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कहीं जल रहा कूड़ा, कहीं पराली, गन्ना क्रेशरों पर फूंका जा रहा प्लास्टिक, बुलंदशहर में ऐसे कैसे होगा प्रदूषण नियंत्रण

बुलंदशहर में जिला प्रशासन प्रदूषण को कम करने के लिये तहसील स्तर और नगर निकाय स्तर पर कर्मचारियों को पानी के फुहारे लगाने के निर्देश दे रखे हैं वहीं सिकंदराबाद और अगौता क्षेत्र में नियमों को ताक पर रखकर प्रदूषण फैलाया जा रहा है।

By Parveen VashishtaEdited By: Updated: Tue, 23 Nov 2021 06:26 PM (IST)
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बुलंदशहर में मंडावरा गांव के बाहर लगे कूड़े में लगी आग

बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सरकारी दावों व हकीकत में बहुत अंतर है। जगह-जगह जहां कूडों के ढेर में आग लगाई जा रही है, वहीं खेतों भी पराली जलाने का क्रम जारी है। जिस कारण प्रदूषण कम होने की बजाय बढ़ रहा है। बढ़ते प्रदूषण के कारण आंखों में जलन व सांस लेने में सुबह व शाम परेशानी के कारण लोग त्रस्त है। 

प्रदूषण पर नहीं लग रही लगाम 

गत नवंबर माह से प्रदूषण की मार झेल रहे लोगों को राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है। हालांकि दो दिन से दिन भर तेज हवाओं के चलते दिन में एक्यूआई कम हुआ है, लेकिन अभी भी आसमान सुबह सूर्यादय व अस्त होने से पहले घंटों तक धुंध में रहती है। जिस कारण लोगों को अभी भी सांस व आंखों में जलन होने की परेशानी हो रही है। इस ओर प्रशासन द्वारा किसानों को पराली नहीं जलाने, नगर पालिका समेत ग्राम पंचायतों को कूड़ा नहीं जलाने के निर्देश जारी किए हुए हैं। जिस पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। स्थानीय प्रशासन की ओर से वायु प्रदूषण की रोकथाम को लेकर विभिन्न धुआं फैलाने वाली भट्टियों के साथ प्रभावी रोकथाम के प्रयास के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन स्थित उलट है।

सिकंदराबाद क्षेत्र में खूब जल रही पराली

सिकंदराबाद क्षेत्र में गांव-गांव धान की निकासी के बाद उसकी खेतों में पराली जहां जलाई जा रही है, वहीं गांव-गांव कूडे के ढेरों में आग सुलग रही है। जिससे निकल रहा विषैला धुंआ आसमान में छाने से लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बना रहा है, पर प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। न ही जागरूकता अभियान चलाया जा रहा। यही कारण है कि मंगलवार को जहां मंडावरा गांव के बाहर लगे कूड़े में आग लगने से निकल रहे धुंए के कारण लोग त्रस्त रहे, वहीं हाईवे स्थित आढा गांव मार्ग पर सड़क किनारे जलाई गई पराली परेशानी का सबब बन रही। इस संबंध में एसडीएम राकेश कुमार ने बताया कि ब्लाक अधिकारियों व लेखपालों को जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।

अगौता क्षेत्र में गन्ना क्रेशरों पर प्लास्टिक के प्रयोग से प्रदूषण को बढ़ावा

बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। जहां जिला ने प्रशासन प्रदूषण को कम करने के लिये तहसील स्तर और नगर निकाय स्तर पर कर्मचारियों को पानी के फुहारे लगाने के निर्देश दे रखे हैं, वहीं अगौता क्षेत्र के क्रेशरों पर गन्ने की खोई के स्थान पर प्लास्टिक का प्रयोग करने के मामले सामने आ रहे हैं। गन्ना क्रेशर मालिक बिना किसी खौफ के प्रदूषण को बढ़ावा देने से बाज नहीं आ रहे हैं।

बुलंदशहर सैदपुर मार्ग स्थित अगौता ब्लाक क्षेत्र में कुछ गन्ना क्रेशर संचालक खोई के स्थान पर प्लास्टिक का प्रयोग कर रहे हैं, जबकि जिला प्रशासन जिले में प्रदूषण को रोकने के लिये पूरी तैयारी से जुटा है। तहसील और नगर निकाय स्तर पर पानी के फुहारे लगाकर प्रदूषण को कम किया जा रहा है। अगौता क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से गन्ना क्रेशर संचालकों धड़ल्ले से प्लास्टिक का प्रयोग कर प्रदूषण को बढ़ावा दिया जा रहा है। क्रेशर की भट्ठी से निकल रहा जहरीला धुंआ ग्रामीण क्षेत्र में फैल रहा है। जिसके कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बुलंदशहर सैदपुर मार्ग से गुजरने वाले वाहन संचालकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी मामले में एसओ अगौता अमर ङ्क्षसह से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन रिसीव करना उचित नहीं समझा।