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श्मशान घाट से आ रही थी रोने की आवाज, भीड़ जमा होने पर पहुंची पुलिस, फिर झाड़ियों से जो निकला… देखकर चौंक गए लोग!

Meerut News - मेरठ में आठ साल के बच्चे उमर को मदरसे जाते समय अगवा किया गया। बदहवास हालत में श्मशान के झाड़ियों में बोरे में बंधा पाया गया। पुलिस को सूचित किया गया और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश की जा रही है। बच्चे ने बताया कि पीछे से किसी ने बोरा डाल दिया और उसे ले गए।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 29 Oct 2024 03:03 AM (IST)
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बालक को अगवा कर बोरे में बंद कर शमशान में फेंका, मौके पर जांच करती पुलिस।
जागरण संवाददाता, मेरठ। मदरसा जाते समय आठ साल के बच्चे को अगवा कर लिया। बोरे में बांध कर श्मशान स्थित झाड़ी में फेंक दिया। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़े। पुलिस को घटना की सूचना दी गई। पुलिस की मौजूदगी में बोरे को खोला गया। उसके बाद बदहवास हालत में बच्चे को बाहर निकाला गया। 

बच्चे का कहना है कि किसी ने पीछे से आकर उसके ऊपर बोरा डाल दिया। उसके बाद कोई पता नहीं चल पाया। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस बच्चे को अपहरण करने वालों की पड़ताल कर रही है।

यह है पूरा मामला

लिसाड़ीगेट के समर गार्डन स्थित पुदीना के खेत निवासी जमालुद्दीन सऊदी अरब में चालक है। उसकी पत्नी और बच्चे यहां पर रहते है। सोमवार को स्कूल में अवकाश होने की वजह से जमालुद्दीन के बेटे आठ वर्षीय उमर और सात वर्षीय उस्मान घर से मदरसा में पढ़ने जा रहे थे। उस्मान मदरसा पहुंच गया, जबकि उमर मदरसा नहीं पहुंचा। उस्मान के घर लौटने पर परिवार के लोग उमर की तलाश कर रहे थे। 

झाड़ियों के अंदर से बोरे में मिला बच्चा

इसी बीच सौ फुटा चौहानो के श्मशान घाट में झाड़ियों के अंदर से बोरा पड़ा हुआ था। वहां पर क्रिकेट खेल रहे बच्चों को झाड़ियों से बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी। तभी उन्होंने आसपास के लोगों को मामले की जानकारी दी। 

झाड़ी से बच्चे की रोने की आवाज पर आसपास के काफी लोग श्मशान में जमा हो गए, लेकिन कोई भी बोरे को खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। उसके बाद लिसाड़ीगेट पुलिस को मामले की जानकारी दी। 

सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने बोरे को खोला। उसके अंदर दूसरा बोरा बंधा था। दूसरे बोरे को खोला कि दो बाेरे खाली रखे थे। वह हटाए, तब अंदर से बदहवास हालत में बच्चा लेटा हुआ था। उसके मुंह से उल्टी हो रही थी। बच्चे को निकालने के बाद उसकी पहचान उमर पुत्र जमालुद्दीन के रूप में हुई।

किसी ने पीछे से डाला था बोरा

उमर ने बताया कि मदरसा जाने के लिए दोनों भाई साथ-साथ निकले थे। कुछ दूरी पर चलकर उस्मान काफी आगे हो गया था। तब पीछे से किसी ने उसके ऊपर बोरा डाल दिया। उसके बाद बोरे को कंधे पर रखकर ले गया। फिर कोई पता नहीं चल पाया कि वह कहां आ गया है। 

उसने बताया कि रोने की आवाज बाहर न आ सकें। इसलिए आरोपियों ने बोरे के अंदर बोरा डाला था। उमर को अगवा करने वाले कौन थे। अभी तक इसकी जानकारी स्पष्ट नहीं हो पाई है। सीसीटीवी के आधार पर बच्चे को अगवा करने वालों की तलाश की जा रही है।

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