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बारिश का मौसम और ये छह बुखार, ऐसे पहचानें लक्षण और बरतें सावधानियां, पढ़ें एक्‍सपर्ट की राय

Fever In Rain इनदिनों बारिश के मौसम में होने वाला बुखार आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। बारिश में छह बुखारों से तप सकती है सेहत। गर्मी व उमस से बैक्टीरिया-वायरस हो रहे एक्टिव। इनकी पहचान करना है बेहद जरूरी। ताकि रह सकें स्‍वस्‍थ।

By Prem Dutt BhattEdited By: Updated: Thu, 28 Jul 2022 08:00 AM (IST)
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Fever News बारिश का मौसम यानी बुखार का मौसम, इससे बचना है जरूरी।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Fever In Rain जलजमाव में सिर्फ डेंगी वायरस ही नहीं...बल्कि अन्य जानलेवा बुखार भी पलते हैं। चिकित्सकों ने बारिश में छह प्रकार के बुखारों मलेरिया, टायफायड, डेंगू, चिकनगुनिया, वायरल के अलावा लैप्टोस्पायरोसिस से सतर्क रहना होगा। मेडिकल कालेज के प्रोफेसर डा. अरविंद का कहना है कि ज्यादातर बुखारों में समान लक्षण हैं।

कंपकंपी के साथ बुखार

हालांकि मलेरिया एवं लैप्टोस्पायरोसिस में कंपकंपी के साथ बुखार चढ़ता है। बारिश, नमी एवं धूप की वजह से नए प्रकार के बैक्टीरिया एवं वायरस पनपते हैं। घासफूस एवं झाडियों की वजह से स्क्रब टाइफस एवं लैप्टोस्पायरोसिस का खतरा बढ़ता है।

ये छह प्रकार के बुखार

1 मलेरिया : पश्चिम उप्र में बड़ी संख्या में मलेरिया के मरीज मिलते हैं। ये मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है। मरीज को कंपकंपी, बुखार, मिचली, थकान, दर्द, उल्टी एवं कई बार मौत तक हो जाती है। फेल्सीपेरम मलेरिया वाईवैक्स की तुलना में ज्यादा खतरनाक है। बुखार की जांच करानी चाहिए।

2 टायफायड : बारिश के दौरान प्रदूषित खानपान व पानी से यह बीमारी संक्रमित होती है। साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया इसका कारण है। यह बुखार 104 डिग्री तक पहुंचता है। हालांकि इसकी मियाद सात से 14 दिन है, लेकिन एक माह तक बुखार टिक सकता है। पेट दर्द, कब्ज, भूख में कमी व कफ के लक्षण उभरते हैं।

3 डेंगू : एक बूंद साफ पानी में डेंगू वायरस पैदा हो जाता है। कूलर, फ्रिज, गमला व टायर में अटके पानी से बीमारी बढ़ती है। एडीज मच्छर दिन में काटता है, जिससे डेंगू बुखार होता है। मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, आंख के नीचे दर्द, बेचैनी, गले में हल्का दर्द व शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। नाक से खून आना खतरनाक है। हैमरेजिक एवं शाक सिंड्रोम से मरीज की जान जा सकती है।

4 चिकनगुनिया : यह बुखार भी एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। तेज बुखार के साथ मांसपेशियों, कलाई एवं जोड़ों में तेज दर्द एवं सूजन होता है।

5 वायरल बुखार : बारिश में वायरल बुखार तेजी से संक्रमित हो रहा है। मेडिकल कालेज की मेडिसिन ओपीडी में 50 प्रतिशत मरीज बुखार के हैं। बदन दर्द, गले में खराश, थकान, भूख में कमी खास लक्षण हैं।

6 लैप्टोस्पायरोसिस : यह चूहे, बिल्ली, गिलहरी, भैंस, घोड़े, भेंड़, बकरी एवं कुत्तों के मूत्र से संक्रमित होने वाला बुखार है। मरीज को तेज बुखार, कंपकंपी, पेट दर्द, मांसपेशियों को दर्द लक्षण हैं। कई बार बीमारी माहभर तक चलती है। सटीक इलाज न मिलने पर मौत हो जाती है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

यह बुखारों का मौसम है। कोरोना छोड़कर छह बुखारों से सतर्क रहना होगा। साफ भोजन, पानी लें। मच्छरों से बचाव के लिए पूरी बाजू की शर्ट पहनें। घर की सफाई करें। बारिश में घासफूस व झाड़ियों में न जाएं, इससे लैप्टोस्पायरोसिस का खतरा है। लक्षण उभरे तो साधारण बुखार समझने की भूल न करें।

- डा. तनुराज सिरोही, सीनियर फिजिशियन

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