मेरठ में मौत के मुहाने में कालोनियां, गली-गली में हैं फैक्ट्रियां; कभी भी हो सकता है एक और बड़ा हादसा
Meerut News आबादी में फैक्ट्रियां नहीं होती हैं और न ही उन्हें अनुमति है लेकिन लोहिया नगर ही नहीं शहर की तमाम ऐसी कालोनियां हैं जहां फैक्ट्री चल रही हैं। इनके लिए सभी सरकारी सुविधाएं भी पहुंच रही हैं लेकिन कोई भी विभाग यह नहीं जानना चाहता कि जहां फैक्ट्री है वह मानकों के आधार पर है या नहीं।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Thu, 19 Oct 2023 12:46 PM (IST)
जागरण संवाददाता, मेरठ। आबादी में फैक्ट्रियां नहीं होती हैं और न ही उन्हें अनुमति है, लेकिन लोहिया नगर ही नहीं शहर की तमाम ऐसी कालोनियां हैं जहां फैक्ट्री चल रही हैं। इनके लिए सभी सरकारी सुविधाएं भी पहुंच रही हैं, लेकिन कोई भी विभाग यह नहीं जानना चाहता कि जहां फैक्ट्री है वह मानकों के आधार पर है या नहीं।
मेरठ विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद, विद्युत निगम, नगर निगम, गेल गैस, सहायक निदेशक कारखाना, महाप्रबंधक डीआइसी, अग्निशमन समेत तमाम ऐसे विभाग हैं जिनको इससे कोई सरोकार नहीं है। पहले चरण में प्राधिकरण और आवास विकास को किसी भी भवन पर मानचित्र के आधार पर कार्रवाई करनी चाहिए।
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यदि इन पर संस्थाओं की ओर से कार्रवाई होती है तो सिर्फ जवाब ही चलता रहता है। विशेष परिस्थिति में ही ऐसे भवनों में सील लग पाती है जो मानकों के अनुरूप नहीं है। उधर, विद्युत निगम उपयोग के आधार पर कनेक्शन जारी कर देता है। उसी तरह से नगर निगम भी भवन में कार्य के आधार पर हाउस टैक्स लेने लगता है।
अग्निशमन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भी कार्रवाई नहीं दिखाई देती। जीएसटी या आयकर विभाग भी कार्रवाई कर सकता है, लेकिन उसे भी सिर्फ राजस्व से सरोकार है। इसी आधार पर एमएसएमई में भी पंजीकरण हो जाता है।
नोटिसों की भरमार, कार्रवाई का इंतजार
मानचित्र के विपरीत भवन का उपयोग करने या फिर मानचित्र स्वीकृत न कराने के 5500 मामले मेरठ विकास प्राधिकरण में लंबित हैं, जिन पर सात साल से कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
आवास एवं विकास परिषद द्वारा विकसित मंगल पाण्डे नगर, शास्त्री नगर एवं जागृति विहार (विस्तार) योजना संख्या-11 में कुल 27000 संपत्तियां आवंटित की गई। अधिशासी अभियंता राजीव कुमार का कहना है कि आवासीय संपत्ति में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित कर रहे 4200 आवंटियों को नोटिस जारी किया है, इनमें अधिकांश मामले कोर्ट में लंबित है।
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