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मेरठ बवाल : अब अवैध आशियाने नहीं बनने देगा कैंट बोर्ड

बीते बुधवार को अतिक्रमण को लेकर मेरठ में हुए बवाल के बाद कैंट बोर्ड अधिकारियों ने फैसला लिया है कि छावनी क्षेत्र में अब किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण नहीं होने दिया जाएगा।

By Ashu SinghEdited By: Updated: Mon, 11 Mar 2019 11:35 AM (IST)
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मेरठ बवाल : अब अवैध आशियाने नहीं बनने देगा कैंट बोर्ड
मेरठ,जेएनएन। भूसा मंडी मछेरान में अब छावनी परिषद अवैध आशियाने नहीं बनेगा देगा। अधिकारियों ने साफ कर दिया कि भूमि पर अवैध कब्जा था,जिसे पुन:नहीं कब्जाने दिया जाएगा। यदि कोई कब्जा करने का प्रयास करेगा तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
लंबे से किया हुआ था कब्जा
छह मार्च को मछेरान में आग ने 150 से अधिक झुग्गी-झोपड़ियां जल गई थी,जिसमें न सिर्फ सामान जला बल्कि दर्जनों परिवारों की यादें भी जल गईं। करीब 185 परिवारों का सब-कुछ खाक हो गया था। कैंट बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि जिस भूमि पर झुग्गी-झोपड़ियां थी वह भारत सरकार की भूमि है,जिसकी निगरानी रक्षा संपदा विकास करता है। लंबे समय से उस पर कब्जा किया गया था। जमीन खाली कराने के लिए पूर्व में भी कई बार प्रक्रिया की जा चुकी है। अब किसी भी व्यक्ति को वहां झुग्गी-झोपड़ी बनाने या अन्य निर्माण नहीं करने दिया जाएगा।
क्या प्रशासन करेगा व्यवस्था
सवाल अब यह भी है कि बड़ी संख्या में परिवार बेघर हो चुके हैं। पांच दिन से बेहाल हैं। दो वक्त की रोटी मिलना तक मुश्किल हो रहा है। इन विकट परिस्थितियों में क्या प्रशासन उनके रहने का कोई इंतजाम करेगा।
बच्चे भुगतेंगे बड़ों की करनी
बड़े-बुजुर्गो ने तो दशकों पूर्व जमीन कब्जा ली और वहां झुग्गी-झोपड़ी बना दी। कुछ लोगों ने तो पक्के निर्माण तक करा दिए हैं। अब कैंट बोर्ड उस जमीन को कब्जाने नहीं देगा। इसलिए बड़ों की करनी बच्चों को भुगतनी पड़ेगी।
जांच हो कैंट में कैसी बनी अवैध झुग्गियां
हिंदू युवा वाहिनी के महानगर अध्यक्ष अंकित शर्मा ने कैंट में अवैध रूप से बनी झुग्गी-झोपड़ी मामले की जांच कराने की मांग की। सवाल उठाया कि आखिर सुरक्षा के नजरिए से महत्वपूर्ण मछेरान में 200 झुग्गी-झोपड़ियां कैसे बन गईं।
इनका कहना है
बंगला नंबर 201 भारत सरकार की भूमि है। जिसका लैंड रिकार्ड रक्षा संपदा कार्यालय में हैं। इस भूमि पर किसी का भी मालिकाना हक नहीं है। ऐसी भूमि पर अवैध कब्जा कतई नहीं होने दिया जाएगा।
- प्रसाद चव्हाण,सीइओ-कैंट बोर्ड
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