बनकर पंद्रह साल में चार युवतियों से की शादी, मतांतरण का प्रयास; ऐसे हुआ खुलासा
बुलंदशहर जिले के सिकंदराबाद निवासी अब्दुल सलाम के मंसूबे बड़े ही खतरनाक हैं। उसने पंद्रह साल में चार युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर शादी की और मतांतरण कराने का प्रयास किया। उसकी सच्चाई का पता चलने पर एक महिला ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया।
By Himanshu DwivediEdited By: Updated: Sun, 22 Aug 2021 09:56 AM (IST)
जागरण संवाददाता, मेरठ। बुलंदशहर जिले के सिकंदराबाद निवासी अब्दुल सलाम के मंसूबे बड़े ही खतरनाक हैं। उसने पंद्रह साल में चार युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर शादी की और मतांतरण कराने का प्रयास किया। उसकी सच्चाई का पता चलने पर एक महिला ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि आरोपित ने विक्की के नाम से डीएल (ड्राइविंग लाइसेंस) और अनिल सैनी के नाम से आधार कार्ड बनवा रखा है। सदर बाजार थाना क्षेत्र निवासी एक महिला की शादी दस साल पहले हुई थी।
महिला पति से अलग रहती है। महिला के घर की बिजली सही करने के लिए अब्दुल गया था। तभी उसने महिला का मोबाइल नंबर ले लिया। शादी का झांसा देकर आरोपित महिला से उसके साथ घर में ही दुष्कर्म करता रहा। इस दौरान आरोपित की पहली पत्नी पिंकी उक्त महिला के घर पहुंच गई और उसने अब्दुल सलाम से अनिल सैनी बने आरोपित की कहानी सुना दी। पिंकी की आरोपित से 12 साल की एक बेटी भी है। उसने बताया कि 15 साल पहले अब्दुल सलाम बुलंदशहर से मेरठ आया था और बिजली मिस्त्री का काम करने लगा। यहां पर उसने अपना नाम अनिल सैनी रख लिया। उसने पिंकी पर मतांतरण का दबाव बनाया था, जिसको लेकर विवाद हो गया था। पिंकी के बाद उसने मुरादाबाद जिले की रूही और मोनिका को प्रेमजाल में फंसाकर शादी की और मतांतरण का प्रयास किया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
बड़ा सवाल, कैसे बना फर्जी आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस
इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा ने बताया कि आरोपित अब्दुल सलाम ने विक्की पुत्र भूरे लाल के नाम से ड्राइ¨वग लाइसेंस आरटीओ से जारी कराया है, जबकि आधार कार्ड अनिल सैनी के नाम से बनवा रखा है। सवाल है कि ड्राइ¨वग लाइसेंस और आधार कार्ड कैसे तैयार हो गया। पुलिस ने आरटीओ से जवाब मांगा है।एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा: अब्दुल सलाम बड़ा ही शातिर अपराधी है। टीम बनाकर उसकी पूरी पड़ताल की जा रही है। कई हिंदू नाम से अब्दुल ने आइडी बना रखी थी। देखा जा रहा है कि अब्दुल उक्त आइडी का प्रयोग अन्य अपराध में तो नहीं करता था।
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