बिजनौर: चीनी मिलों के बंद होते ही दबेगा बिजली संकट का 'बटन'
बिजनौर की छह चीनी मिल यूपीपीसीएल को देती हैं बिजली। चीनी मिलें इस महीने के अंत तक बंद होना शुरू हो जाएंगी। इससे न सिर्फ बिजली का उत्पादन घटेगा बल्कि उल्टे चीनी मिलों को भी अपने खर्च की बिजली के लिए ऊर्जा निगम पर निर्भर रहना पड़ेगा।
By Taruna TayalEdited By: Updated: Fri, 06 May 2022 08:00 AM (IST)
बिजनौर, अजीत चौधरी। बिजली का संकट भविष्य में और गहरा सकता है। हालांकि, कुल उत्पादन और खपत में अंतर इसका अहम कारण है लेकिन चीनी मिलों के बंद होने के बाद बिजली की समस्या और विकराल हो सकती है। जिले में छह चीनी मिल उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन को भी प्रतिदिन 500 मेगावाट बिजली बेचते हैं। यह बिजली निगम के माध्यम से उपभोक्ताओं को मिलती है। चीनी मिलें इस महीने के अंत तक बंद होना शुरू हो जाएंगी। इससे न सिर्फ बिजली का उत्पादन घटेगा बल्कि उल्टे चीनी मिलों को भी अपने खर्च की बिजली के लिए
ऊर्जा निगम पर निर्भर रहना पड़ेगा। इससे बिजली संकट के साथ-साथ बिजलीघरों पर अतिरिक्त लोड भी बढ़ जाएगा।जिले में नौ चीनी मिलों में से छह मिलों के खुद के पावर हाउस हैं। इनमें पैदा होने वाली बिजली से मिलों की मशीनें चलती हैं। चीनी मिलों में प्रयोग के बाद शेष बिजली ऊर्जा निगम को बेच दी जाती है। ऊर्जा निगम से यह बिजली उपभोक्ताओं को मिलती है। केवल तीन चीनी मिल ही अपने काम के लिए निगम से बिजली लेती हैं। चीनी मिलों में गन्ना पेराई का आखिरी समय चल रहा है। जल्दी ही मिलें बंद होनी शुरू हो जाएंगी। मई में इक्का-दुक्का चीनी मिल ही पेराई करेंगी। मिलों में पेराई सत्र पूरा होने के बाद इनके पावर हाउस में बिजली उत्पादन बंद हो जाता है। इसके बाद चीनी मिलें बिजली के लिए खुद ऊर्जा निगम पर निर्भर हो जाती हैं। सभी मिलों से कुल 539.5 मेगावाट बिजली प्रतिदिन यूपीपीसीएल को दी जाती है। इतनी बिजली से हजारों घरों की जरूरत पूरी की जा सकती है।
यूपीपीसीएल को इतनी बिजली देते हैं मिलचीनी मिल प्रतिदिन आपूर्ति
स्योहारा 12.5 मेगावाटधामपुर 500 मेगावाट बरकातपुर 12 मेगावाट बिलाई तीन मेगावाट अफजलगढ़ छह मेगावाट बुंदकी छह मेगावाटइनका कहना है...चीनी मिल में 30-30 मेगावाट के दो और 7.4 मेगावाट की एक टरबाइन है। वर्तमान में बिजलीघर पर प्रतिदिन 1224 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इसमें से करीब 500 मेगावाट बिजली प्रतिदिन यूपीपीसीएल को दे रहे हैं। पेराई सत्र बंद होने के बाद केवल 7.4
मेगावाट बिजली बनाई जाएगी। यह बिजली चीनी मिल में ही इस्तेमाल की जाएगी। -राकेश सिंह, पावर प्लांट हेड, धामपुर चीनी मिलमिल में पेराई सत्र शुरू होते ही यूपीपीसीएल को बिजली आपूर्ति शुरू कर दी जाती है। पेराई बंद होने पर पावर हाउस भी बंद कर दिया जाता है।-जयवीर सिंह, गन्ना महाप्रबंधक, बिलाई चीनी मिल
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