Meerut News: ग्रेमी अवार्ड जीत चुके संगीतकार रिकी केज मेरठ में बोले-सांस्कृतिक सरहदों को तोड़ता है भारतीय शास्त्रीय संगीत
Musician Ricky Cage अंतरराष्ट्रीय संगीत पुरस्कार ग्रेमी अवार्ड जीत चुके रिकी निभाते हैं पर्यावरण प्रहरी की भी भूमिका। मेरठ में रिकी केज ने कहा कि बालीवुड फिल्मी गानों के समारोह में सिर्फ वो जुड़ते हैं जिन्हें यह पसंद है। उन्होंने कई बातों को शेयर किया।
By Amit TiwariEdited By: PREM DUTT BHATTUpdated: Thu, 29 Sep 2022 10:22 AM (IST)
अमित तिवारी, मेरठ। Musician Ricky Cage दो बार अंतरराष्ट्रीय संगीत पुरस्कार ग्रेमी अवार्ड जीत चुके भारतीय मूल के अंतरराष्ट्रीय संगीतकार रिकी केज का कहना है कि भारतीय शास्त्रीय संगीत दुनिया की सांस्कृतिक सरहदों को तोड़ने में सक्षम है। शास्त्रीय संगीतकारों को भारत से ज्यादा सम्मान अन्य देशों में मिला, इसीलिए पंडित रवि शंकर और जाकिर हुसैन जैसे कलाकार विदेशों में बस गए।
लोगों को जोड़ने की कवायद
रिकी केज ने कहा कि बालीवुड फिल्मी गानों के समारोह में सिर्फ वो जुड़ते हैं जिन्हें यह पसंद है। वहीं भारतीय शास्त्रीय संगीत हर भाषा व संस्कृति के लोगों को जोड़ता है। दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित संगीत पुरस्कार ग्रेमी अवार्ड भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए पंडित रवि शंकर, पंडित विश्वमोहन भट्ट और रिकी केज को मिला है।
संगीत के साथ संस्कृति भी बांट रहे केज
प्रभा खेतान फाउंडेशन, एहसास वुमन मेरठ और दैनिक जागरण की ओर से होटल क्रिस्टल पैलेस में बुधवार शाम रिकी केज के साथ एक मुलाकात कार्यक्रम आयोजित किया गया। केज ने बताया कि पहली बार ग्रेमी अवार्ड लेने पहुंचे तो उन्होंने संस्कृत का श्लोक पढ़ा था। दूसरी बार बोलने का मौका मिला तो भारतीय संस्कृति के सूत्र वाक्य वसुधैव कुटुंबकम में प्रकृति के हर प्राणी के साथ रचने-बसने का पाठ दुनिया को पढ़ाया। दोनों बार अवार्ड जीतने के बाद रिकी केज से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पीएमओ में मुलाकात कर बधाई दी। पर्यावरण के क्षेत्र में भी केज की सक्रियता को प्रधानमंत्री मोदी ने सराहा। उन्हें पर्यावरण पर एक एल्बम बनाने का सुझाव भी दिया है।
डेंटल सर्जन के साथ बन गए संगीतकार भी वर्ष 2015 में रिकी केज को उनके एल्बम ‘विड्स आफ समसारा’ के लिए ‘बेस्ट न्यू एज एल्बम’ कैटेगरी में ग्रेमी अवार्ड मिला। 2022 में जने-माने संगीतकार स्टेवर्ट कोपलैंड के साथ किए एल्बम ‘डिवाइन टाइड्स’ के लिए बेस्ट न्यू एज एल्बम कैटेगरी में ग्रेमी अवार्ड मिला है। एहसास वुमन दिल्ली की दीपाली भसीन के सवालों का जवाब देते हुए रिकी केज ने बताया कि वह 12वीं की पढ़ाई के बाद ही संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते थे।
नाराजगी का सामना करना पड़ा चिकित्सक पिता को इच्छा बताई तो नाराजगी का सामना करना पड़ा। तय यह हुआ कि पहले डेंटल सर्जन की पढ़ाई करेंगे, उसके बाद करियर का चुनाव होगा। केज ने बताया कि पांच वर्ष पढ़कर पास होने के बाद वह डेंटल सर्जन कैसे बने, यह तो पता नहीं लेकिन तब तक अच्छे संगीतकार जरूर बन चुके थे।अब पर्यावरण की सेवा का समय
न्यूयार्क व जेनेवा के यूनाइटेड नेशंस मुख्यालय के साथ ही 30 से अधिक देशों में संगीत प्रस्तुति दे चुके रिकी केज को भूमि क्षरण, मरुस्थलीकरण और सूखे की चुनौतियों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए कोप-14 में भूमि राजदूत नामित किया गया था। उन्होंने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर हर पोस्ट के साथ बढ़े कपड़े बदलने के चलन का भी पर्यावरण पर असर पड़ा रहा है। जिस जींस को लोग चाव से पहनते हैं उसे तैयार करने में हजारों लीटर पानी खर्च होता है।
छोटे बदलाव भी बड़ा प्रभाव उन्होंने कहा कि कपड़ों में प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। धुलाई के दौरान वह प्लास्टिक कण माइक्रोप्लास्टिक कणों के रूप में घर से समुंदर तक पहुंचते हैं जिससे हर साल करोड़ों समुद्री जीव मरते हैं। उन्होंने कहा कि दूसरों के रहने का इंतजार करने की बजाय अपने व्यवहार में छोटे बदलाव भी बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं। कार्यक्रम के आयोजन में एहसास वुमन मेरठ से अंशु मेहरा व गरिमा मित्तल का विशेष सहयोग रहा।
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