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Ram Navami 2024: भव्य होगा रामनवमी का आयोजन, मेरठ में रहेंगे रामायण के 'राम'; शबरी को पूजेंगे अरुण गोविल

रामनवमी भी लगभग उसी श्रद्धाभाव और मनोहारी रूप से मनाई जाएगी जिस तरह से 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा पर कोना-कोना राममय था। तब धारावाहिक रामायण के राम अयोध्या में थे रामनवमी पर मेरठ में रहेंगे। वहां साधक और अभिनेता के रूप में पहुंचे थे अब यहां प्रत्याशी के रूप में शबरी और केवट को स्नेह बांटते हुए दिखेंगे।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Updated: Tue, 09 Apr 2024 03:17 PM (IST)
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भव्य होगा रामनवमी का आयोजन, मेरठ में रहेंगे रामायण के 'राम'

प्रदीप द्विवेदी, मेरठ। इस बार 17 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर मंदिरों में दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर भये प्रकट कृपाला, दीन दयाला... आरती आसमान में गुंजायमान होगी। साथ ही रामराज्य की समरसता को दर्शाती शोभायात्रा राजनीतिक चुनावी मार्ग पर चढ़ती दिखाई देगी।

रामनवमी भी लगभग उसी श्रद्धाभाव और मनोहारी रूप से मनाई जाएगी जिस तरह से 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा पर कोना-कोना राममय था। तब धारावाहिक रामायण के राम अयोध्या में थे, रामनवमी पर मेरठ में रहेंगे। वहां एक साधक और अभिनेता के रूप में पहुंचे थे, अब यहां प्रत्याशी के रूप में शबरी और केवट को स्नेह बांटते हुए दिखेंगे।

रामलला के विराजमान होने से हुआ खास

रामनवमी पर विश्व हिंदू परिषद की ओर से हर साल आयोजन होता है, लेकिन इस बार यह उत्सव विशिष्ट है। क्योंकि श्रीराम जन्म भूमि मंदिर में रामलला विराजमान हो चुके हैं। वैसे तो इसका उत्सव प्राण प्रतिष्ठा समारोह के रूप में मनाया जा चुका है, लेकिन जब विशिष्ट अवतार श्रीराम के जन्म की तिथि ठीक प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पड़ रही हो तब भव्य उत्सव स्वाभाविक हो जाता है। इस बार खास यह है कि शोभायात्रा की जो झांकी होगी उसमें श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, श्रीराम दरबार की झांकी के साथ सामाजिक समरसता का संदेश दिया जाएगा। इसमें राजा सूरजमल की झांकी रहेगी।

मेरठ में रहेगी चहलकदमी

जाट समाज ऐसे विशिष्ट योगदान वाले राजा को अपना नायक मानता है। मेरठ में क्रांति की ज्वाला जलाने वाले धन सिंह कोतवाल का योगदान दिखाया जाएगा। ऐसे नायक को गुर्जर समाज अपने गौरव से जोड़कर देखता है। महाराणा प्रताप, रानी लक्ष्मीबाई, छत्रपति शिवाजी का वेश धारण कर युवा सजे-धजे घोड़ों पर चहलकदमी करेंगे तो वहीं सामाजिक बदलाव के प्रतीक पुरुष डा. आंबेडकर, ज्योतिबा फुले जैसे व्यक्तित्व भी मान बढ़ाएंगे। वहीं महर्षि वाल्मीकि, संत रविदास की प्रतिमा पूजनीय स्थान पर विराजेगी।

पिछड़े, अनुसूचित वर्ग के घरों में जाएंगे टीवी के राम

धारावाहिक रामायण के राम अरुण गोविल मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं। वह इस अवसर को विशिष्ट बनाने के लिए शबरी और केवट को पूजते हुए अति पिछड़े, अनुसूचित वर्ग के घरों में पहुंचेंगे। गोविल कहते हैं कि भगवान श्रीराम की भूमिका पर्दे पर निभाने के बाद उनका पूरा जीवन बदल गया। एक अलग तरह की जिम्मेदारी बढ़ गई है। श्रीराम समानता, समरसता, न्याय और शासन के प्रतीक थे। इसलिए रामनवमी उनके लिए खास है। गोविल कहते हैं कि रामलला को अपने जन्म स्थान का मंदिर मिला तो उन्हीं की कृपा से उन्हें अपने जन्मस्थान से चुनाव लड़ने का अवसर मिला।

आज से शुरू हुआ रामोत्सव

विश्व हिंदू परिषद के महानगर प्रचार प्रमुख मधुसूदन आर्य ने बताया कि मंगलवार से ही रामोत्सव शुरू हो जाएगा। श्रीराम समरसता के प्रतीक थे इसलिए शोभायात्रा में सभी समाज के संतों, महापुरुषों, नायकों की झांकी शामिल की जाएगी।

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