यूपी से इस शहर में 11 बजे तक रहेगी No Entry, नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन होंगे सीज; यातायात पुलिस सख्त
मेरठ में शादियों से बढ़ते ट्रैफिक दबाव को देखते हुए यातायात पुलिस ने नो एंट्री समय रात 10 बजे से बढ़ाकर 11 बजे कर दिया है। भारी वाहन अब 11 बजे के बाद ही प्रवेश करेंगे। एसपी यातायात राघवेंद्र मिश्र ने पुलिसकर्मियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि गढ़ रोड दिल्ली रोड हापुड़ रोड समेत प्रमुख मार्गों पर नियमों का पालन कराया जाए।
जागरण संवाददाता, मेरठ। शहर में शादियों के कारण बढ़ते यातायात दबाव व भीड़ को देखते हुए यातायात पुलिस ने नो एंट्री के समय में परिवर्तन किया है। भारी वाहन अब रात दस बजे नहीं 11 बजे के बाद के प्रवेश कर पाएंगे। यातायात पुलिस ने सभी पुलिसकर्मियों को इस आदेश का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है।
शहर में नो एंट्री का समय रात दस बजे है। इससे पहले भारी वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक है। बुधवार को यातायात पुलिस ने नो एंट्री के समय को एक घंटा और बढ़ा दिया है। उन्होंने बताया कि जिन मार्ग पर शादी के कारण भीड़ व यातायात दबाव ज्यादा रहेगा, वहां निर्धारित नो एंटी के समय में परिवर्तन परिस्थिति को देखते हुए बढ़ाया जाएगा।
क्या बोले एसपी यातायात?
एसपी यातायात राघवेंद्र मिश्र ने बताया कि सभी टीआई, टीएसआइ व पुलिसकर्मियों को निर्देश दिए गए है कि वह गढ़ रोड, दिल्ली रोड, हापुड़ रोड, रोहटा रोड, बागपत रोड, सरधना रोड, बिजनौर रोड व रूड़की रोड पर 11 बजे से पहले वाहनों को शहर में प्रवेश न करने दें। नियमों का उल्लंघन करने वालों वाहनों को सीज किया जाएगा।300 बेटियों की शादी में छह दिन...सामान का पता नहीं
दूसरी ओर बागपत में सीडीओ नीरज कुमार श्रीवास्तव ने बुधवार देर शाम आठ बजे अधिकारियों की बैठक लेकर 26 नवंबर को 300 बेटियों की शादी करवाने की तैयारियों की समीक्षा की। इन शादियों में केवल छह दिन बचे हैं लेकिन सामान की खरीद का अता पता नहींमुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना से बेटियों की शादी होगी। अब सीडीओ ने शादी का इंतजाम करने तथा बेटियों के लिए कपड़े, जेवर, अन्य उपहार और दूल्हों के लिए साफा एवं सेहरा आदि खरीद के लिए कहा क्योंकि अब समय कम बचा है।
बता दें कि सामान की खरीद में पूर्व में खेल होता रहा। मानक के विपरीत सामान आपूर्ति से लाखों के वारे न्यारे करने का खेल चलता रहा। साफ है कि समय से सामान की आपूर्ति नहीं होगी तो ढंग से सत्यापन कैसे होगा? ध्यान रहे कि जिस फर्म को टेंडर मिलता है उससे पहले सामान का सेंपल लिया जाता है और फिर आपूर्ति के बाद सेंपल से मिलान तथा गुणवत्ता आदि जांच की जाती है।
अगर पहले की तरह फेरे या निकाह होते वक्त सामान की आपूर्ति होगी तो सत्यापन कैसे होगा। सीडीओ ने कहा कि एक एक सामान का सत्यापन कराया जाएगा। प्रत्येक बेटी की शादी पर 51 हजार रुपये सरकार खर्च करेगी। इसमें 35 हजार रुपये बेटी के बैंक खाते में भेजे जाएंगे। हर बेटी को अधिकतम 10 हजार रुपये का सामान गिफ्ट में दिया जाएगा। शादी के इंतजाम पर अधिकतम छह हजार रुपये की दर से खर्चा करने का प्रविधान है।
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