मेरठ के मोदीपुरम में पावर कॉरपोरेशन की लापरवाही आई सामने, हाईवे पर हाईटेंशन लाइन बेहद नीचे; चपेट में आ रहे लोग
मेरठ-करनाल हाईवे अति व्यस्ततम मार्ग है। यहां से रोज हजारों भारी व अन्य वाहन गुजरते हैं। बावजूद इसके यहां मानक व नियम-कायदों की रखवाली करना जिम्मेदारों ने छोड़ दिया है। यही वजह है कि हाईवे पर अतिक्रमण के साथ ही विद्युत तार और हाइटेंशन लाइन खतरनाक स्थिति में पहुंच गई हैं। जिम्मेदारों की यही उदासीनता लोगों की जान पर भारी पड़ रही है।
By Sanjeev KumarEdited By: riya.pandeyUpdated: Fri, 24 Nov 2023 03:14 PM (IST)
जागरण संवाददाता, मोदीपुरम। मेरठ-करनाल हाईवे अति व्यस्ततम मार्ग है। यहां से रोज हजारों भारी व अन्य वाहन गुजरते हैं। बावजूद इसके यहां मानक व नियम-कायदों की रखवाली करना जिम्मेदारों ने छोड़ दिया है। यही वजह है कि हाईवे पर अतिक्रमण के साथ ही विद्युत तार और हाइटेंशन लाइन खतरनाक स्थिति में पहुंच गई हैं। जिम्मेदारों की यही उदासीनता लोगों की जान पर भारी पड़ रही है।
गुरुवार को हाइटेंशन लाइन की चपेट में आने से दो परिवारों की खुशियों को ग्रहण लग गया। लापरवाही का आलम यह है कि न तो शोरूम मालिक व न ही कंपनी ने होर्डिंग लगाने की अनुमति ली थी। न ही हाइटेंशन लाइन की आपूर्ति बंद कराई थी।
पावर कारपोरेशन के लापरवाही से हाइटेंशन की चपेट में आ रहे लोग
गंगानगर निवासी अमित गर्ग के शोरूम के सामने सरधना रोड और साइड की सर्विस रोड को मिट्टी डालकर काफी ऊंचा कर दिया गया है। इसी कारण हाइटेंशन लाइन काफी नीचे आ गई थी। इस पर पावर कारपोरेशन ने कोई ध्यान नहीं दिया। गुरुवार देर शाम होर्डिंग फ्लैक्स लगाते समय राहुल और ललित इसी कारण हाइटेंशन लाइन की चपेट में आ गए।मृतक राहुल के भाई नितिन ने बताया कि जब वह मौके पर पहुंचे थे, तब तक शोरूम मालिक और अन्य लोग भाग चुके थे। हास्पिटल से लेकर मर्चरी तक कोई नहीं आया।
चौकी प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया होर्डिंग अवैध रूप से लगवाने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित स्वजन ने अभी तक कोई तहरीर नहीं दी है। तहरीर के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दून और करनाल हाईवे पर अवैध होर्डिंग की भरमार
मोदीपुरम : दिल्ली-देहरादून हाईवे और मेरठ-करनाल हाईवे पर नियम-कायदों को तोड़कर अवैध होर्डिंग लगाए गए हैं। यह अवैध होर्डिंग कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। तेज तूफान और बरसात में होर्डिंग अक्सर हाईवे पर गिरते हैं। कई बार हाईवे पर दौड़ रहे वाहन इनका शिकार हुए हैं। इसके बाद भी संबंधित विभाग अवैध होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है। करनाल हाईवे पर दो सौ से अधिक अवैध होर्डिंग हैं, जबकि दून हाईवे पर 78 किमी के बीच पांच सौ से अधिक छोटे-बड़े अवैध होर्डिंग हैं।
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