CCSU : 300 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप संग दीवारों पर चिपकाए 'विलेंस ऑफ सीसीएसयू' के पोस्टर
सीसीएसयू की दीवारों से लेकर कृष्ण प्लाजा की दीवारों तक पोस्टर लगाए गए हैं। इसमें पांच लोगों के नाम और तस्वीर लिखते हुए पांचों द्वारा सीसीएसयू का 300 करोड़ रुपए गबन का आरोप लगाया गया है। बीच में कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला के साथ पुस्तकालय अध्यक्ष इंजीनियर वित्त अधिकारी और नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर के नाम लिखे हैं। पोस्टर की हेडलाइन विलेंस ऑफ सीसीएसयू लिखा है।
जागरण संवाददाता, मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में 300 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाते हुए सीसीएसयू की दीवारों और आसपास के क्षेत्रों में पोस्टर लगाए गए हैं। विश्वविद्यालय परिसर की दीवारों से लेकर कृष्णा प्लाजा की दीवारों तक लगाए गए कई पोस्टर में सीसीएसयू के पांच प्रमुख अधिकारियों पर 300 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया है।
पोस्टरों में 'विलेंस ऑफ सीसीएसयू' की हेडलाइन के साथ कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला, पुस्तकालय अध्यक्ष प्रोफेसर जमाल अहमद सिद्दीकी, इंजीनियर मनीष मिश्रा, वित्त अधिकारी रमेश चंद्र निरंजन और नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर संदीप अग्रवाल के नाम और तस्वीरें प्रकाशित की गई हैं। इन पांचों पर विश्वविद्यालय के 300 करोड़ रुपये गबन करने का आरोप लगाया गया है।
पोस्टर के सार्वजनिक होने पर हलचल
पोस्टरों के सार्वजनिक होने के बाद विश्वविद्यालय परिसर में हलचल मच गई है। छात्रों और अन्य संबंधित लोगों में इस मामले को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, प्रशासन जल्द ही इस मामले पर स्पष्टीकरण दे सकता है।
घोटाले के आरोपों से जुड़े पोस्टर लगाने वालों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है, लेकिन इस घटना ने विश्वविद्यालय के प्रशासन और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दीवारों तक ऐसे पोस्टर लगाए।
फैकल्टी सदस्यों में नाराजगी
सीसीएसयू के छात्रों और फैकल्टी सदस्यों में भी इस घटनाक्रम को लेकर नाराजगी है और वे इन आरोपों की पूरी जांच की मांग कर रहे हैं। प्रशासन पर आरोप लगाने वाले इन पोस्टरों ने विश्वविद्यालय के माहौल को गरमा दिया है।
छात्रों ने दिया धरना, किए प्रदर्शन
सोमवार को सीसीएसयू परिसर में छात्रों के दो गुटों ने धरना देते हुए प्रदर्शन किया। सीसीएसयू में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए छात्रों ने बीएड कॉलेजों पर कार्रवाई की मांग की और कुलसचिव कार्यालय में धरना दिया। कुलसचिव कार्यालय में नहीं थे। वह लखनऊ में एक बैठक में गए हैं।