पुजारी का शव रखकर तीन घंटे तक लगाया जाम, जमकर हुआ हंगामा, एसओ, एसएसआइ लाइन हाजिर
माथे पर तिलक और गले में भगवा पटका डालने पर दूसरे संप्रदाय ने कांति प्रसाद की हत्या कर दी गई थी। मंदिर कमेटी उपाध्यक्ष का शव तीन घंटे तक सड़क पर रखकर जाम लगाया।
By Prem BhattEdited By: Updated: Wed, 15 Jul 2020 09:03 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। भावनपुर के अब्दुलापुर में शिव मंदिर कमेटी के उपाध्यक्ष (पुजारी) की हत्या के विरोध में बुधवार को हिंदू संगठन के लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। एसओ व एसएसआइ के खिलाफ कार्रवाई व स्वजनों को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर पुजारी का शव रखकर जाम लगा दिया। जमकर हंगामा हुआ। कैंट के भाजपा विधायक भी पहुंच गए। मामला गंभीर होते देख अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया। शाम को एसएसपी ने एसओ संजय कुमार और एसएसआइ को लाइन हाजिर कर दिया।बिजली का बिल जमा करवाने गए थे पुजारी
भावनपुर के अब्दुलापुर बाजार में शिव मंदिर की दुकानों में कांति प्रसाद प्रसाद बेचते थे। साथ ही मंदिर की साफ सफाई के साथ कमेटी में उपाध्यक्ष व पुजारी भी थे। गत सोमवार को कांति प्रसाद गंगानगर से बिजली का बिल जमाकर लौट रहे थे। ग्लोबल सिटी के समीप गांव के ही मुस्लिम समुदाय के अनस ने उनके माथे पर लगे तिलक और गले में डाले गए भगवा पटके पर टिप्पणी कर दी। विरोध करने पर अनस ने कांति प्रसाद को इतना पीटा कि बाद में मंगलवार को उनकी अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने हत्या एवं धार्मिक टिप्पणी करने के आरोप में अनस को जेल भेज दिया। आरोप है कि उसके बाद अनस पक्ष के कुछ लोग कांति प्रसाद के घर पर आए और तमंचा तानकर समझौते का दबाव बनाया। पीडि़त परिवार ने इसकी भी तहरीर दे दी। आरोप लगाया कि थाने का हिस्ट्रीशीटर नदीम मेवाती के इशारे पर सबकुछ हो रहा था। उसके बाद भी पुलिस ने नदीम मेवाती को गिरफ्तार नहीं किया।
आर्थिक सहायता की मांग तेज
बुधवार सुबह हिंदू संगठन के बलराज डूंगर, निमेश वशिष्ठ, युवा मोर्चा के विनस कुमार, मुकेश, अमित शर्मा, गुलवीर और अंकित बंसल समेत काफी लोग अब्दुलापुर चौराहे पर एकत्र हो गए। शव रखकर जाम लगाने के बाद पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल भी पहुंच गए। उनकी मांग थी कि कांति प्रसाद के परिवार को धमकी देने वाले आरोपित पकड़े जाए, साथ ही पूरे मामले में अपराधियों को संरक्षण देने वाला नदीम मेवाती भी गिरफ्तार हो। उसके बाद पीडि़त परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए। एसओ को सस्पेंड तथा एक दारोगा को लाइन हाजिर किया जाए। विधायक ने एसएसपी से फोन पर बात की। कप्तान ने एसओ और दारोगा को हटाने का भरोसा दिया। एसीएम अंकित कुमार ने पीडि़त परिवार को सीएम राहत कोष से मदद दिलाने की बात कही। करीब तीन घंटे बाद हिंदू संगठन के लोगों ने जाम खोल दिया। उसके बाद पुलिस सुरक्षा में कांति प्रसाद के शव का अंतिम संस्कार किया गया।
एक जेल में भी डाला गया
पुलिस ने हत्यारोपित को जेल भेज दिया है। धमकी देने वाले आरोपितों पर भी मुकदमा दर्ज हो गया है। परिवार को आर्थिक सहायता मिले, उसके लिए संस्तुति की गई है। एसओ और एसएसआइ को लाइन हाजिर कर दिया गया है। - अजय साहनी, एसएसपी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।