Solar Plant सॉलिड आइडिया : घर में पैदा करिए बिजली, यूज कीजिए और बेचिए भी
सौर ऊर्जा का प्लांट लगाकर अब आप भी घर बैठे बिजली पैदा कर सकते हैं। थोड़ी और जागरूकता दिखाएंगे तो सौर ऊर्जा से पैदा हुई बिजली ऊर्जा निगम को बेच भी सकते हैं।
By Ashu SinghEdited By: Updated: Sat, 11 May 2019 01:12 PM (IST)
मेरठ, [प्रदीप द्विवेदी]। सूरज की रोशनी से घरों को दूर करके पूरी तरह से बिजली के भरोसे कर दिए गए घरों को अब फिर से सूरज के भरोसे लौटाने का वक्त आ गया है। घर में सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रचार-प्रचार खूब हुआ,प्रोत्साहन मिला फिर भी लोग इसका प्रयोग नहीं बढ़ा।
बस चाहिए जागरूकता
अब जब तापमान बढ़ता जा रहा है और बिजली खपत दिनों-दिन छलांग लगा रही है तो अब सौर ऊर्जा को अपनाना अनिवार्य कर दिया गया है और कानून का सहारा लेकर इसे अमलीजामा भी पहनाया जाएगा। तो जुर्माने का कागज लिए कानून को चौखट तक आने का इंतजार क्यों? बिजली का खर्च बचाइए.. थोड़ी और जागरूकता दिखाएंगे तो सौर ऊर्जा से पैदा हुई बिजली बेच भी सकते हैं ऊर्जा निगम को। सौर ऊर्जा अपनाइए..सोलर प्लांट लगा ही लीजिए..।
कहीं दंडित न करे एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड
एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड-2018 के तहत अब एक हजार या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले भवन में सोलर प्लांट अनिवार्य हो ही गया है। ऐसे भवनों पर भी अब कार्रवाई शुरू होगी। यानी ऐसे भवनों को बिल्डिंग कोड की शर्तो के तहत परिवर्तित करना पड़ेगा। इस कोड के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू हो इसलिए सबसे पहले सोलर प्लांट लगवा लीजिए। इस कोड का सबसे बड़ा लक्ष्य सोलर एनर्जी के प्रयोग को बढ़ाकर बिजली खपत कम करना है।
प्लांट लगाया या नहीं,जांचेगा एमडीए
500 वर्ग मीटर से अधिक के भवन में सोलर प्लांट लगवाना अनिवार्य है, इसलिए जिन्होंने नहीं लगाया उन पर कार्रवाई होगी। भवन के मानचित्र में इसका जिक्र करना जरूरी होता है। एमडीए अब इसका पालन कराएगा। वर्ष 2018-19 के लिए एमडीए को 150 मेगावाट बिजली इन प्लांटों के जरिए उत्पन्न कराने का लक्ष्य दिया गया है।
सरकार से 30 फीसद सब्सिडी भी
सोलर रूफ टॉप कार्यक्रम के अंतर्गत ऑन ग्रिड सिस्टम वाला प्लांट लगवाने से सोलर से जो बिजली क्षमता से अधिक बनेगी वह बिजली विभाग खरीद लेगा। यह स्कीम सिर्फ आवासीय और कृषि बिजली कनेक्शन वालों के लिए ही है। इसके तहत जितने वाट का कनेक्शन ऊर्जा निगम से स्वीकृत है उतने ही वाट का सोलर प्लांट लगाने की अनुमति मिलती है। इसे लगाने में भारत सरकार से 30 फीसद सब्सिडी मिलती है और राज्य सरकार से 30 हजार रुपये तक भी सब्सिडी मिल जाती है।
यह है सबसे बड़ा लाभ
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यदि उपयोग कम हो रहा है तो सोलर प्लांट की जो बिजली बचेगी वह उसी लाइन से पावर ग्रिड को चली जाएगी। यदि पूरे प्रयोग के बाद भी कुछ यूनिट पावर ग्रिड के पास आपके बचे रह गए तो उसका भुगतान प्रति यूनिट दो रुपये के हिसाब से उपभोक्ता को किया जाएगा। मेरठ में वर्तमान में काफी लोग इस तरह का प्लांट लगा भी रहे हैं। सभी स्थानों को मिलाकर अब तक 4137 किलोवाट का प्लांट स्थापित हो चुका है। इसे स्थापित कराने को भी एमडीए अभियान चलाएगा।
जरा यहां भी गौर करिए
500 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले भवनों के लिए सोलर प्लांट अनिवार्य
02 रुपये प्रति यूनिट की दर से सोलर लाइट खरीद लेगा ऊर्जा निगम
50 हजार प्रति किलोवाट की दर से मिलता है ऑनग्रिड सोलर प्लांट
25 मेगावाट सोलर एनर्जी उत्पन्न कराने का लक्ष्य एमडीए को 2018-19 का मिला
4137 किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट अब तक नेडा लगा चुका है
इनका कहना है
ऑन ग्रिड सोलर प्लांट के लिए सब्सिडी दी जाती है, जबकि ऑफ ग्रिड के लिए सब्सिडी स्कीम नहीं है। सब्सिडी वाले स्कीम के लिए यूपीनेडा सोलर रूफ टॉप पोर्टल डॉट कॉम पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसमें पूरा विवरण दर्ज है। यदि फिर भी कोई दिक्कत हो तो विकास स्थित नेडा के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
- एम जावेद खान,परियोजना अधिकारी,नेडा,मेरठ
अलग-अलग नियमों के तहत सोलर प्लांट लगाना अनिवार्य है, लेकिन अब उसे धरातल पर लागू कराने के लिए अभियान से लेकर कार्रवाई तक का कदम उठाया जाएगा। प्लांट स्थापित करने के लिए नेडा के पास सब्सिडी स्कीम भी है जिसका लोगों को फायदा उठाना चाहिए।
- राजेश पांडेय,वीसी एमडीए लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
बस चाहिए जागरूकता
अब जब तापमान बढ़ता जा रहा है और बिजली खपत दिनों-दिन छलांग लगा रही है तो अब सौर ऊर्जा को अपनाना अनिवार्य कर दिया गया है और कानून का सहारा लेकर इसे अमलीजामा भी पहनाया जाएगा। तो जुर्माने का कागज लिए कानून को चौखट तक आने का इंतजार क्यों? बिजली का खर्च बचाइए.. थोड़ी और जागरूकता दिखाएंगे तो सौर ऊर्जा से पैदा हुई बिजली बेच भी सकते हैं ऊर्जा निगम को। सौर ऊर्जा अपनाइए..सोलर प्लांट लगा ही लीजिए..।
कहीं दंडित न करे एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड
एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड-2018 के तहत अब एक हजार या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले भवन में सोलर प्लांट अनिवार्य हो ही गया है। ऐसे भवनों पर भी अब कार्रवाई शुरू होगी। यानी ऐसे भवनों को बिल्डिंग कोड की शर्तो के तहत परिवर्तित करना पड़ेगा। इस कोड के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू हो इसलिए सबसे पहले सोलर प्लांट लगवा लीजिए। इस कोड का सबसे बड़ा लक्ष्य सोलर एनर्जी के प्रयोग को बढ़ाकर बिजली खपत कम करना है।
प्लांट लगाया या नहीं,जांचेगा एमडीए
500 वर्ग मीटर से अधिक के भवन में सोलर प्लांट लगवाना अनिवार्य है, इसलिए जिन्होंने नहीं लगाया उन पर कार्रवाई होगी। भवन के मानचित्र में इसका जिक्र करना जरूरी होता है। एमडीए अब इसका पालन कराएगा। वर्ष 2018-19 के लिए एमडीए को 150 मेगावाट बिजली इन प्लांटों के जरिए उत्पन्न कराने का लक्ष्य दिया गया है।
सरकार से 30 फीसद सब्सिडी भी
सोलर रूफ टॉप कार्यक्रम के अंतर्गत ऑन ग्रिड सिस्टम वाला प्लांट लगवाने से सोलर से जो बिजली क्षमता से अधिक बनेगी वह बिजली विभाग खरीद लेगा। यह स्कीम सिर्फ आवासीय और कृषि बिजली कनेक्शन वालों के लिए ही है। इसके तहत जितने वाट का कनेक्शन ऊर्जा निगम से स्वीकृत है उतने ही वाट का सोलर प्लांट लगाने की अनुमति मिलती है। इसे लगाने में भारत सरकार से 30 फीसद सब्सिडी मिलती है और राज्य सरकार से 30 हजार रुपये तक भी सब्सिडी मिल जाती है।
यह है सबसे बड़ा लाभ
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यदि उपयोग कम हो रहा है तो सोलर प्लांट की जो बिजली बचेगी वह उसी लाइन से पावर ग्रिड को चली जाएगी। यदि पूरे प्रयोग के बाद भी कुछ यूनिट पावर ग्रिड के पास आपके बचे रह गए तो उसका भुगतान प्रति यूनिट दो रुपये के हिसाब से उपभोक्ता को किया जाएगा। मेरठ में वर्तमान में काफी लोग इस तरह का प्लांट लगा भी रहे हैं। सभी स्थानों को मिलाकर अब तक 4137 किलोवाट का प्लांट स्थापित हो चुका है। इसे स्थापित कराने को भी एमडीए अभियान चलाएगा।
जरा यहां भी गौर करिए
500 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले भवनों के लिए सोलर प्लांट अनिवार्य
02 रुपये प्रति यूनिट की दर से सोलर लाइट खरीद लेगा ऊर्जा निगम
50 हजार प्रति किलोवाट की दर से मिलता है ऑनग्रिड सोलर प्लांट
25 मेगावाट सोलर एनर्जी उत्पन्न कराने का लक्ष्य एमडीए को 2018-19 का मिला
4137 किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट अब तक नेडा लगा चुका है
इनका कहना है
ऑन ग्रिड सोलर प्लांट के लिए सब्सिडी दी जाती है, जबकि ऑफ ग्रिड के लिए सब्सिडी स्कीम नहीं है। सब्सिडी वाले स्कीम के लिए यूपीनेडा सोलर रूफ टॉप पोर्टल डॉट कॉम पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसमें पूरा विवरण दर्ज है। यदि फिर भी कोई दिक्कत हो तो विकास स्थित नेडा के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
- एम जावेद खान,परियोजना अधिकारी,नेडा,मेरठ
अलग-अलग नियमों के तहत सोलर प्लांट लगाना अनिवार्य है, लेकिन अब उसे धरातल पर लागू कराने के लिए अभियान से लेकर कार्रवाई तक का कदम उठाया जाएगा। प्लांट स्थापित करने के लिए नेडा के पास सब्सिडी स्कीम भी है जिसका लोगों को फायदा उठाना चाहिए।
- राजेश पांडेय,वीसी एमडीए लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
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