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मॉक ड्रिल : भूकंप आते ही तीन मिनट में एमडीए पहुंची रेस्क्यू टीम Meerut News

प्रशासन की पहल पर भूकंप जैसी आपदा से बचाव के लिए शहर के पांच स्थानों पर रिहर्सल किया गया। जिसमें रेस्क्यू टीम सभी जगह सात से लेकर आठ मिनट के बीच पहुंची।

By Ashu SinghEdited By: Updated: Sat, 29 Jun 2019 12:34 PM (IST)
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मॉक ड्रिल : भूकंप आते ही तीन मिनट में एमडीए पहुंची रेस्क्यू टीम Meerut News
मेरठ, [जागरण स्पेशल]। भूकंप जैसी आपदा से बचाव के लिए शहर के पांच स्थानों पर शुक्रवार को रिहर्सल किया गया। जिसमें रेस्क्यू टीम सभी जगह सात से लेकर आठ मिनट के बीच पहुंची। कुल 60 रेस्क्यू लोगों में से 38 घायलों का मौके पर ही उपचार किया गया।
पांच स्थानों का किया गया चयन
शहर में मॉक एक्सरसाइज की समाप्ति के बाद डीएम अनिल ढींगरा ने बचतभवन सभागार में पत्रकारों से बातचीत की। शुक्रवार को पांच स्थानों पर मॉक एक्सरसाइज के बारे में जानकारी दी। बताया कि कुल पांच स्थानों सरकारी भवन में एमडीए भवन, शॉपिंग मॉल में पीवीएस मॉल, स्कूल में एनएएस इंटर कालेज, अस्पताल में सुशीला जसवंत राय अस्पताल व आवासीय कालोनी में राठी अपार्टमेंट साकेत पर विभिन्न विभागों द्वारा आपदा प्रबंधन के लिए कार्ययोजना तैयार की गई थी।
तीन से आठ मिनट तक का लगा समय
उन्होंने बताया कि सभी विभागों को पहले ही जिम्मेदारी दे दी गई थी कि किसको क्या करना है? भूकंप का अलर्ट सुबह 10.32 बजे दिया गया था। इस अलर्ट के बाद सबसे कम समय तीन मिनट में ही रेस्क्यू टीम एमडीए आफिस पहुंच गई थी। एनएएस कालेज में भी आठ मिनट में टीम पहुंच गई। बाकी जगह भी सात से आठ मिनट का समय ही लगा। उन्होंने बताया कि राठी अपार्टमेंट से 10, सुशीला जसवंत से 16, एमडीए से आठ, पीवीएस मॉल से 13 व एनएएस कालेज से 13 घायलों का रेस्क्यू किया गया। इस तरह कुल 60 रेस्क्यू लोगों से 38 घायलों का मौके पर ही उपचार किया गया। जबकि 22 को सरकारी अस्पतालों में रैफर किया गया।
इमरजेंसी सेंटर व कंट्रोल रूम बनाया
डीएम ने बताया कि बचत भवन सभागार में इमरजेंसी सेंटर व कंट्रोल रूम बनाया गया था। जिससे पूरे मॉक एक्सरसाइज पर नजर भी रखी गई कि कहां क्या हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस रिहर्सल का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना था। उन्होंने बताया कि जल्दी ही दूसरा रिहर्सल भी किया जाएगा। डीएम ने बताया कि मॉक एक्सरसाइज में सेना, जिला व पुलिस प्रशासन, चिकित्सा विभाग व एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस आदि ने बेहतर समन्वय के साथ कार्य किया। इस दौरान एडीएम वित्त एवं राजस्व सुभाष चंद्र प्रजापति, सीएमओ डा. राजकुमार व मुख्य अग्नि शमन अधिकारी अजय कुमार शर्मा व सेना के अधिकारी मुख्य रूप से मौजूद रहे।

भूकंप के घायल मरीजों को फौरन मिला इलाज
भूकंप से कांपती इमारतें भरभराकर गिरीं तो दर्जनों लोग दब गए। आपदा प्रबंधन वालों ने जैसे ही निकाला, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मरीजों को स्ट्रेचर पर लादकर रिलीफ कैंप में भर्ती किया। 38 घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि 22 को गंभीर अवस्था में मेडिकल रेफर कर दिया गया। कुछ ऐसा नजारा शुक्रवार को मॉक ड्रिल के दौरान नजर आया। स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी तैयारियों की परीक्षा दी।विभाग की 20 एंबुलेंसों को परखा गया। सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि रिलीफ कैंप में गंभीर रूप से घायलों को रेड रिबन, कम घायलों को पीला एवं सामान्य को ग्रीन रिबन लगाए गए। मृतकों को काला रिबन लगाया गया। सभी स्थानों पर चार-चार एंबुलेंस एवं स्ट्रेचर की व्यवस्था की गई थी। मॉक ड्रिल के दौरान 60 घायलों को रेस्क्यू किया गया। सीएमओ ने कंट्रोल रूम में बैठकर खुद मोर्चा संभाला।
एनएएस में बचाए गए 15 लोग
एनएएस इंटर कालेज में हुए मॉक ड्रिल में भवनों की छत पर 15 जख्मी लोगों को बाहर निकालने का ड्रिल किया गया। उन्हें ऊपर से उतार कर राहत व बचाव दल जख्मी लोगों पर लाल, काली, पीली व हरी पट्टी बांध कर इलाज के लिए भेजा गया। इसके साथ ही कैलाश प्रकाश स्पोट्र्स स्टेडियम में रेस्क्यू कैंप लगाया गया था जहां घायल लोगों को मौके पर लेकर पहुंचना था। उनके लिए कुछ गद्दे भी बिछाए गए थे। हालांकि स्टेडियम के कैंप में किसी कोई नहीं लाया गया।
एमडीए में सीढिय़ों के रास्ते घायलों बाहर निकाला
एमडीए परिसर में रेस्कयू ऑपरेशन में आठ घायलों की जान बचाई गई। जिसमें से दो गंभीर रूप से घायलों को सरकारी अस्पताल भेजा गया। वहीं, छह घायलों को मौके पर ही इलाज देकर छुट्टी कर दी गई। सुबह 10.50 बजे एमडीए परिसर का सायरन बजा तो सीढिय़ों के रास्ते खुले आसमान के नीचे सबसे पहले एमडीए वीसी राजेश कुमार पांडेय पहुंचे। देखते ही देखते उनके पीछे सचिव राजकुमार और अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी बाहर आ गए।