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पश्चिमी यूपी से मोदी ने बढ़ाया सियासी तापमान, बोले- यह तो ट्रेलर है; बड़े फैसले अभी बाकी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उस धरा से चुनावी शंखनाद करने पहुंचे थे जो उनके लिए 2014 से भाग्यशाली रही है। इस धरा का ताप ही ऐसा है कि प्रधानमंत्री उस आत्मविश्वास को सार्वजनिक कर रहे थे जो उनकी तैयारी का हिस्सा है। विश्वास सिर्फ अगली सरकार बनने का ही नहीं दिखाया बल्कि यह भी साझा किया कि वह अगली सरकार बनने पर 100 दिन में बड़े फैसले लेने वाले हैं।

By pradeep diwedi Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 01 Apr 2024 08:26 AM (IST)
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मेरठ में जनसभा को संबोधित करते नरेंद्र मोदी (फोटो क्रेडिट- AP)
प्रदीप द्विवेदी, मेरठ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उस धरा से चुनावी शंखनाद करने पहुंचे थे जो उनके लिए 2014 से भाग्यशाली रही है। इस धरा का ताप ही ऐसा है कि प्रधानमंत्री उस आत्मविश्वास को सार्वजनिक कर रहे थे जो उनकी तैयारी का हिस्सा है।

विश्वास सिर्फ अगली सरकार बनने का ही नहीं दिखाया बल्कि यह भी साझा किया कि वह अगली सरकार बनने पर 100 दिन में बड़े फैसले लेने वाले हैं। यही नहीं उन्होंने अब तक के विकास को सिर्फ ट्रेलर बताकर चौंका दिया है। यानी वह भविष्य का ऐसा भारत बुनने की कोई ऐसी योजना सोचकर चल रहे हैं जिसका पीछा शायद विकसित देशों को भी करना पड़े।

मोदी ने भविष्य के फैसलों का दिया स्पष्ट संकेत

मोदी के संबोधन में कई ऐसी बातों का दोहराव हुआ जो पिछली कई सभाओं में बोल चुके थे लेकिन मेरठ की सभा में बहुत कुछ ऐसा था जिससे भविष्य के संकेत स्पष्ट हो रहे थे। तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की बात करने वाले मोदी हमेशा विकास पर बोलते भी हैं क्याेंकि उनकी राजनीति ने जातिगत राजनीति को मुख्यधारा की राजनीति से किनारे करके मुद्दे और विकास को अहम बना दिया है।

इसी विकास की बात करते हुए मोदी यह भी कहते हैं कि अब तक जो विकास देखा है यह तो सिर्फ ट्रेलर है। मोदी की बातों का संकेत है कि वह कुछ ऐसी याेजना बना रहे हैं जिसका विजन विकसित देशों से भी हटकर हो सकता है। हालांकि 2047 तक भारत को विकसित बनाने का सपना तभी पूरा होगा जब बहुत तेज गति से बड़े परिवर्तन होंगे और कुछ ऐसा हो जो सिर्फ विकसित देशों का पीछा करने वाला न हो।

यानी कुछ ऐसा जिसका पीछा विकसित देश करें क्योंकि विकासशील देशों विकसित देशों से सीखते रहे हैं और जब तक एक पायदान बढ़ते हैं तब तक विकसित देश हर दशक कुछ नया जाते हैं। ऐसे में फासला बढ़ता जाता है। मोदी की कार्यशैली बताती है कि वह भले ही किसी बात को आसानी कहकर निकल जाते हों पर समय आने पर उसका सीधा संबंध अन्य योजनाओं से रहा है।

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