Meerut: चीनी मोबाइल कंपनी VIVO के खिलाफ चार्जशीट तैयार, एक ही IMEI नंबर पर साढ़े तेरह हजार मोबाइलों का मामला
पांच जून 2020 में मेरठ के एडीजी आफिस में तैनात दारोगा ने चीन की मोबाइल कंपनी वीवो के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। तत्कालीन एसएसपी ने मुकदमे की विवेचना इंस्पेक्टर नौचंदी को दी थी। इंस्पेक्टर ने कोर्ट में एफआर दाखिल कर दी थी।
By Jagran NewsEdited By: Parveen VashishtaUpdated: Tue, 11 Oct 2022 06:00 AM (IST)
मेरठ, जागरण संवाददाता। चीन की मोबाइल कंपनी वीवो द्वारा एक ही आइएमइआइ नंबर पर साढ़े 13 हजार मोबाइल बाजार में उतारने के मामले में कंपनी के अफसर और कर्मचारी फंस गए हैं। पुलिस ने मुकदमे में चार्जशीट तैयार कर ली है।
यह है मामला गौरतलब है कि पांच जून 2020 में एडीजी आफिस में तैनात दारोगा आशाराम ने मेडिकल थाने में वीवो कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। तत्कालीन एसएसपी अजय साहनी ने मुकदमे की विवेचना इंस्पेक्टर नौचंदी आशुतोष कुमार को दी थी। सभी तथ्य होने के बावजूद इंस्पेक्टर ने पांच अक्टूबर को कोर्ट में एफआर दाखिल कर दी थी।
अफसरों को था संदेह अफसरों को संदेह था कि केस डायरी में सभी तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर अंकित किया गया था। एडीजी के आदेश पर आइजी रेंज ने इस मुकदमे की दोबारा जांच के आदेश क्राइम ब्रांच को दिए थे। विवेचना में फोरेंसिंक साक्ष्य जुटाए गए। इसके बाद अभियोजन पक्ष से राय ली गई, जिसमें माना गया कि वीवो कंपनी के खिलाफ अपराध बनता है। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि साक्ष्यों के आधार पर वीवो कंपनी के खिलाफ चार्जशीट तैयार की गई है। चार्जशीट कोर्ट में जमा करने के बाद कंपनी के कर्मचारियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
विवेचक आशुतोष कुमार की भी होगी जांच बताया जाता है कि मुकदमे में साक्ष्यों के जुटाए बिना ही एफआर लगाने वाले इंस्पेक्टर आशुतोष भी कार्रवाई के दायरे में आ गए है। वर्तमान में आशुतोष मुजफ्फरनगर के भोपा थाने के प्रभारी है। उनको भी नोटिस देकर जवाब मांगा जा रहा है कि उन्होंने बिना साक्ष्य जुटाए किस आधार पर आरोपितों को क्लीनचिट दी थी। यह था मामला
दारोगा आशाराम ने वीवो कंपनी के मोबाइल की स्क्रीन टूटने पर 24 सितंबर 2019 को मेरठ में वीवो के सर्विस सेंटर में अपना मोबाइल दिया था। इसके बाद कंपनी ने बैट्री, स्क्रीन और एफएम बदलकर मोबाइल वापस दे दिया था। कुछ दिन बाद फोन की स्क्रीन फिर खराब हो गई। तब आशाराम को अंदेशा हुआ कि आइएमइआइ नंबर के साथ छेड़छाड़ की गई है। दारोगा की शिकायत के बाद एडीजी ने साइबर सेल से जांच कराई। इसके तहत टेलीकाम जियो कंपनी से डाटा मांगा गया तो वहां से आई रिपोर्ट में बताया गया कि 24 सितंबर 2019 की सुबह 11 से 11.30 के बीच देशभर में इस आइएमइआइ नंबर पर करीब 13,557 मोबाइल नंबर एक्टिव थे।
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