मेरठ में अब गीला-सूखा कचरा अलग-अलग न देने पर लगेगा जुर्माना, जानिए निगम के नए नियम
यह मेरठ नगर निगम की नई कवायद है। कूड़ा कलेक्शन के दौरान डोर टू डोर कूड़ा गाड़ी को गीला-सूखा कचरा अब अलग-अलग देना होगा। ऐसा न करने पर भवन स्वामी से सालिड वेस्ट मैनेजमेंट-2016 के तहत अब 200 रुपये जुर्माना वसूला जाएगा।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ शहर में स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के मानकों को पूरा करने के लिए नगर निगम ने कमर कस ली है। कूड़ा कलेक्शन के दौरान डोर टू डोर कूड़ा गाड़ी को गीला-सूखा कचरा अब अलग-अलग देना होगा। ऐसा न करने पर भवन स्वामी से सालिड वेस्ट मैनेजमेंट-2016 के तहत अब 200 रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। नगर निगम अंतर्गत 90 वार्डों में लगभग 160 डोर टू डोर कूड़ा गाड़ियों से घर-घर कचरे का कलेक्शन किया जाता है। डोर टू डोर कूड़ा गाड़ियों में सूखा और गीला कचरा अलग-अलग लेने की व्यवस्था है। लेकिन शहर के लोग घरों पर अलग-अलग कचरा न एकत्र कर एक ही डस्टबिन में दोनों तरह का कचरा रखते हैं।
कड़ाई से होगा पालन
नगर आयुक्त मनीष बंसल ने इस परिपाटी को बदलने की ठान ली है। जहां सड़क और नालों में गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माने की कार्रवाई तेज कर दी गई है, वहीं अब गीला-सूखा कचरा अलग-अलग डोर टू डोर कूड़ा गाड़ी में कलेक्ट किया जाएगा। सफाई एवं खाद्य निरीक्षक, सफाई नायक और डोर टू डोर कूड़ा गाड़ी में चलने वाले कर्मचारी यह सुनिश्चित करेंगे। नगर निगम की स्वच्छता उपविधि में गीला-सूखा कचरा अलग-अलग न देने पर 200 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। अब इस प्रावधान का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
जुर्माने से बचने के लिए शहर वासियों को यह करना होगा
- घरों, दुकान और बड़े प्रतिष्ठानों में दो डस्टबिन हरे और नीले रंग के रखने होंगे। हरे में गीला और नीले डस्टबिन में सूखा कचरा रखना होगा।
- गीला कचरा हरे डस्टबिन में रखना है। जिसमें सब्जी की छिलके, फलों का अपशिष्ट, अंडे के छिलके, खराब व बचा भोजन, खराब दही आदि को रखना है।
- सूखा कचरा नीले डस्टबिन में रखना है। जिसमें प्लास्टिक, बोतलें, कागज कप, प्लेट, पैकेट अखबार, डिब्बे, बाक्स, पुराने कपड़े आदि को रखना है।
- सुबह घर पर नगर निगम की डोर टू डोर कूड़ा गाड़ी पहुंचने पर गीला और सूखा कचरा गाड़ी में बने अलग-अलग खाने में डालना होगा।
कि सी भी दशा में भवन स्वामी या किराएदार, दुकानदार को गीला-सूखा कचरा सड़क-नाले-नालियों में नहीं फेंकना होगा। इसे डस्टबिन में ही रखना होगा।
मेडिकल वेस्ट भी अलग देना होगा
वहीं नगर निगम की कूड़ा गाड़ियों में मेडिकल वेस्ट के कलेक्शन के लिए भी अलग बाक्स बनाया गया है। घरों में मौजूद मेडिकल वेस्ट जैसे दवाइयों के रैपर, खराब व बची दवाएं, पट्टी, इंजेक्शन की शीशी, सिरींज समेत अन्य मेडिकल वेस्ट को नगर निगम की कूड़ा गाड़ी के साथ आए कर्मचारी को एक थैले में अलग से देना होगा।