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अब यहां से मिलेंगी Noida-Dehradun की बसें, होने वाला है बड़ा बदलाव; NCRTC ने ली भैंसाली बस अड्डे की जमीन

मेरठ का भैंसाली बस अड्डा शहर के बाहर शिफ्ट होने वाला है। दो बस टर्मिनल बनाए जांएगे एक दिल्ली रोड पर नमो भारत ट्रेन के मेरठ साउथ स्टेशन के नजदीक बनेगा। दूसरा बस टर्मिनल व बस मेंटीनेंस डिपो दिल्ली-देहरादून हाईवे पर मोदीपुरम स्टेशन के नजदीक बनेगा। भैंसाली की जमीन का उपयोग एनसीआरटीसी अपनी परियोजना आरआरटीएस कारिडोर के लिए करेगा ।

By Jagran News Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 12 Jul 2024 03:01 PM (IST)
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बस अड्डे पर खड़ी रोडवेज की बसें - प्रतीकात्मक फोटो।
जागरण संवाददाता, मेरठ। जाम का कारण बन रहा भैंसाली बस अड्डा शहर से बाहर शिफ्ट होगा। इसके बदले में दो बस अड्डे (टर्मिनल) बनेंगे। एक बस टर्मिनल दिल्ली रोड पर नमो भारत ट्रेन के मेरठ साउथ स्टेशन के नजदीक बनेगा। यहां से नोएडा की बस मिलेगी। दूसरा बस टर्मिनल व बस मेंटीनेंस डिपो दिल्ली-देहरादून हाईवे पर मोदीपुरम स्टेशन के नजदीक बनेगा।

दोनों बस टर्मिनल व एक बस डिपो बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने टेंडर आमंत्रित किया है। एनसीआरटीसी ने इसे दो साल में तैयार करने का लक्ष्य रखा है। आमंत्रित टेंडर में स्ट्रक्चर डिजाइन, आर्किटेक्चर, एमईपी (मेकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, प्लंबिंग कार्य) व अग्निशमन व अन्य संबंधित कार्य शामिल हैं। इसके लिए 23 जुलाई से बिड डाली जा सकेगी। आठ अगस्त बिड डालने की अंतिम तिथि है। नौ अगस्त को बिड खोली जाएगी।

स्टेशनों पर 4.9 मेगावाट बिजली उत्पादन के लगेंगे सोलर पैनल

आरआरटीएस कारिडोर के स्टेशनों पर सौर ऊर्जा पैनल स्थापित किए जाएंगे। सभी स्टेशनों को मिलाकर जो सौर ऊर्जा पैनल स्थापित होंगे उससे 4.9 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इस कार्य के लिए एनसीआरटीसी ने टेंडर आमंत्रित किया है। गौरतलब है कि एनसीआरटीसी अपनी परियोजना की कुल बिजली आवश्यकता की 70 प्रतिशत बिजली सौर ऊर्जा से उत्पन्न करेगा। इसके लिए पूरी परियोजना में विभिन्न स्थानों पर सौर ऊर्जा पैनल स्थापित किए जाएंगे।

एनसीआरटीसी ने ली भैंसाली बस अड्डे की जमीन

भैंसाली बस अड्डे को बाहर किया जाएगा। उस जमीन का उपयोग एनसीआरटीसी अपनी परियोजना आरआरटीएस कारिडोर के लिए करेगा। इस जमीन के बदले में ही एनसीआरटीसी दो स्थानों पर बस अड्डा बनाएगा।

सोहराब गेट बस स्टैंड की भी बदलेगी सूरत

गढ़ रोड स्थित सोहराब गेट बस अड्डा भी लखनऊ के आलमबाग बस स्टैंड की तरह नजर आएगा। मुख्यालय से पीपीपी माडल के तहत अड्डे को विकसित करने के लिए फर्म का चयन कर लिया गया है। पिछले पांच-छह साल से निविदा प्रक्रिया चल रही थी। क्षेत्रीय प्रबंधक संदीप नायक ने बताया कि दिल्ली की एआरटी कंस्ट्रक्शन कंपनी बस अड्डे को विकसित करेगी। डिजायन और लेआउट तैयार करने को कंपनी को एक माह का समय दिया गया है।

भूतल पर बस अड्डा और ऊपर होंगी व्यावसायिक गतिविधियां

11,583 वर्ग मीटर में बस अड्डे को विकसित करने के लिए कंपनी 80 करोड़ रुपये व्यय करेगी। इसमें भूतल पर बसों की पार्किंग, यात्रियों के बैठने के लिए प्रतीक्षालय, पूछताछ कार्यालय, खाने-पीने के स्टाल, शौचालय होगा। यात्रियों के लिए विशाल एलसीडी भी लगाई जाएगी। कंस्ट्रक्शन कंपनी को अड्डे की पहली और दूसरी मंजिल को व्यावसायिक कार्य के लिए प्रयोग करने का अधिकार होगा।

इसमें शोरूम, फूड प्लाजा और सिनेमा हाल का निर्माण किया जा सकेगा। बतातें चलें कि शासन द्वारा बस अड्डे को विकसित करने की योजना के कारण ही यहां मरम्मत कार्य नहीं कराया जा रहा है। टीन शेड टूटे हुए हैं, एआरएम कार्यालय की इमारत भी बेहद जर्जर हालत में है। सोहराब गेट बस अड्डे के परिसर में कार्यशाला बनी रहेगी।

जाम से मिलेगी मुक्ति

अड्डे में बसों के प्रवेश और निकास की इस प्रकार से व्यवस्था की जाएगी कि सड़क पर बसें खड़ी न हों। इससे गढ़ रोड पर लगने वाले जाम से निजात मिल सकेगी। सोहराब गेट अड्डे की 310 बसें हैं। यहां से लखनऊ, आगरा, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़ आदि शहरों के लिए बसें जाती हैं।

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