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Shri Krishna Janmashtami: मेरठ के मंदिर महादेव में ठाकुर जी का होगा स्वर्ण आभूषणों से सिंगार, निकलेगी भव्‍य झांकी

Shri Krishna Janmashtami मेरठ सराफा में प्राचीन महादेव मंदिर में इस बार भगवान कृष्ण को हीरे और सोने के आभूषण अर्पित किए जाएंगे। मंदिर कमेटी सोमवार को दोपहर 12 बजे आभूषणों का पूजन करेगी। आभूषणों की कीमत लाखों में है।

By Himanshu DwivediEdited By: Updated: Mon, 30 Aug 2021 09:29 AM (IST)
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सोने व हीरो के आभूषणों से ठाकुर जी का होगा श्रृंगार।

जागरण संवाददाता, मेरठ। भक्तों में जन्माष्टमी पर्व को लेकर खूब उत्साह नजर आ रहा है। मंदिरों में झांकियों को सजाने के कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है। शहर सराफा में प्राचीन महादेव मंदिर में इस बार भगवान कृष्ण को हीरे और सोने के आभूषण अर्पित किए जाएंगे। मंदिर कमेटी सोमवार को दोपहर 12 बजे आभूषणों का पूजन करेगी। आभूषणों की कीमत लाखों में है। मंदिर कमेटी के प्रधान रमेश राठी, नरेश माहेश्वरी और संत कुमार वर्मा तैयारियों में जुटे रहे। कमेटी ने दो सितंबर को फूल डोल यात्र निकालने की अनुमति न मिलने पर रोष जताया है।

मंदिर बुंदेला के पास पिछले 100 वर्षो से सज रही झांकी इस बार भी सजेगी। सूरज गुप्ता ने बताया कि वह पिछले 14 सालों से वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर की तर्ज पर झांकी सजाते आ रहे हैं। सदर धानेश्वर महादेव मंदिर में कान्हा अष्ट सखियों के साथ विराजमान होंगे। अध्यक्ष सचिन गोयल ने बताया कि 56 भोग अर्पित किया जाएगा।

धूमधाम से मनाया जाएगा जन्‍मोत्‍सव, निकलेगी भव्‍य झांकी

संयुक्त व्यापार संघ के मंत्री अंकित गुप्ता ने बताया कि गंज बाजार शिव मंदिर में गुब्बारों से सजावट की गई है। रात साढ़े 11 बजे अभिषेक होगा। औघड़नाथ मंदिर में कान्हा का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। भगवान कृष्ण की 24 फुट ऊंची झांकी के दर्शन भक्तों को होंगे। 30 अगस्त को रात 11.37 बजे 108 कमल के पुष्पों से श्री राधा गो¨वद का अभिषेक होगा। चरणामृत का वितरण किया जाएगा। भाटवाड़ा बाग स्थित श्री ब्रह्मभट्ट शिवाला ट्रस्ट ने जन्माष्टमी पर्व रविवार को मनाया। आचार्य सुनील दत्त त्रिवेदी ने कोरोना महामारी से मुक्ति की प्रार्थना की।

कान्हा के स्वागत में जमकर की खरीदारी

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की तैयारी और उनके स्वागत के लिए लोगों ने रविवार को दिनभर बाजारों में खरीदारी की। लड्डू गोपाल की सेवा और साज श्रृंगार में कोई कमी न रहे, इसलिए भक्तों ने कान्हा की पोशाक, झूले, रेशम के धागे से बनी रंग बिरंगी पगड़ी, मोर मुकुट, बांसुरी, मोर पंख, केश, कुंडल, कंगन आदि जरूरत का सामान सभी कुछ खरीद डाला। आखिर सोमवार को जग का पालनहार जन्म लेगा। इस बार जन्माष्टमी पर्व पर न सिर्फ बाजारों में खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही हैं, बल्कि मंदिरों को भी भव्य रूप से सजाया गया है।

जानिए शुभ योग व मूहुर्त

जन्माष्टमी पर इस बार वैसे ही शुभ योग हैं जो द्वापर युग में भगवान कृष्ण के जन्म के समय में थे। गृहस्थ और संन्यासी सोमवार को ही जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे। बिल्वेश्वर संस्कृत महाविद्यालय के ज्योतिष विभाग के अध्यक्ष डा. भारत भूषण चौबे ने बताया कि 30 अगस्त को अष्टमी रात 12.14 बजे तक है। रोहिणी नक्षत्र भी सुबह 6.49 बजे से है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के श्री कृष्ण जन्म खंड में उल्लेख है कि सोमवार और रोहिणी नक्षत्र का योग अत्यंत दुर्लभ होता है। इसे जयंती योग कहते हैं इसमें व्रत करना ही श्रेयस्कर होता है। मध्याह्न् में जल में काले तिल डालकर स्नान करें और चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अघ्र्य दें। सोमवार की रात 11.36 बजे पूजन का विशेष योग है।