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मेरठ में रैली की अनुमति लेकर बांटने लगे कंबल, मची भगदड़

मेरठ के जानी कस्बे में भीड़ बेरिकेडिंग तोड़कर कंबल वितरित कर रहे कार्यकर्ताओं से खींचतान करने लगी। यह देख कार्यकर्ता भी भीड़ को उसी के हाल पर छोड़कर भाग गए। इसके बाद बेकाबू भीड़ कंबलों के बंडल लूटने लगी।

By Parveen VashishtaEdited By: Updated: Mon, 03 Jan 2022 10:45 PM (IST)
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मेरठ में भीड़ कंबल वितरित कर रहे कार्यकर्ताओं से खींचतान करने लगी।
मेरठ, जागरण संवाददाता। माता वैष्णो देवी भवन पर भीड़ के बीच भगदड़ के बाद हुई जान-माल की हानि से भी पुलिस-प्रशासन कुछ सीखने को तैयार नहीं। सोमवार को कस्‍बा जानी में पुलिस के सामने भीड़ बढ़ती रही, नियम के विरुद्ध कंबल वितरण भी शुरू हो गया लेकिन पुलिस समय रहते कार्रवाई की बजाए मूकदर्शक बनकर देखती रही। नतीजा हुआ कि कंबल पाने की लालच में भीड़ के बीच भगदड़ मच गई और कई लोग घायल हो गए। फिलहाल आयोजकों के खिलाफ आइपीसी की धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

यह है मामला

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी युवजन सभा (प्रसपायुस) की सोमवार को जानी कस्बे में गंगनहर पुल के पास आयोजित जनसंकल्प रैली में कंबल वितरण के दौरान भगदड़ मच गई। भगदड़ में महिलाएं, बच्चे व बुर्जग घायल हो गए। कुछ लोग भगदड़ में गिरे तो लोग उनके ऊपर से भी जाते रहे। बेकाबू भीड़ को देखकर आयोजक भी मौके से भाग गए। हालात बेकाबू हो गए तो भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने लाठियां चलाईं। भगदड़ में गंभीर रूप से घायल तीन लोगों को मेरठ में भर्ती कराया गया है।

लोगों को कूपन देकर बसों से बुलाया गया था

रैली में सिवालखास विस क्षेत्र के कई गांवों से लोगों को कंबल वितरण के नाम पर कूपन देकर बसों से बुलाया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाए, बच्चे व बुजुर्ग पहुंचे। अमित जानी के संबोधन के बाद कंबल वितरण शुरू हुआ। उधर, कई घंटों से लाइन में खड़े लोगों की भीड़ बेकाबू हो गई। लोग कंबल लेने के लिए एक दूसरे पर टूट पड़े।

बेकाबू भीड़ लूटने लगी कंबलों के बंडल

भीड़ बेरिकेडिंग तोड़कर कंबल वितरित कर रहे कार्यकर्ताओं से खींचतान करने लगी। यह देख कार्यकर्ता भी भीड़ को उसी के हाल पर छोड़कर भाग गए। इसके बाद बेकाबू भीड़ कंबलों के बंडल लूटने लगी। जिसके हाथ जितने कंबल लगे, वह उतने ही लूटकर भागने लगा। इस भगदड़ में महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग नीचे गिरकर दब गए। उनकी चीखपुकार से चारों तरफ हाहाकार मच गया। वहां मौजूद चंद पुलिसकर्मियों ने लाठियां फटकार कर भीड़ को काबू करने का प्रयास किया। हालत बिगड़ते देखकर वहां पहुंची कई थानों की पुलिस ने लाठी फटकार कर भीड़ को कंट्रोल किया और अमित जानी को पुलिस सुरक्षा में रैली स्थल से निकाला। भगदड़ में सिवाल निवासी फातिमा, ढढरा निवासी खातून समेत दर्जनों महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग घायल हुए है।

पुलिस की हुई चूक, अनुमति से ज्यादा भीड़ कैसे पहुंची

पुलिस-प्रशासन ने जनसंकल्प रैली में केवल सौ लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन रैली में कंबल लेने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। सुबह से ही थाना पुलिस भी कई बार रैली स्थल का निरीक्षण कर चुकी थी, लेकिन पुलिस ने अनुमति से अधिक भीड़ जुटने पर आयोजकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि अमित जानी की सुरक्षा में लगी रही। इतना ही नहीं पुलिस ने न तो रैली में कोविड गाइडलाइन का पालन कराया और न ही जिले में लगी धारा-144 के तहत भीड़ जुटने पर आयोजकों पर कानूनी कार्रवाई की। अगर समय रहते पुलिस आयोजकों पर कार्रवाई कर देती और कंबल के बंडल मौके पर पहुंचने ही नहीं देती तो भगदड़ में कई लोग घायल नहीं होते।

अमित जानी को निजी मुचलके पर छोड़ा

पुलिस ने अमित जानी को सुरक्षित भीड़ से निकाला और हिरासत में रखा। बाद में 141 के तहत निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। कानून में प्रावधान है कि सात साल से कम सजा की धारा में दर्ज मुकदमे में थाने से जमानत दे दी जाती है। 

क्या है आइपीसी 188 

1897 के महामारी कानून के सेक्शन 3 के तहत यदि कोई सरकार, कानून के निर्देशों-नियमों को तोड़ता है, तो उसे आइपीसी की धारा 188 के तहत दंडित किया जा सकता है। इस संबंध में किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए निर्देशों का उल्लंघन करने पर भी यह धारा लगाई जाती है। अगर आपको सरकार द्वारा जारी उन निर्देशों की जानकारी है, फिर भी आप उनका उल्लंघन कर रहे हैं, तो भी आपके ऊपर धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसमें छह माह की जेल की सजा तक का प्रविधान है।

इनका कहना है...

आयोजकों ने रैली में सौ लोगों की अनुमति ली थी। आयोजन कार्यकर्ता सम्मेलन था। लेकिन वहां कंबल वितरण शुरू कर दिया गया था। आयोजकों के खिलाफ धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।

-केशव कुमार, एसपी देहात

भाजपा के क्षेत्रीय विधायक जितेन्द्र सतवाई जनता का मेरे प्रति प्यार देखकर भयभीत हैं। इसलिए उन्होंने रैली को फ्लाप करने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को ग्रामीणों के बीच घुसाकर अव्यवस्था फैलवाई है। यदि हमारे लोगों को कंबल लूटने होते तो दो दिन से करोड़ों के कंबल खुले में पड़े थे, वे लूट सकते थे।

-अमित जानी, कार्यक्रम आयोजक

मेरा इन छोटी बातों से कोई मतलब नहीं है। ये गरीब लोगों को पंजीकरण के नाम पर ठग रहा है। रैली में हुए इस उपद्रव से कोई संबंध नहीं है।

-जितेन्द्र सतवाई, क्षेत्रीय भाजपा विधायक

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