Video : हिंसा में मृत लोगों के परिवार से मिलने मेरठ आ रहे राहुल-प्रियंका को पुलिस ने दिल्ली लौटाया
प्रियंका ने मीडिया से कहा कि हम हिंसा पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे थे लेकिन मेरठ में धारा 144 का हवाला देकर पुलिस ने जाने नहीं दिया। हमें उनसे मिलने से रोका गया।
By Taruna TayalEdited By: Updated: Tue, 24 Dec 2019 09:57 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में शुक्रवार को हुई हिंसा में मारे गए छह लोगों के परिवारीजन से मिलने आ रहे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को मेरठ पुलिस ने मंगलवार को परतापुर थाने के पास रोक दिया। पुलिस के आग्रह पर वे दिल्ली लौट गए। बिजनौर के बाद अब मेरठ आ रहीं प्रियंका गांधी ने फोन पर ही हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से बात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि वे उनके साथ हैं। जल्द मिलने भी आएंगी।
दिल्ली लौटने से पहले प्रियंका ने मीडिया से कहा कि हम हिंसा पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे थे, लेकिन मेरठ में धारा 144 का हवाला देकर पुलिस ने जाने नहीं दिया। हमें उनसे मिलने से रोका गया। हम कोई टकराव नहीं चाहते हैं, इसलिए लौट रहे हैं। उन्होंने कानून-व्यवस्था पर तंज भी कसा और कहा कि नागरिकता संशोधन कानून की आग में जबरन लोगों को झोंका जा रहा है।
राहुल गांधी से जब पूछा गया कि क्या भाजपा सरकार आपको जनता तक पहुंचने से रोकना चाहती है, तो वे बस इतना बोले कि अब आप ही देख लीजिए, यहां क्या हो रहा है। राहुल बोले, पुलिस से रोके जाने का हमने आदेश मांगा, लेकिन उन्होंने आदेश नहीं दिखाया। बस लौट जाने को कहते रहे।
काफिले के वाहन से कुचलने से बचे सीओ
इससे पहले राहुल-प्रियंका के काफिले को जब मोहिउद्दीनपुर में सीओ ब्रह्मपुरी चक्रपाणि त्रिपाठी ने रोकने का प्रयास किया तो एक वाहन से वह कुचलने से बाल-बाल बचे। सीओ हट गए, वरना दुर्घटना घट सकती थी। बाद में परतापुर थाने के पास घेराबंदी कर उन्हें रोका गया और वहीं से उन्हें दिल्ली भेजा गया।
पुलिस-प्रशासन राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा को मेरठ सीमा पर मोहिउददीनपुर के पास ही रोकने की तैयारी में था। इसलिए खरखौदा की तरफ से आने पर भी उन्हें रोकने के लिए पुलिस बल तैनात थी, लेकिन जैसे ही पुलिस ने मोहिउददीनपुर के पास राहुल प्रियंका की गाड़ी को रोकने का प्रयास किया, काफिले में मौजूद सुरक्षाकर्मियों की गाड़ी ने सीओ और पुलिसकर्मियों को धक्का दिया आगे निकल गए। सीओ का कहना है कि वे बातचीत के लिए उन्हें रोकने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन ऐस लगा कि गाड़ी उन्हें टक्कर मार देगी। इसके बाद वे आगे निकल गए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें परतापुर पर रोका और दिल्ली वापस लौटाया।
दर्द बांंटने आए थेइमरान मसूद ने कहा कि हम हंगामा खड़ा करने नहीं आए थे। पीड़ितों को न्याय दिलाने और दर्द बांटने आए थे। दो दिन बाद राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा दोबारा आएंगे। कहा कि परतापुर पर रोके जाने के बाद परिजनों से प्रियंका वाड्रा ने फोन पर बात की है।
पुलिस ने जब परतापुर थाने के पास काफिला रोका और धारा 144 के उल्लंघन की बात की तो दोनों पक्षों के बीच ऑर्डर की कॉपी को लेकर बहस चली। लगभग पांच मिनट की बातचीत के बाद राहुल गांधी ने लौट जाने का निर्णय किया। उनके साथ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी भी थे। प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह सबकुछ भाजपा के इशारे पर किया जा रहा है। प्रदेश की भाजपा सरकार हमें पीड़ित परिवार से नहीं मिलने दे रही है। उधर खत्ता रोड पर राहुल व प्रियंका वाड्रा के इंतजार में मृतक मोहसिन के घर के बाहर लोग जमा हो गए थे और बेसब्री से राहुल व प्रियंका वाड्रा का इंतजार कर रहे थे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।