राकेश टिकैत का बड़ा बयान, बोले- TET की परीक्षा टीचर देंगे तो अधिकारियों को भी पढ़ना होगा ‘क’ से कबूतर
Meerut News भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने टीईटी अनिवार्यता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य है तो अधिकारियों के लिए भी हिंदी वर्णमाला परीक्षा अनिवार्य होनी चाहिए। सरकार से शिक्षकों के हित में सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का आग्रह किया। उन्होंने शिक्षकों को आंदोलन जारी रखने की सलाह दी और बरेली विवाद पर भी अपनी राय रखी।

जागरण संवाददाता, मोदीपुरम (मेरठ)। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) को अनिवार्य करने के फैसले पर कहा कि शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए अगर, टीईटी अनिवार्य होगी तो तमाम अधिकारियों को भी ‘क’ कबूतर ‘ख’ खरगोश यानि हिंदी वर्णमाला के नाम की परीक्षा को पास करना अनिवार्य होना चाहिए। शिक्षक सभी मानकों को पूरा करने के बाद भर्ती हुआ है लेकिन अब अब उन्हें टीईटी की परीक्षा देनी होगी। प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील याचिका दायर करे।
शिक्षक महापंचायत को किया सम्बोधित
रविवार को भाकियू के शिक्षक प्रकोष्ठ के बैनर तले दून हाईवे स्थित नारायण फार्म हाउस में आयोजित शिक्षक महापंचायत को सम्बोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि शिक्षकों के लिए टीईटी परीक्षा अनिवार्य करने संबंधी कोर्ट के आदेश को कई दिन बीत गए पर अभी तक प्रदेश सरकार द्वारा अपील दायर न करना इस बात का प्रमाण है कि सरकार ही चाह रही है कि जो फेल होंगे उन्हें घर बैठाया जाएगा। जो परीक्षा में पास होंगे वह तो नौकरी कर लेंगे, मगर जिन शिक्षकों ने पुराने समय में नौकरी हासिल की अब वह कौन सी परीक्षा पास कर सकेंगे, उनकी तो नौकरी छूट ही जाएगी।
नौकरी छूटने पर परिवार में झगड़ा होगा। उन्होंने शिक्षकों को नसीहत दी कि वह इस आन्दोलन को ठंडा न होने दे। उन्होंने कहा कि बरेली में आइ लव मोहम्मद के नाम पर हुआ बवाल प्री प्लान था। जिसे हम आइ लव कहते हैं, वह हमारे दिल में है। भजन और भोजन दिखाने की चीज नहीं होती। जिस काम से विवाद पैदा हो वह नहीं होना चाहिए। कोई आइ लव मोहम्मद लिखेगा तो कोई आइ लव महादेव लिखेगा। सिर्फ आइ लव माई फ्लैग होना चाहिए।
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