Prakash Mehra: फिल्मी कहानी जैसी रही प्रकाश मेहरा की असल जिंदगी, नाना की तिजोरी से 13 रुपये लेकर पहुंचे थे मुंबई
Prakash Mehra Death Anniversary बालीवुड के मशहूर निर्माता-निर्देशक प्रकाश मेहरा का जन्म उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर में हुआ था। उन्होंने बालीवुड में खास पहचान बनाई। 17 मई 2009 को मुंबई में उनका देहांत हो गया था। बिजनौरवासी आज भी उन्हें आदर और गर्व के साथ याद करते हैं।
By Parveen VashishtaEdited By: Updated: Tue, 17 May 2022 08:00 AM (IST)
बिजनौर, कपिल कुमार। बालीवुड के निर्माता-निर्देशक प्रकाश मेहरा की असल जिंदगी में भी फिल्मी कहानी जैसे उतार-चढ़ाव रहे। 15 साल की उम्र में घर छोड़कर मुंबई चले जाना...वहां नाई की दुकान पर चाकरी और मायानगरी में काम खोजने की जिद्दोजहद। इच्छाशक्ति प्रबल थी और कुछ करने का जज्बा भी। आज के महानायक अमिताभ बच्चन के भाग्य के सितारे उन दिनों गर्दिश में थे। दोनों ने हाथ मिलाया तो दोनों के ही सितारे बुलंद हो गए।
बिजनौर के मोहल्ला खत्रियान में हुआ था जन्म
प्रकाश मेहरा का जन्म 13 जुलाई 1939 को बिजनौर के मोहल्ला खत्रियान में अपने नाना छैल बिहारी खन्ना के घर में हुआ था। उन्हें बचपन से ही रेडियो पर गाने सुनने का शौक था। एक रोज वह बालीवुड में काम करने का सपना लेकर अपने नाना की तिजोरी से 13 रुपये चोरी कर मुंबई भाग गए। इतने छोटे बालक को बालीवुड में तो काम नहीं मिला। वह बिजनौर के कल्लू नाई के पास रहकर मुंबई में काम करने लगे। नाना उन्हें तलाशते हुए मुंबई पहुंचे और समझाकर वापस ले आए। कुछ दिन बाद वह फिर मुंबई निकल गए।
अमिताभ की फिल्में लगातार हो रहीं थीं फ्लाप, फिर मिले प्रकाश मेहरा
प्रकाश मेहरा के ममेरे भाई राजेश खन्ना बताते हैं कि कल्लू नाई की दुकान पर काम करते हुए उनकी पहचान कुछ निर्माता-निर्देशकों से हुई। इसके बाद उन्होंने एक, दो फिल्मों की कहानी लिखी। 1972 में फिल्म ‘समाधि’ और ‘मेला’ का निर्देशन किया। उनके एक दोस्त ने 25 हजार रुपये की मदद की तो खुद फिल्म निर्माण की ठान ली। उस समय अमिताभ बच्चन की फिल्में लगातार फ्लाप हो रही थीं। ‘जंजीर’ फिल्म को लेकर प्रकाश मेहरा अमिताभ बच्चन से मिले और कहा-निर्माता के रूप में उनकी यह पहली फिल्म है, दोनों साथी जोखिम लेकर देखते हैं। जंजीर की सफलता के बाद दोनों बालीवुड में स्थापित हो गए।
आखिरी बार 1988 में मोहल्ला खत्रियान के मकान में आए थे प्रकाश मेहरामोहल्ला खत्रियान में जिस मकान में प्रकाश मेहरा जन्मे, वह आज भी है। उनके ममेरे भाई राजेश खन्ना बताते हैं कि प्रकाश कई बार बिजनौर आए। आखिरी बार 1988 में यहां आना हुआ। अपने बिजनौर आगमन के समय वह एक बार एक शादी समारोह में भी शामिल हुए थे। यह फोटो आज भी उनके पास है।
मामा से ही करा दिया था विलेन का रोलप्रकाश मेहरा समय के पाबंद थे। मुंबई में फिल्म ‘खून पसीना’ की शूटिंग के वक्त विलेन की भूमिका निभाने वाला कलाकार समय पर नहीं पहुंचा। उसी दौरान प्रकाश मेहरा के मामा उनके पास मुंबई गए हुए थे। प्रकाश ने मामा को ही विलेन का गेटअप देकर शूटिंग कर ली थी। उन्होंने फिल्म ‘घुंघरू’के एक गीत की शूटिंग बिजनौर बैराज स्थित ‘शीशमहल’ में की थी। 17 मई 2009 को मुंबई में प्रकाश मेहरा का देहांत हो गया।
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