सुभाष चंद्र बोस की जान बचाने को नीरा आर्य ने अपने पति की कर दी थी हत्या, अब उनके जीवन पर बनेगी फिल्म
Freedom Fighter Neera Arya नेताजी सुभाषचंद्र बोस के प्राण बचाने की खातिर अपने पति की जान लेने वाली नीरा आर्य उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के खेकड़ा की रहने वाली थीं। कर्नाटक निवासी अदाकारा और फिल्म निर्माता रूपा अय्यर उनके जीवन पर फिल्म बनाने की तैयारी कर रही हैं।
By Parveen VashishtaEdited By: Updated: Wed, 07 Sep 2022 08:01 AM (IST)
बागपत, जागरण संवाददाता। आजाद हिंद फौज की रानी झांसी रेजीमेंट की सिपाही नीरा आर्य ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जान के दुश्मन बने अंग्रेज सरकार में सीआइडी इंस्पेक्टर अपने पति की हत्या कर दी थी। वह अंग्रेजों की जासूसी भी करती थीं। पकड़े जाने पर उन पर बहुत जुल्म किए गए, लेकिन उन्होंने नेताजी से जुड़ा कोई राज उन्होंने अंग्रेजों को नहीं बताया। अब उनके जीवन पर फिल्म बनाने की तैयारी है।
खेकड़ा कस्बे में हुआ था नीरा आर्य का जन्म नीरा आर्य का जन्म पांच मार्च 1902 को खेकड़ा ( वर्तमान में जिला बागपत) में हुआ था। वह सात साल की उम्र में अनाथ हो गई थीं। इसके बाद नीरा और उनके छोटे भाई बसंत को सेठ छज्जूमल ने गोद ले लिया। उनकी शिक्षा कलकत्ता ( वर्तमान में कोलकाता) में हुई थी। साल 1928 में उनका विवाह कलकत्ता में श्रीकांत जयरंजन से हुआ। श्रीकांत सीआइडी में इंस्पेक्टर थे।
आजाद हिंद फौज में हो गईं थीं शामिल नीरा का स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पति से विवाद हो गया था। इसके बाद नीरा दिल्ली के शाहदरा आ गईं। यहां से नीरा वर्ष 1942 में अपने भाई बसंत व सरदार सिंह तूफान के साथ आजाद हिंद फौज में शामिल हो गईं।
पति ने सुभाष चंद्र बोस को गोली मारने का किया प्रयास इतिहासकारों के अनुसार एक रात वह नेताजी की सुरक्षा में तैनात थीं। इसी बीच उनके पति ने सुभाष चंद्र बोस को गोली मारने का प्रयास किया। यह देख नीरा ने संगीन से श्रीकांत की हत्या कर दी। हालांकि बाद में अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ लिया था। देश को स्वाधीनता मिलने के बाद नीरा खेकड़ा आई थीं और एक धर्मशाला में ठहरी थीं।
नीरा को भूला नहीं है बागपत नीरा आर्य को जिला बागपत भूला नहीं है। उनकी जयंती पर खेकड़ा कस्बे में हर वर्ष आयोजन होता है। वर्ष 1987 में आयोजित एक ऐसे ही कार्यक्रम में भाग लेने के लिए नीरा के छोटे भाई स्वतंत्रता सेनानी बसंत यहां आए थे। नीरा आर्य ने हैदराबाद मुक्ति संग्राम में भी अहम भूमिका निभाई थी। हैदराबाद में 26 जुलाई 1998 को उन्होंने बीमारी के चलते एक अस्पताल में अंतिम सांस ली।
नीरा आर्य के नाम पर केरल में हैं सड़कखेकड़ा निवासी साहित्यकार तेजपाल धामा ने पत्नी मधु धामा के साथ मिलकर नीरा आर्य द्वारा हैदराबाद में बिताए दिनों पर एक पुस्तक लिखी, जिसका नाम है आजाद हिंद फौज की पहली महिला जासूस। तेजपाल धामा बताते हैं कि नीरा आर्य के नाम पर केरल में एक सड़क है और उनके नाम पर राष्ट्रीय स्तर का नीरा आर्य पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है।
फिल्म निर्माता रूपा अय्यर पहुंचीं खेकड़ा, दो माह में शुरू होगी शूटिंग बागपत। कर्नाटक निवासी अदाकारा व फिल्म निर्माता रूपा अय्यर नीरा आर्य के जीवन पर फिल्म बनाने की तैयारी कर रही हैं। मंगलवार दोपहर साहित्यकार तेजपाल धामा के साथ रूपा अय्यर अहिरान मोहल्ला स्थित आर्य समाज मंदिर (नीरा आर्य संग्रहालय) पहुंचीं। उन्होंने नीरा आर्य के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
रूपा अय्यर ने फिल्म बनाने को बताया सौभाग्य उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है जो नीरा आर्य जैसी महान आत्मा के जीवन पर फिल्म बनाने का मौका मिल रहा है। इस फिल्म में वह खुद नीरा आर्य का रोल करेंगीं। आगामी दो माह में शूटिंग शुरू हो जाएगी। उन्होंने संग्रहालय में नीरा आर्य की प्रतिमा और बरामदा बनवाने का आश्वासन दिया। संग्रहालय से जुड़े लोगों को अपनी लिखी पुस्तक ‘माडर्न समाजसेवी’ भेंट की।
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