मिलिए किसान आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने वाली पूनम पंडित से, इन दिनों खूब चर्चा में हैं
Poonam Pandit बुलंदशहर के इस्माइलपुर निवासी पूनम पंडित अब किसी पहचान की मोहताज नहीं है। रूरल यूथ गेम में 2018 शूटिंग रेस 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड जीतने वाली पूनम किसान आंदोलन के दौरान चर्चा में है।
By Taruna TayalEdited By: Updated: Mon, 01 Feb 2021 10:41 PM (IST)
बुलंदशहर, जेएनएन। मूल रूप से सिकंदराबाद ब्लॉक क्षेत्र की इस्माइलपुर निवासी पूनम पंडित अब किसी पहचान की मोहताज नहीं है। रूरल यूथ गेम में 2018 शूटिंग रेस 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड जीतने वाली पूनम किसान आंदोलन के दौरान चर्चा में है।
अन्नदाता की लड़ाई मेरे जीवन का लक्ष्यपिछले 66 दिन से किसानों की आवाज बन कर काले कानून के प्रति जागरूक करने और अन्नदाताओं की लड़ाई को आगे बढ़ाने वाली पूनम पंडित ने बताया कि अन्नदाता की लड़ाई अब जीवन का लक्ष्य बन चुका है। किसी के दबाव व बहकावे में आकर आंदोलन खत्म नहीं होगा। सिर्फ दो ही बातें होंगी या तो किसान गाजीपुर बॉर्डर पर अपने हक की लड़ाई लड़ते हुए दम तोड़ेगा या नए कृषि कानून को केंद्र सरकार को वापस लेने होगा। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर अपने उग्र भाषणों से पहचान बनाने वाली पूनम पंडित पुलिस की आंखों में भी खटकने लगी है। आईजी-डीआईजी और शासन भी पूनम पंडित के वायरल हो रहे वीडियो खंगाले जा रहे हैं। सरकार के खिलाफ बोलने वाली पूनम पंडित ने क्षेत्र से सैकड़ों महिलाओं को किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए जागरूक किया है। गोल्ड मेडलिस्ट पूनम ने रूरल यूथ गेम के अंतर्गत 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग रेंज में गोल्ड मेडल हासिल किया है। पिता विनोद पंडित का आठ साल पहले देहांत हो गया था। पूजा पंडित व उसकी बहन संध्या पंडित की शादी हो चुकी है। इनका भाई पिंटू पंडित मेरठ में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है। आर्थिक स्थिति से कमजोर पूनम पंडित ने किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर भागीदारी ली है। उन्होंने अपने कई वीडियो में महिलाओं से आंदोलन में शामिल होने की अपील की है।
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