तीन दिन से अधिक रैपिड रेल परियोजना की लंबित न रहे पत्रावली: सीएम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रासिट सिस्टम (आरआरटीएस) कोरिडोर के क्रियान्वयन की समीक्षा को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग की।
मेरठ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रासिट सिस्टम (आरआरटीएस) कोरिडोर के क्रियान्वयन की समीक्षा को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग की। जिसमें मेरठ से आयुक्त अनीता सी मेश्राम, जिलाधिकारी मेरठ के बालाजी समेत अन्य अफसर भी शामिल हुए। जिसमें सीएम ने निर्देश दिए कि सभी विभागों में परियोजना से जुड़ी पत्रावली तीन दिन से अधिक लंबित न रहें।
बैठक में आरआरटीएस परियोजना में हाल में हुई प्रगति को लेकर एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने सीएम को अवगत कराया। जिसमें उन्होंने बताया कि आरआरटीएस की औसत गति मेट्रो ट्रेन से तीन गुना तेज होगी। कुल 82.15 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में 15 आरआरटीएस स्टेशन है और 13 मेट्रो स्टेशन को भी समाहित किया गया है। बताया गया कि प्रत्येक पांच मिनट पर ट्रेन की सुविधा स्टेशनों पर उपलब्ध रहेगी। सभी मौसम में यह रेल सेवा सुचारु रहने में सक्षम है। उन्होंने सीएम को बताया कि परियोजना में मल्टीमाडल एकीकरण सम्मिलित किया गया है। इस रेल सेवा का सबसे अधिक फायदा पश्चिम क्षेत्र होगा। बताया कि वर्तमान में बेगम पुल मेरठ से इंदिरा गाधी हवाई अड्डे के लिए 3.30 से 4 घटे का समय लगता है। जबकि रैपिड रेल से यह दूरी सिर्फ 75 मिनट में तय की जा सकेगी। इसी प्रकार दिल्ली एम्स हास्पिटल के लिए दो से तीन घटे लगते हैं, जबकि 60 मिनट में वहा पहुंचा जा सकेगा। सीएम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में कहा कि यह क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण योजना है। निर्देश दिए कि प्रत्येक अधिकारी और विभाग इस परियोजना को विशेष प्राथमिकता प्रदान करें। जो भी कार्य प्रस्तावित एवं लंबित हैं, उनमें विशेष रूचि लेकर न्यूनतम समय में तत्परतापूर्वक पूर्ण कराएं।