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बुलंदशहर: अपना मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर जिलाधिकारी के पास पहुंची कैलाशो देवी को देख अफसरों में खलबली

बुलंदशहर अपना मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर जिलाधिकारी के पास पहुंची कैलाशो देवी को देखकर अफसरों में खलबली मच गई। झूठा मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने पर वीडीओ पर गिरी गाज। डीएम से शिकायत करने पर सीडीओ ने कराई जांच।

By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 08:00 AM (IST)
सीडीओ के हस्तक्षेप पर जिंदा घोषित हुईं कैलाशो देवी।

बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। अपना मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर जिलाधिकारी के पास पहुंची कैलाशो देवी को देखकर अफसरों में खलबली मच गई। सीडीओ ने मामले की जांच के निर्देश दिए। इसके बाद झूठा मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। कैलाशो देवी का झूठा मृत्यु प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया है।

अनूपशहर ब्लाक के गांव दरावर निवासी वृद्धा कैलाशो देवी 21 जून को कलक्ट्रेट पहुंचीं। उन्होंने डीएम को बताया कि 2003 में उनके पति जगत सिंह की मौत हो गई थी। उस समय बड़ा पुत्र महेश बालिग था तथा दिनेश, रिंकू व राबिन नाबालिग थे। बड़ा होने के नाते घर के सभी काम महेश देखता था। महिला का कहना था कि गलत संगत के कारण बड़ा पुत्र उससे अभद्रता एवं मारपीट करने करने लगा। जमीन कब्जाने की नीयत से बड़े पुत्र ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर साजिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, लेखपाल और खंड विकास अधिकारी की मदद से पांच जनवरी, 2007 को मेरा मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी करा लिया। पीएम सम्मान निधि के पात्रों की सूची आने पर वर्तमान प्रधान ने पति का मृत्यु प्रमाण-पत्र मांगा। प्रमाण पत्र लेने के लिए वह बड़े पुत्र के पास गई। जल्दीबाजी में उसने मेरा ही मृत्यु प्रमाण-पत्र थमा दिया। मृत्यु प्रमाण-पत्र की फोटोकापी कराने दुकान पर पहुंची तो सच्चाई का पता चला। बड़े पुत्र से विरोध जताया तो उसने मारपीट कर भगा दिया। वृद्धा ने लिखित शिकायत कर मामले की जांच कराने की गुहार लगाई।

आरोपित ग्राम विकास अधिकारी निलंबित

सीडीओ अभिषेक पांडेय ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश दिए। खंड विकास अधिकारी अनूपशहर ने जांच की तो पता चला कि वर्तमान में दानपुर ब्लाक क्षेत्र में तैनात ग्राम विकास अधिकारी जयपाल सिंह उस समय दरावर गांव में सचिव थे। उन्होंने ही कूटरचित तरीके से वृद्धा कैलाशो देवी का झूठा मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी किया है। जांच में ग्राम विकास अधिकारी को दोषी पाया गया। जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) सुभाष नेमा ने ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच डिबाई बीडीओ को सौंपी है।

इन्होंने कहा...

जीवित वृद्धा का मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी करना बेहद गंभीर है। जांच में तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी जयपाल दोषी पाए गए हैं। उन्हें आरोप-पत्र जारी किया गया है। निलंबन के दौरान डिबाई ब्लाक में संबद्ध किया गया है।

- सुभाष नेमा, जिला विकास अधिकारी


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