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Paris Olympics 2024: पिता ने पैसे उधार लेकर दिलाए थे बेटी को जूते, अब प्राची चौधरी पहुंचीं पेरिस ओलंपिक

Saharanpur’s Prachi Choudhary Kaliyar Paris Olympics 2024 सहारनपुर निवासी प्राची जिले की पहली व एकमात्र एथलीट हैं जो ओलंपिक के लिए चयनित हुई हैं। प्राची रेलवे में कार्यरत हैं। नौ अगस्त को सेमीफाइनल के प्रदर्शन के साथ टॉप-आठ में स्थान बनाने पर 10 अगस्त को फाइनल में एथलीट पूरा जोर लगाएंगी। प्राची के पिता किसान हैं और कभी उन्होंने स्पाइक उधार के पैसे लेकर दिए थे।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 28 Jul 2024 09:08 AM (IST)
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Paris Olympics 2024: सहारनपुर की प्राची चौधरी ओलंपिक में पदार्पण कर रही है।
अमित तिवारी. जागरण, मेरठ। Paris olympics 2024, Prachi Chaudhary Father, Saharanpur’s athlete वर्ष 2014 में खेल करियर का आरंभ करने वाली सहारनपुर के झबीरन गांव की प्राची चौधरी 10 वर्ष बाद ओलंपिक में पदार्पण करने जा रही हैं।

खेल के प्रति बेटी के जुनून पर भरोसा कर किसान पिता जयवीर सिंह ने कभी पैसे उधार लेकर जूते (स्पाइक) दिलाए थे। बेटी पिता के भरोसे पर खरा उतरी और पेरिस ओलिंपिक पहुंच गई।

प्राची चार गुणा चार सौ मीटर महिला रिले दौड़ में हिस्सा लेंगी। एशियाड की रजत पदक विजेता प्राची ओलंपिक अपने पदक का रंग बदलना चाहतीं हैं, इसके लिए उन्हें खुद के साथ ही पूरी रिले टीम पर भरोसा है। प्राची रिले दौड़ में एमआर पूवम्मा, विथ्या रामराजज्योतिका श्री दांडी, सुभा वेंकटेश और किरन पहल के साथ टीम में शामिल है। इस स्पर्धा के लिए भारतीय महिला टीम का चयन वर्ल्ड एथलेटिक्स की ओर से मई में बहमास में आयोजित प्रतियोगिता में प्रदर्शन के आधार पर हुआ था।

एशिया में दिखा दम, अब विश्व फलक की बारी

एशियन एथलेटिक चैंपियनशिप 2019 और 19वें एशियन गेम्स 2023 में रिले दौड़ में रजत पदक जीतने वाली प्राची ने अपनी प्रतिभा को भारतीय सरहदों के पार पहुंचाया। अब उनकी निगाहें खेल महाकुंभ ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की है।

वर्ष 2021 में प्रतिबंधित दवा का सेवन करने के लिए उन्हें डोप टेस्ट में फेल कर दिया गया था, लेकिन बाद की जांच में सामने आया कि वह दवा गलती से ली गई थी। इसलिए उन पर लगा प्रतिबंध कम कर दिया गया।

इसके बाद एशियाई खेलों में सफलता के लिए प्राची ने कड़ी मेहनत की और सफल रहीं। महिला रिले दौड़ टीम पर भारत सरकार की ओर से एनुअल कैलेंडर फार ट्रेनिंग एंड कंपटीशन के अंतर्गत 2.24 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

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प्रतिस्पर्धा कड़ी है, अच्छे प्रदर्शन पर टिकी हैं उम्मीदें

प्राची के पिता जयवीर सिंह किसान हैं। माता राजेश देवी गृहणी हैं। माता-पिता के साथ ही अंतरराष्ट्रीय तकनीकी अधिकारी व कोच डा. अशोक गुप्ता को भी प्राची के वर्तमान प्रदर्शन को देखते हुए पदक की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि चार गुणा चार सौ मीटर रिले दौड़ में 16 टीमें हैं।

हर सेमी में प्रथम तीन टीमें चुनी जाएंगी

दो सेमीफाइनल आठ-आठ टीमों के बीच होगा। हर सेमीफाइनल के प्रथम तीन टीमें चुनी जाएंगी। नौ अगस्त को सेमीफाइनल यानी हीट्स में बेहतर प्रदर्शन के साथ टॉप-आठ में स्थान बनाने पर 10 अगस्त को फाइनल में एथलीट पूरा जोर लगाएंगी।

प्राची के चाचा सचिन ने बताया कि प्राची के दो भाई अंकित व प्रियांशु हैं। एक प्राइवेट नौकरी व दूसरा पढ़ाई कर रहा है। प्राची रेलवे में कार्यरत हैं।

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पेरिस में प्राची

नौ अगस्त : चार गुणा चार सौ मीटर महिला रिले दौड़ हीट : दोपहर 2.10 बजे

10 अगस्त : चार गुणा चार सौ मीटर महिला रिले दौड़ फाइनल : रात 12.40 बजे

प्राची का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

3:27.85 मिनट : चार गुणा चार सौ मीटर रिले : 19वां एशियन गेम्स, हांगझो : चार अक्टूबर 2023

3:32.21 मिनट : चार गुणा चार सौ मीटर रिले : एशियन एथलेटिक चैंपियनशिप, दोहा : 24 अप्रैल 2019

प्राची के इवेंट में टोक्यो ओलंपिक के परिणाम

  • स्वर्ण : 3:16.85 मिनट : अमेरिका
  • रजत : 3:20.53 मिनट : पोलैंड
  • कांस्य : 3:21.24 मिनट : जमैका
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