बात सेहत की; भीषण गर्मी में कहीं बिगड़ न जाए आपका 'न्यूरोट्रांसमीटर', इस मौसम में सावधानी है बेहद जरूरी
Meerut News In Hindi गर्म मौसम का हमारे शारीरिक के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। सरकारी और निजी चिकित्सकों के पास इन दिनों अवसाद और एंग्जाइटी आदि समस्याएं लेकर काफी रोगी पहुंच रहे हैं। डाक्टरों का कहना है कि इस मौसम में मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने वाले कदम उठाना भी जरूरी है। सेहत का ख्याल रखें।
प्रवीण वशिष्ठ, मेरठ। गर्मी का हमारी मानसिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ता है। बहुत से लोगों के व्यवहार में अत्यधिक परिवर्तन आ जाता है। चिड़चिड़ापन, अत्यधिक गुस्सा आना और अवसाद इसके सामान्य लक्षण हैं। इसका कारण मस्तिष्क के अंदर न्यूरोट्रांसमीटर का असंतुलित होना है।
मस्तिष्क को नियंत्रित करने का है न्यूरोट्रांसमीटर का काम
गर्मी में हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को विभिन्न बीमारियां प्रभावित करती हैं, लेकिन यह मौसम मानसिक स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव डालता है। मनोचिकित्सकों का कहना है कि अधिक गर्मी में कुछ लोगों के मस्तिष्क के अंदर के न्यूरोट्रांसमीटर असंतुलित हो जाते हैं।
न्यूरोट्रांसमीटर का काम मस्तिष्क को नियंत्रित करने का है। इनके असंतुलित होने से चिड़चिड़ापन, गुस्सा, अवसाद, एंग्जाइटी के साथ-साथ यादाश्त और एक्रागता में कमी के मामले इन दिनों पहले के मुकाबले अधिक लोगों में सामने आ रहे हैं।
ये भी पढ़ेंः Agra: 'बिना मुहुर्त राम मंदिर के शिलान्यास से मिली चुनावों में हार', बीजेपी की पराजय पर शंकराचार्य का बड़ा बयान
ये भी पढ़ेंः बरेली में खाकी पर लगा दाग; एसी-फ्रिज के बाद होम थिएटर...खुल गई सीओ लाइन के भ्रष्टाचार की पोल
यह रखें ध्यान
डाक्टरों के अनुसार गर्म मौसम में सामान्य स्वास्थ्य की तरह मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने वाले कदम उठाना ही काफी है। जैसे दाेपहर को गर्मी में जाने बचें। पर्याप्त पानी पीएं। मसालेदार और तले भोजन के स्थान पर हल्का और पौष्टिक आहार लें। पर्याप्त नींद लें और तनाव कम करने को योग-प्राणायाम करें। समस्या होने पर मनोचिकित्सक को जरूर दिखाएं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।इन्होंने कहा
न्यूरोट्रांसमीटर हमारे शरीर के रसायनिक संदेशवाहक हैं। ये हमारे तंत्रिका तंत्र का हिस्सा हैं। इनका कार्य तंत्रिका कोशिकाओं से लक्ष्य कोशिकाओं तक संकेत पहुंचाना है। मस्तिष्क के अंदर न्यूरोट्रांसमीटर के असंतुलन का अधिक या कम प्रभाव हर व्यक्ति में अलग होता है। यह अत्यधिक गर्मी के साथ-साथ अत्यधिक सर्दी में भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। मानसिक समस्या का लक्षण दिखने पर मनोचिकित्सक से संपर्क जरूर करें। समय पर उपचार शुरू होना बेहतर होता है। डा. रवि राणा, वरिष्ठ मनोचिकित्सक। गर्म मौसम का हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। मेडिकल कालेज में भी अधिक गर्मी शुरू होने के बाद अवसाद और एंग्जाइटी आदि समस्याएं लेकर आने वालों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में गर्मी से बचाव के कदम उठाना सबसे अच्छा उपाय है। पहले से ही विभिन्न मानसिक बीमारियों से जूझ रहे लोगों को इस मौसम में अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता है। डा. तरुण पाल, विभागाध्यक्ष मानसिक रोग विभाग, मेडिकल कालेज।