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सोतीगंज बंद हुआ तो कबाड़ियों ने खोज लिया नया ठिकाना, धड़ल्ले से चल रहा चोरी के वाहनों का कारोबार- एक चूक से राजफाश

मेरठ के सोतीगंज में बंद होने के बाद कबाड़ियों ने चोरी के वाहनों का कारोबार दिल्ली से संचालित करना शुरू कर दिया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने बुधवार को सोतीगंज के एक जनसुविधा केंद्र पर छापा मारा और पाया कि इस केंद्र से वाहन चोर गिरोह के खातों में पांच सौ से अधिक बार बड़ी रकम ट्रांसफर की गई है।

By Lokesh Sharma Edited By: Aysha Sheikh Updated: Thu, 07 Nov 2024 04:41 PM (IST)
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सोतीगंज बंद हुआ तो कबाड़ियों ने खोज लिया नया ठिकाना - प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, मेरठ। सोतीगंज बंद हुआ तो कबाड़ियों ने अपना ठिकाना दिल्ली को बना लिया। चोरी के वाहनों के काले कारोबार को धड़ल्ले से वहां से ही संचालित किया जा रहा है। वाहन चोर गिरोह के खातो में रोज लाखों रुपये ट्रांसफर किए जा रहे हैं। बुधवार को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने सोतीगंज के एक जनसुविधा केंद्र पर छापेमारी की। घंटों पूछताछ के बाद कई कबाड़ियों के घर पर छापा मारा, लेकिन वह हाथ नहीं आए।

दिल्ली क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया, जनसुविधा केन्द्र से वाहन चोर गिरोह के खाते में रुपया ट्रांसफर किया गया है। जिन लोगों ने यह रुपया ट्रांसफर किया, दिल्ली पुलिस अब उन्हें तलाश रही है।  एक माह से दिल्ली क्राइम ब्रांच मेरठ में डेरा डाले हुए है। उसकी निगाह सोतीगंज पर जमी है। चोरी के वाहनों के काले कारोबार से जुड़े रहे कुछ कबाड़ियों की वह सुरागरशीं कर रही है।

दिल्ली क्राइम ब्रांच के हाथ लगा सुराग

लगातार दबिश व काफी प्रयास के बाद भी वाहन चोरी के वाहनों की खरीद-फरोख्त करने वाले यह कबाड़ी हाथ नहीं आ रहे हैं। इन कबाड़ियों की जांच के दौरान दिल्ली क्राइम ब्रांच को पता चला कि सोतीगंज के एक जनसुविधा केंद्र से वाहन चोरी गिरोह से जुड़े कई लोगों व कबाड़ियों के खाते में पांच सौ से ज्यादा बार मोटी रकम आनलाइन ट्रांसफर की गई है।

दिल्ली पुलिस ने मारा छापा

दिल्ली क्राइम ब्रांच ने केंद्र संचालक को हिरासत में ले लिया। रुपये ट्रांसफर करने वाले लोगों के बारे में जानकारी पर अहम सुराग मिले। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन लोगों के घर छापा मारा जिनके खाते में रुपये आए या उन्होंने दिल्ली के वाहन चोर गिरोह के सदस्यों के खाते में ट्रांसफर कराए। सभी लोग घर से फरार मिले। पुलिस ने केंद्र संचालक के सारे आनलाइन अकाउंट के अलावा पेटीएम, गूगल- पे व फोन-पे का रिकार्ड भी चेक किया।

पूछताछ के बाद संचालक को छोड़ दिया गया। दिल्ली क्राइम ब्रांच के अधिकारी से जब पूरे मामले की जानकारी का प्रयास किया गया तो उन्होंने बात करने से इंकार कर दिया। सदर बाजार थाने के एसओ शशांक द्विवेदी से जानकारी की तो उन्होंने दिल्ली क्राइम ब्रांच के छापे की जानकारी से इंकार कर दिया। कहा, थाने पर किसी ने आमद दर्ज नहीं कराई है।

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