Neet Paper Leak Case मेरठ की दो अभ्यर्थियों ने नीट परीक्षा दोबारा न कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट मेंं याचिका दाखिल की है। इन दोनों अभ्यर्थियों का कहना है किकुछ लोगों की गलतियों का नुकसान अभ्यर्थियों को उठाने पर मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया है कि उनके द्वारा पूरी मेहनत से परीक्षा दी है इसलिए उन्हें इसका लाभ मिलना चाहिए।
जागरण संवाददाता, मेरठ। देश भर से अभ्यर्थियों की ओर से उच्चतम न्यायालय में नीट-यूजी परीक्षा दोबारा आयोजित कराने संबंधी याचिकाएं दायर की जा रही है। वहीं, मेरठ की दो अभ्यर्थियों ने परीक्षा दोबारा न कराने को लेकर याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि कुछ लोगों की गलतियों का नुकसान अभ्यर्थियों को उठाने पर मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया है कि उनके द्वारा पूरी मेहनत से परीक्षा दी है, इसलिए उन्हें इसका लाभ मिलना चाहिए।
शास्त्रीनगर निवासी वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. संदीप गर्ग की बेटी कृतिका गर्ग और गढ़ रोड निवासी वरिष्ठ नेत्र सर्जन. डॉ. प्रियांक गर्ग की बेटी प्रियांजलि गर्ग ने पांच मई को नीट-यूजी में दी थी। कृतिका को 720 अंक में से 705 अंक और प्रियांजलि 690 अंक मिले हैं।
इन अभ्यर्थियों के वकील संचित गर्ग ने बताया कि सभी अभ्यर्थी पेपर लीक में शामिल नहीं हो सकते हैं।
24 लाख अभ्यर्थियों ने नीट-यूजी में लिया था हिस्सा
नीट-यूजी में करीब 24 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। वर्षों की मेहनत के बाद परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को दोबारा इस कठिन परीक्षा में बैठने को मजबूर नहीं किया जाना चाहिए, जब तक की पूरे मामले की सच्चाई सामने नहीं आ जाती है।
पेपरलीक की घटनाक्रम में शामिल कुछ अभ्यर्थियों के कारण लाखों अभ्यर्थियों की मेहनत को जाया करना उन पर अत्याचार के समान होगा। उनका तर्क है कि ग्रेस मार्क की घटना को सुधारते हुए एनटीए ने पहले ही 1,563 अभ्यर्थियों की परीक्षा दोबारा आयोजित कर ली है। इसलिए प्राथमिक आरोप वहीं खत्म हो जाता है।
फिजिक्स के एक प्रश्न के उत्तर में एक से अधिक सही जवाब होने का मामला इतना बड़ा भी नहीं है कि पूरी प्रक्रिया को फिर से दोहराया जाए। इन अभ्यर्थियों ने न्यायालय से दोबारा परीक्षा न कराए जाने और इसके लिए उचित दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।
डॉक्टरों ने भेजा सांसद को ज्ञापन
न्यूटिमा अस्पताल के निदेशक व वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. संदीप गर्ग व वरिष्ठ नेत्र सर्जन डा. प्रियांक गर्ग ने नीट-यूजी परीक्षा दोबारा न कराने को लेकर सांसद अरुण गोविल को ज्ञापन भेजा है।
उनका कहना है कि यह परीक्षा बहुत कठिन है। अभ्यर्थी वर्षों से इसकी तैयारी करते रहते है। जिन अभ्यर्थियों ने ईमानदारी के साथ यह परीक्षा दी है, वह पुन: उसी तरह से तैयारी नहीं कर सकते। उन्हें बहुत नुकसान होगा। ऐसे में अभ्यर्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उनकी काउंसलिंग प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए। यह परीक्षा दोबारा नही होनी चाहिए।
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