Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

अब गांवों में हो रही ग्रह नक्षत्रों की गणना, बुलंदशहर में तैयार कीं 109 नक्षत्रशालाएं

बुलंदशहर के मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक पांडेय के प्रयास से जिले के 109 गांवों में नक्षत्रशालाएं स्थापित हो चुकी हैं। गांवों में स्थापित नक्षत्रशालाओं में बच्चे दिन में जानकारी लेते हैं। शाम को गांव के लोग टेलीस्कोप से ब्रह्मांड में ग्रह नक्षत्रों की चाल निहारते हैं।

By Parveen VashishtaEdited By: Updated: Thu, 07 Apr 2022 08:05 AM (IST)
Hero Image
बुलंदशहर में गांवों में हो रही ग्रह नक्षत्रों की गणना

बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। ब्रह्मांड की गतिविधियां और उसके रहस्यों को जानना-समझना अब ग्रामीणों की पहली पसंद बन रही है। गांवों में शाम की बैठक अब धीरे-धीरे प्राइमरी स्कूलों में सिमट रही है। यहां अब लोग अपने नाती पोतों के साथ आते हैं और रोज ब्रह्मांड की अनसुलझी पहेलियों को समझने का प्रयास करते हैं।

गांव मुकुंदगढ़ी से शुरू हुआ सिलसिला

सिकंदराबाद के गांव मुकुंदगढ़ी से शुरू हुआ नक्षत्रशाला का यह सिलसिला अब जिले के 109 गांवों में स्थापित हो चुका है। इसे 153 गांवों तक पहुंचाने का बीड़ा जिले के मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक पांडेय ने उठाया है। हालांकि टेलीस्कोप अभी केवल मुकुंदगढ़ी में है, बाकी 109 नक्षत्रशालाओं में ब्रह्मांड की गतिविधियां और उसके रहस्यों के बारे में जानकारी दी जाती है। सीडीओ अभिषेक पांडेय बताते हैं कि उन्होंने आइएएस बनने से पहले आइआइटी भी किया था। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रति बच्चों व उनके अभिभावकों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए उन्होंने कुछ नया प्रयोग करने को सोचा। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बातचीत के बाद उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में नक्षत्रशाला स्थापित करने का फैसला किया।

अमेरिका से मंगाया गया टेलीस्कोप

मुकुंदगढ़ी में नक्षत्रशाला के निर्माण में 2.5 लाख का खर्चा आना था। इसे ग्राम विकास निधि से खर्च करने पर सहमति बनी। अभिषेक पांडेय बताते हैं कि इसके लिए उन्होंने सिकंदराबाद के गांव मुकुंदगढ़ी की प्राइमरी पाठशाला का चयन किया। यहां एक नक्षत्रशाला के नाम से लैब तैयार की गयी, एक टेलीस्कोप अमेरिका से मंगाया गया।

गांव के लोग टेलीस्कोप से निहारते हैं ब्रह्मांड में ग्रह नक्षत्रों की चाल

गांव में स्थापित इस नक्षत्रशाला में बच्चे दिन में ब्रह्मांड की गतिविधि व नक्षत्रों की जानकारी लेते हैं, शाम को गांव के लोग टेलीस्कोप से ब्रह्मांड में ग्रह नक्षत्रों की चाल निहारते हैं। रंग बिरंगे ग्रह व उल्का पिंडों को निहारने के साथ ही आज क्या बदला, पर चर्चा करते हैं। गांव के अलावा आसपास के लोग भी टेलीस्कोप से ब्रह्मांड की गतिविधियों को समझने आते हैं।

विशेषज्ञों ने शिक्षकों को किया प्रशिक्षित

नक्षत्रशाला में शिक्षा व जानकारी देने के लिए दिल्ली से खगोलीय विशेषज्ञों की टीम बुलायी गयी। इसने जिले के हर ब्लाक के विज्ञान शिक्षकों को प्रशिक्षित किया। इन नक्षत्रशालाओं की सारी जिम्मेदारी ग्राम पंचायती विकास निधि से निभायी जा रही है।

अमेरिका के एक भारतीय वैज्ञानिक ने मुफ्त दी टेलीस्कोप

गांव मुकंदगढ़ी में स्थापित नक्षत्रशाला में लगी टेलीस्कोप अमेरिका में कार्यरत एक वैज्ञानिक ने मुफ्त दी है। यह वैज्ञानिक सीडीओ अभिषेक पांडेय के मित्र हैं। इसके अलावा ब्रिटेन के एक वैज्ञानिक संगठन ने कंप्यूटर, प्रिंटर व एलईडी मुफ्त दी है।

यह भी पढ़ें: ब्रिटिश हाई कमीशन और स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी की सौगात, बुलंदशहर में सरकारी स्‍कूल के बच्‍चे पा रहे चांद-तारों का ज्ञान

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें