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सिल्वर जुबली बैच के छात्रों ने दिया उपहार; मरीजों को मिलेगी राहत, मेरठ मेडिकल कालेज में चलेगीं ई-एंबुलेंस

Meerut Medical College News मेडिकल कालेज में हर वर्ष सिल्वर जुबली बैच के छात्र विशेष समारोह का आयोजन करते हैं। पिछले माह वर्ष 1998 बैच के छात्रों ने यह समारोह आयोजित किया था। सिल्वर जुबली बैच के छात्र मेडिकल कालेज को उपयोगी वस्तुएं दान भी देते हैं। अब तक मरीज स्ट्रेचर से ही एक से दूसरी मंजिल पर ले जाए जाते हैं।

By Praveen Vashistha Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 03 Jan 2024 03:15 PM (IST)
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सिल्वर जुबली बैच के छात्रों ने दिया उपहार; मरीजों को मिलेगी राहत, मेरठ मेडिकल कालेज में चलेगीं ई-एंबुलेंस
जागरण संवाददाता, मेरठ। मेरठ मेडिकल कालेज में अब मरीजों को वार्ड या जांच के लिए लाने-ले जाने में ई-एंबुलेंस का उपयोग होगा। दो ई-एंबुलेंस मेडिकल कालेज के वर्ष 1998 बैच के छात्रों ने दान दी हैं। इनकी चाबी उन्होंने प्राचार्य डा. आरसी गुुप्ता को सौंपी।

सिल्वर जुबली बैच के छात्रों ने दिया उपहार

मेडिकल कालेज की परंपरा के अनुसार हर वर्ष सिल्वर जुबली बैच के छात्र विशेष समारोह का आयोजन करते हैं। पिछले माह वर्ष 1998 बैच के छात्रों ने यह समारोह आयोजित किया था। इसी के साथ सिल्वर जुबली बैच के छात्र मेडिकल कालेज को उपयोगी वस्तुएं दान भी देते हैं।

इस बार 1998 बैच के छात्रों ने दो ई-एंबुलेंस देने का निर्णय लिया। मंगलवार को ओएसए (ओल्ड स्टूडेंड एसोसिएशन) 2023 बैच 1998 के सचिव डा. राजकुमार बजाज, अध्यक्ष डा. अजय मलिक, कोषाध्यक्ष डा. तरुण राजपूत, डा. श्वेता शर्मा और डा. तेजिंदर जग्गी आदि ने दाेनों ई-एंबुलेंस की चाबी प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता को सौंपी। डा. गुप्ता ने पुरातन छात्रों के इस कदम की प्रशंसा की।

स्ट्रेचर से जाते हैं मरीज

डा. राजकुमार बजाज ने बताया कि इन एंबुलेंस की मदद से मेडिकल कालेज में मरीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान विशेषकर रैंप के माध्यम से दूसरी और तीसरी मंजिल तक ले जाने में आसानी होगी। अभी तक इसके लिए स्ट्रेचर का उपयोग किया जाता है। इस दौरान डा. ज्ञानेश्वर टोंक, डा. अलका गुप्ता, डा. नवरत्न और डा. दिवाकर आदि उपस्थित रहे।

पिछले साल मेडिकल कालेज में बचाई सर्पदंश से पीड़ित 65 मरीजों की जान

मेरठ मेडिकल कालेज में बीते वर्ष में सर्पदंश से पीड़ित 65 मरीजों की जान बचाने में सफलता मिली। मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डा. वीडी पांडे ने बताया कि मेडिकल कालेज में सर्पदंश से पीड़ित मरीजों की चिकित्सा की व्यवस्था है। बीते वर्ष कई मरीज गंभीर अवस्था में भर्ती हुए थे।

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अफरोज नाम के मरीज को तो वाइपर जाति के बहुत ही जहरीले सर्प ने काट लिया था। उसके शरीर के कई हिस्सों से खून बह रहा था और बेहोशी की हालत में भर्ती कराया गया था। उसका सफल उपचार डा. आभा गुप्ता और डा. सूर्य किरण की टीम ने किया।

हापुड़ निवासी इंदु को क्रेट जाति के सांप ने काटा था। उसे सांस लेने में गंभीर समस्या थी। उसका वेंटीलेटर पर रखकर कई दिनों तक उपचार किया गया। उपचार के उपरांत उसे घर भेजा गया। अर्जुन निवासी मेरठ को कोबरा ने काटा था।

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डा. श्वेता शर्मा और डा. विवेक ऋषि की टीम ने उसका सफल उपचार किया। डा. वीडी पांडे ने कहा कि सर्पदंश से उपचार की सुविधा मेडिकल कालेज में उपलब्ध है। तीमारदारों को यह ध्यान रखना चाहिए कि सांप के काटने की जगह के ऊपर का हिस्सा तत्काल बांध दें, जिससे जहर शरीर में न फैले। मरीज को सोने नहीं दें। झाड़-फूंक के चक्कर न पड़कर मरीज को जल्द से जल्द मेडिकल कालेज ले आएं।

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