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Weather Update: इस बार कड़ाके की ठंड के लिए हो जाइए तैयार! मौसम वैज्ञानिकों का ये है पूर्वानुमान

Weather Update UP News मौसम वैज्ञानिक यूपी शाही ने बताया कि 10 अक्टूबर तक तापमान बढ़ेगा। इसके बाद ठंड का प्रभाव धीरे धीरे बढ़ेगा। गन्ने और अन्य फसलों के लिए अच्छा सितंबर में इस बार 282 मिलीमीटर बरसात हुई है। यह सामान्य से 135 प्रतिशत अधिक है। सामान्य रूप से सितंबर में 119 मिलीमीटर बरसात होती है। कुछ दिनों से बादल छाए लेकिन बरसात नहीं हुई।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 30 Sep 2024 11:36 AM (IST)
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Weather Update: खबर में सांकेतिक तस्वीर का उपयोग किया गया है।
ओम बाजपेयी, मेरठ। वर्ष 2024 का मानसून सीजन सोमवार को समाप्त हो जाएगा। इस बार मानसून आगमन निर्धारित समय से पहले हो गया था और यह विंलब से अक्टूबर के पहले सप्ताह में विदा होगा। जनपद में मानसून के चार माह में समग्र बरसात सामान्य से आठ प्रतिशत कम है। वहीं शहर में बरसात का आंकड़ा सामान्य से 23 प्रतिशत अधिक है। गत वर्ष इसका उल्टा था।

शहर में कम बरसात

शहर में कम और समग्र जनपद में बरसात अधिक थी। आगामी 10 दिनों तक सूरज के तेवर बढ़े हुए नजर आएंगे। उसके बाद ठंड अपना असर दिखाना शुरु करेगी। मौसम विज्ञानियों ने इस बार ठंड के तेवर बढ़े हुए रहने की संभावना है। एक जून से अब तक 802 मिलीमीटर बरसात शहर में हुई है। जबकि सरधना, मवाना और मेरठ तहसील में मिलाकर समग्र बरसात 597 मिलीमीटर ही रिकार्ड की गई है।

भारी बरसात नहीं देखने को मिली

दो दिन से आसमान में बादल छा रहे हैं लेकिन कुछ स्थानों पर मामूली बूंदाबांदी को छोड़ दें तो बरसात नहीं हुई है। जबकि मध्य और पूर्वी उप्र में भारी बरसात देखने को मिली है। उसी का प्रभाव है कि तापमान के तेवर नरम बने हुए हैं। रविवार को अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 32.7 और न्यूनतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

मेरठ में 647 मिलीमीटर बरसात होती है

सामान्य रूप से मेरठ में 647 मिलीमीटर बरसात होती है। 30 अगस्त तक जनपद में 383 मिलीमीटर बरसात हुई थी। यह सामान्य से 28 प्रतिशत कम है। सितंबर में बरसात के आंकड़ों में सुधार हुआ है। जनपद में अब केवल आठ प्रतिशत मानसून की बरसात कम है। जबकि शहर में 23 प्रतिशत अधिक बरसात हो चुकी है।

आज से मानसून सीजन समाप्त

सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम केंद्र के प्रभारी प्रोफेसर यूपी शाही ने बताया कि 30 सितंबर को मानसून सीजन समाप्त हो जाएगा। लेकिन मानसून अक्टूबर के प्रथम सप्ताह से वापसी होगी। एक अक्टूबर से होने वाली बरसात पोस्ट मानसून बरसात के रूप में रिकार्ड होगी। बताया कि सितंबर में बरसात अधिक होने से यह माना जा रहा है कि इस बार ठंड ज्यादा पड़ेगी। इस बार ला नीना के प्रभावी है और जब जब यह प्रभावी होता है तब ठंड अधिक पड़ती है।

फसलों पर देखने को मिल सकता है दुष्भाव

प्रोफेसर डा. आरएस सेंगर ने बताया कि सितंबर में अधिक बरसात रवि की फसलों के लिए अच्छी साबित होगी। इसमें गन्ना, उड़द की बोआई अक्टूबर में होगी। बताया कि मानसून के दौरान अधिकांश समय बादल छाए रहे जबकि बरसात कुछ ही मौकों पर हुई है। इसका दुष्प्रभाव फसलों में देखने को मिल सकता है। विशेष रूप से मूंग में जिसमें फलियां कम पुष्ट होंगी। वहीं पौधे लंबे और कमजोर होने से गिरने की संभावना रहेगी।

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पिछले वर्षों में मानसून सीजन में बरसात

मिलीमीटर में वर्ष शहर समग्र जनपद
2024 802 597
2023 694 786
2022 507 415
नोट: शहर की बरसात से तात्पर्य चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय स्थित मौसम विभाग वेधशाला में रिकार्ड बरसात से है

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