Rapid Rail: मेट्रो की तरह रैपिड रेल भी 25 केवी बिजली से दौड़ेगी, दिल्ली से मेरठ तक पांच विद्युत उपकेंद्र
Rapid Rail देश के प्रथम दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस की पटरी पर रैपिड रेल 25 किलो वोल्ट बिजली से रफ्तार भरेगी। 82 किमी. लंबे कारिडोर पर स्थापित किए जा रहे पांच विद्युत उपकेंद्र शताब्दीनगर व मोदीपुरम में होगी स्थापना।
By Taruna TayalEdited By: Updated: Fri, 26 Aug 2022 12:07 PM (IST)
मेरठ, प्रदीप द्विवेदी। देश के प्रथम दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस की पटरी पर रैपिड रेल 25 किलो वोल्ट बिजली से रफ्तार भरेगी। मेट्रो और भारतीय रेल भी इतनी ही क्षमता की ओवरहेड विद्युत लाइन से दौड़ती हैं। 220 किलो वोल्ट बिजली रैपिड रेल कारिडोर के विद्युत उपकेंद्र (रिसीविंग स्टेशन) तक आएगी। वहां से 25 किलो वोल्ट की बिजली ट्रेनों के संचालन के लिए ओवरहेड विद्युत लाइन में दी जाएगी जबकि 33 किलो वोल्ट की बिजली स्टेशनों की तमाम जरूरतों के लिए इस्तेमाल की जाएगी। 25 केवी और 33 केवी वाले दोनों वायर वायडक्ट तक एक साथ पहुंचाए जाएंगे। वहां से 25 केवी वाले वायर पोल द्वारा ट्रेन चलाने के लिए लगे ओवर हेड वायर पर पहुंचाया जाएगा जबकि 33 केवी वाला वायर स्टेशन, प्लेटफार्म आदि तक पहुंचाया जाएगा।
दिल्ली से मेरठ तक पांच विद्युत उपकेंद्रराष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) दिल्ली से मेरठ तक पांच विद्युत उपकेंद्र बना रहा है। 82 किमी. लंबे कारिडोर पर ये विद्युत सब स्टेशन दिल्ली के सराय काले खां, गाजियाबाद के मोरटा व मुरादनगर और मेरठ के शताब्दीनगर व मोदीपुरम में स्थापित किए जा रहे हैं। सभी उपकेंद्र 15-20 किमी की दूरी पर स्थापित किए जा रहे हैं। पर्यावरण के लिए अनुकूल आरआरटीएस के विद्युत सब स्टेशन भी आधुनिकतम ग्रीन बिल्डिंग की सुविधाओं से युक्त होंगे।
25 केवी लाइन पर खड़ी रैपिड रेलभविष्य में क्षमता विस्तार का रखा जा रहा ध्यान सभी विद्युत उप केंद्र सुरक्षा की दृष्टि से आबादी से दूर स्थापित किए जा रहे हैं। प्रत्येक उपकेंद्र लगभग तीन हजार वर्ग मीटर के क्षेत्र में बनाया जाएगा। इन्हें इस तरह विकसित किया जा रहा है कि भविष्य में बिजली की क्षमता भी बढ़ाई जा सके। वर्तमान में गाजियाबाद जिले के दोनों उपकेंद्र बनाए जा रहे हैं क्योंकि साहिबाबाद से दुहाई तक प्रथम चरण में रेल संचालन होगा।
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