Move to Jagran APP

बागपत में नलकूप मिस्त्री की दाव से प्रहार कर निर्मम हत्या, शराब पीते समय हुआ विवाद

नलकूप मिस्त्री की दाव (धारदार हथियार) से प्रहार कर निर्मम हत्या की गई। संपर्क मार्ग पर मिस्त्री का शव तथा पास में ही रक्तरंजित दाव पड़ा मिला। पुलिस का दावा है कि शराब पीते समय विवाद होने पर एक नलकूप के स्वामी ने मिस्त्री का कत्ल किया।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 01:14 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 01:14 PM (IST)
शराब पीते समय हुआ विवाद, नलकूप स्वामी ने की वारदात।

बागपत, जागरण संवाददाता। नलकूप मिस्त्री की दाव (धारदार हथियार) से प्रहार कर निर्मम हत्या की गई। संपर्क मार्ग पर मिस्त्री का शव तथा पास में ही रक्तरंजित दाव पड़ा मिला। पुलिस का दावा है कि शराब पीते समय विवाद होने पर एक नलकूप के स्वामी ने मिस्त्री का कत्ल किया। आरोपित युवक को हिरासत में लिया गया है।

यह है मामला

ग्राम सुन्हैड़ा निवासी 45 वर्षीय अमरपाल पंवार पुत्र महावीर सिंह नलकूप मिस्त्री थे। उनका बुधवार सुबह लहूलुहान अवस्था में शव काठा-बंदपुर संपर्क मार्ग पर ग्राम काठा के पास पड़ा था। मौके पर राहगीरों की भीड़ एकत्र हो गई। पुलिस अफसरों ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की। कोतवाली पुलिस ने मिस्त्री अमरपाल के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए मर्चरी भेजा।

मिस्त्री अमरपाल के चचेरे भाई दीपक ने बताया कि तहेरे भाई अमरपाल को नलकूप ठीक कराने के लिए ग्राम काठा निवासी युवक अभिषेक मंगलवार शाम करीब छह बजे घर से अपने साथ ले गया था, लेकिन अमरपाल वापिस घर नहीं लौटे। उन्होंने पुलिस से केस के राजफाश की मांग की।

उधर कोतवाली प्रभारी ओमप्रकाश सिंह का कहना है कि आरोपित युवक अभिषेक को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने मिस्त्री अमरपाल की हत्या करना स्वीकार किया। अवगत कराया कि नलकूप ठीक करने के लिए मिस्त्री अमरपाल रात को खेत में रहे। देर रात उसने और अमरपाल ने मिलकर शराब पी। तभी किसी बात पर उन दोनों का विवाद हो गया। गुस्से में दाव से मिस्त्री अमरपाल पर प्रहार कर दिए। इससे अमरपाल की मृत्यु हो गई। कोतवाली प्रभारी का कहना है कि अभिषेक के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगा।

मिस्त्री अमरपाल के खिलाफ दर्ज हैं चार मुकदमें

कोतवाली प्रभारी ओमप्रकाश सिंह के मुताबिक मिस्त्री अमरपाल के खिलाफ वर्ष 2006 में आबकारी अधिनियम के तहत (शराब तस्करी) का मुकदमा दर्ज हुआ था। वर्ष 2007 और 2009 में 110 जी (मुचलका पाबंद) की कार्रवाई की। वर्ष 2018 में जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज हुआ था। अमरपाल वर्तमान में जमानत पर जेल से बाहर थे।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.