Good News : छावनी में मिल सकता है जमीन का मालिकाना हक Meerut News
यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जल्द ही कैंट क्षेत्र में रहने वाले लोग भी जमीन पर मालिकाना हक पा सकेंगे। इसे लेकर रक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी गई।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ सहित पूरे देश की छावनियों में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर आने वाली है। अभी तक केवल बिल्डिंग पर हक रखने वाले लोगों को जमीन पर भी मालिकाना हक मिल सकता है। इसे लेकर रक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी गई। अगर रिपोर्ट पर मुहर लग जाती है तो छावनी में जमीनों को लोग फ्री होल्ड करा सकेंगे।
सुमित बोस ने तैयार की रिपोर्ट
मेरठ सहित सभी 62 छावनियों को देखने के बाद सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी सुमित बोस ने रिपोर्ट तैयार की है। इसमें छावनी क्षेत्र की सम्पत्तियों के स्वामित्व हस्तांतरण की मंजूरी दी गई है। अभी तक छावनी की जमीन भारत सरकार की है। जिसे बेचने, खरीदने की अनुमति नहीं है। हालांकि मौजूदा कैंट एक्ट में सेना बदलाव नहीं चाहती है। आशंका जताई जा रही है अगर ऐसा हुआ तो छावनी में फ्री होल्ड कराने में अमीरों का फायदा होगा।
छावनी के अस्तित्व पर भी खतरा
बोस की रिपोर्ट में लैंड पालिसी में बदलाव की बात कही गई है। तो दूसरी ओर सेना ने छावनी को सर्विस चार्ज देने से मना कर दिया है। इससे छावनी के सामने बजट की समस्या आने लगी है। मेरठ छावनी में भी वित्तीय संकट है। सेना छावनी में सैन्य क्षेत्र का प्रबंधन अपने हाथों में लेकर शेष सिविल क्षेत्र को नगर निगम क्षेत्र में करना चाहती है। अगर ऐसा हुआ तो छावनी के सिविल क्षेत्र नगर निगम की सीमा में आ सकते हैं।
कैंट में 10 सम्पत्तियों की लीज खारिज
छावनी क्षेत्र में 10 सम्पत्तियों की लीज खारिज कर दी गई है। इन सभी सम्पत्तियों को कई बार एक दूसरे को बेचा गया है। बार-बार नोटिस के बाद भी सम्पत्ति के कब्जेदारों ने दावा नहीं पेश किया। इसे देखते हुए सिविल एरिया कमेटी ने लीज को खारिज करने का निर्णय लिया है। अब कैंट बोर्ड इन सभी सम्पत्तियों को वापस लेने की कार्रवाई करेगा। छावनी में कई सम्पत्तियों की लीज की अवधि खत्म हो चुकी है। लीज की प्रापर्टी को रिन्यूवल करने के लिए दिसंबर तक का समय दिया गया है। इसमें बहुत सी सम्पत्तियों में जिन शतरे पर लीज दी गई थी, उसमें काफी बदलाव हुआ है।
प्रस्ताव मध्य कमान को भेजा जाएगा
कब्जेदारों ने लीज की प्रापर्टी में चेंज आफ परपज, सब डिविजन कर दिया है। इस तरह की लीज को खारिज किया जा रहा है। सिविल एरिया कमेटी की सहमति के बाद कैंट बोर्ड ने 10 सम्पत्तियों की लीज को आगे नहीं बढ़ाया है। इन सभी की ओर से लीज के नवीनीकरण को लेकर कोई दावा नहीं किया गया। कैंट बोर्ड इसका प्रस्ताव बनाकर मध्य कमान को भेजेगा। पीपी एक्ट के तहत सभी सम्पत्तियों को कैंट बोर्ड अपने कब्जे में करेगा।