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Asian Games 2023: ऐसी दौड़ी गांव की बेटी कि 'सोने से चमका' देश, गोल्ड जीतने वाली मेरठ की पारूल चौधरी की कहानी

Asian Games 2023 स्वर्णिम रफ्तार में अपने रिकार्ड से चार सेकेंड पीछे रहीं पारुल। पारुल तीन महीने से अमेरिका में तैयारी कर रही थी। 5000 मीटर दौड़ का राष्ट्रीय रिकार्ड पारुल के ही नाम है। उन्होंने छह मई 2023 को अमेरिका के वालनट स्थित हिलमर लाज स्टेडियम में आयोजित ट्रैक फेस्टिवल में बनाया था। पारुल का 5000 मीटर का राष्ट्रीय रिकार्ड 151035 मीटर का है।

By Amit TiwariEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Wed, 04 Oct 2023 08:30 AM (IST)
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Asian Games 2023: स्वर्णिम रफ्तार में अपने रिकार्ड से चार सेकेंड पीछे रहीं पारुल
जागरण संवाददाता, मेरठ। चीन के हांगझू में मंगलवार को पारुल पवन के वेग से दौड़ी। अंतिम पांच सेकेंड में बढ़त लेकर आगे बढ़ी पारुल ने इतिहास रच दिया। पहले एशियन गेम्स में लगातार दो दिनों में दो पदक जीतकर मेरठ की अंतरराष्ट्रीय एथलीट पारुल चौधरी ने देश को पहले चांदी और फिर सोना दे दिया।

सोमवार को जहां पारुल ने 3,000 मीटर स्टीपल चेज में रजत पदक जीता वहीं मंगलवार को 5,000 मीटर दौड़ को 15:14:75 मिनट में पूरा कर स्वर्ण पदक जीत लिया। स्वर्णिम रफ्तार को पदक में तब्दील करने वाली पारुल अपने राष्ट्रीय रिकार्ड से महज 4.4 सेकेंड पीछे रहीं।

एशियन चैंपियनशिप में भी जीते थे दो पदक

पारुल चौधरी ने इसी वर्ष जुलाई में बैंकाक में आयोजित एशियन एथलेटिक चैंपियनशिप में भी दो पदक जीते थे। फर्क बस इतना है कि एशियन एथलेटिक चैंपियनशिप में पारुल ने 3,000 मीटर स्टीपल चेज में स्वर्ण पदक और 5,000 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता था। वहीं एशियन गेम्स में स्टीपल चेज में रजत पदक जीतने के बाद पारुल ने 5,000 मीटर में स्वर्ण पदक की कमी पूरी कर दी है।

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एशियन चैंपियनशिप में पारुल ने 5,000 मीटर दौड़ 15:52:23 मिनट में पूरी कर दूसरे स्थान पर रही थी। उस प्रतियोगिता में पारुल जापान की एथलीट से महज 1:20 सेकेंड पीछे रहीं थी। अब मंगलवार को एशियन गेम्स में जापान की ही एथलीट को अंतिम क्षणों में पछाड़ कर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया।

इससे पहले 23 अप्रैल 2019 को दोहा में आयोजित एशियन एथलेटिक चैंपियनशिप में भी पारुल चौधरी ने 5,000 मीटर की दौड़ 15:36:03 मिनट में पूरी कर कांस्य पदक जीता था।

अपनी क्षमता को समझने लगी हैं पारुल

मेरठ में पारुल के कोच रहे गौरव त्यागी के अनुसार एशियन गेम्स में अंतिम सेकेंड़ों में पारुल ने जिस तरह से जापान की एथलीट को पीछे कर बढ़त ली उससे साफ दिखने लगा है कि पारुल अब अपनी क्षमता को समझकर प्रदर्शन करने लगी हैं। अंतिम समय तक प्रतिद्वंद्वी का पीछा करते और उसकी स्थिति को समझते हुए पारुल ने सही समय पर सही निर्णय लिया और फिनिश लाइन के 25 मीटर पहले बढ़त लेकर पदक जीता है।

ऐसी दौड़ी गांव की बेटी की चमक उठा देश

एशियाड में दो दिन में दो पदक जीतने वाली पारुल चौधरी का अगला लक्ष्य पेरिस ओलिंपिक में पदक जीतना है। पारुल ने इकलौता गांव की पगडंडियों से जो दौड़ लगाना शुरू किया तो उनका सफर लंबा ही होता रहा है।

पहली बार मेरठ में भराला स्थित इकलौता गांव के हाईस्कूल में पारुल दौड़ी तभी उन्हें रफ्तार में रोमांच महसूस हुआ। इसके बाद गांव में हर दिन दौड़ना शुरू किया।

रफ्तार बढ़ाने को कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम पहुंची। पिता कृष्ण पाल धनकड़ के प्रोत्साहन और माता राजेश देवी की प्रेरणा का पंख लेकर उड़ान भरने वाली पारुल ने मेरठ जिले से बैंकाक, हंगरी, चीन तक का सफर तय कर लिया है।

एशियन गेम्स : पारुल चौधरी के 5,000 मीटर को प्रदर्शन

  • 15 सितंबर 2021 : नेशनल ओपन चैंपियनशिप, वारंगल : 15:59:69 मिनट
  • 25 जून 2021 : नेशनल इंटर स्टेट सीनियर एथलेटिक चैंपियनशिप, पटियाला : 16:04:07 मिनट
  • 21 जून 2021 : इंडियन ग्रांड प्रिक्स, पटियाला : 16:01:37 मिनट
  • 19 मार्च 2021 : फेडरेशन कप, पटियाला : 16:03:23 मिनट
  • 05 मार्च 2021 : इंडियन ग्रांड प्रिक्स-3, पटियाला : 15:48:59 मिनट
  • 20 जुलाई 2022 : वर्ल्ड एथलेटिक चैंपियनशिप, अमेरिका : 15:54:03 मिनट
  • 06 अप्रैल 2022 : नेशनल फेडरेशन कप, थेनीपालम : 15:39:77 मिनट
  • 06 मई 2023 : ट्रैक फेस्टिवल, वालनट अमेरिका : 15:10:35 मिनट
  • 16 जुलाई 2023 : एिशयन एथलेटिक चैंपियनशिप, बैंकाक : 15:52:35 मिनट
  • 03 अक्टूबर 2023 : एशियन गेम्स, हांगझू, चीन : 15:14:75 मिनट

मुख्यमंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री ने दी बधाई

इकलौता गांव में पारुल के पिता कृष्णपाल चौधरी को जहां पूरा गांव बधाई दे रहा है वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पारुल चौधरी व अन्नू रानी को बधाई दी है। केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने भी फोन कर परिवार को बधाई दी। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी पदक विजेता बेटियों को इंटरनेट मीडिया पर बधाई संदेश दिया है।

गदगद है पारुल का परिवार

पारुल के बड़े भाई राहुल चौधरी टायर फैक्ट्री में मैनेजर है। बड़ी प्रीति सीआईएसएफ में स्पोर्टस कोटे से दरोगा है। उनके छोटे भाई रोहित यूपी पुलिस में है और मथुरा में तैनात है। परिवार में माता राजेश देवी, भाभी परमिला, भतीजी बुलबुल व भतीजा आयुष है।

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भाई राहुल चौधरी ने बताया कि बहन पारुल की कामयाबी से पूरे घर में खुशी का माहौल है। पारुल ने भराला गांव स्थित बीपी इंटर कालेज से कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद मेरठ कालेज मेरठ से ग्रेजुएशन की। पारुल को शुरू से ही दौड़ का शौक था और वह कालेज में होने वाली क्षेत्रीय क्रीड़ा प्रतियोगिता में प्रतिभाग करके जीत हासिल करती थी।

पिता कृष्णपाल ने बताया कि शुरुआत में पारुल का अपनी बहन से ही मुकाबला होता था। दोनों ही 1,600 और 3,000 मीटर दौड़ती थी। पारुल की दिली इच्छा है कि उनके गांव का नाम उनके नाम पर जल्द से जल्द रखा जाए। बधाई देने वालों में संजय शर्मा, सूरजपाल पूर्व प्रमुख, करणपाल, कीर्ति शर्मा आदि मौजूद रहे।

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